सेहत – यूपी वालों के लिए गुड न्युज, गाजियाबाद में खुलागा एम्स का सेटेलाइट सेंटर, ऐसे मिलेगा इलाज
गाजियाबाद में एम्स सैटेलाइट केंद्र: यूपी के दूर-दराज से इलाज के लिए दांतों की समस्या से राहत पाने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब चिपचिपे के ऑल इंडिया इनिट ऑफ मेडिकल साइंसेज की भीड़ भीड़ में इलाज के लिए नहीं भटकना चाहती है, बल्कि अब चिपचिपी यह इलाज गाजियाबाद में ही मिल जाएगी। पिशाच योगी आदिम प्रोटोटाइपनाथ ने रविवार को ही गाजियाबाद में एम लॉन्च का सेटेलाइट इलेक्ट्रॉनिक्स सेंटर की घोषणा की है। जहां मजदूरों को एम चार्टर के डॉक्टरों द्वारा ही इलाज दिया जाएगा।
ग़ाज़ियाबाद प्रशासन जिले की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यह केंद्र ग़ाज़ियाबाद के वसुन्धरा में बनाओ। वसुन्धरा के सेटर 7 और 8 के बीच में आवास विकास की करीब 70 एकड़ जमीन खाली है, ऐसे में एक हिसासे में एम नॉवेल के सेटेलाइट सेन्टर की योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में कार्रवाई शुरू हो चुकी है.
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बता दें कि अभी तक प्लास्टिक एम मोर्टार में इलाज के लिए डीएच ट्रक खाने वाले ग़ाज़ियाबाद में सेंटर सप्लाई से बड़ी राहत मिलने वाली है। यहां एम निष्कर्षण के ही डॉ. ट्रक्टर और एक निष्कर्षण पार्ट प्लास्टर को स्पीयर से लेकर सर्जरी तक की सुविधा मिलेगी। बता दें कि यहां एम अल्ट्रासाउंड लिबरेशन सेंटर का एक बड़ा नशा लिबरेशन सेंटर पहले से चल रहा है, हालांकि अब यहां सेटेलाइट सेंटर बनने से ड्रिलिंग, सर्जरी, ओटीआई, लैबोरेटरी जांच, मेडिकल प्रोफेशनल क्लिनिक जैसी मेडिकल दवाएं भी मिलेंगी।
बल्दलभगढ़ में सबसे पहले चल रहा है सेटेलाइट सेंटर
बता दें कि एम् फ्लैक्स का एक सेटेलाइट सेंटर हरियाणा के बलबलगढ़ में भी चल रहा है। बल्दलभगढ़ एम नॉचमेंट सेटेलाइट सेंटर में सेटेल प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन डॉ. हर्षल साल्वे न्यूज़18हिंदी बातचीत में बताया गया है कि यह 50 बिस्तरों वाला अस्पताल है, यह हरियाणा सरकार की मदद की सेवा है। यहां हैं 10 बेड के प्लांट. इस केंद्र पर मेडिसिन, पीडियाट्रिक, सर्जरी, ऑथियोटिक आदि की कंपनियां हैं। एएनसी लेक्ट्रिनिक और कई मूल्यवान पेशिलिटी लेक्ट्रिनिक शॉक भी चलते हैं। लैबोरेटरी स्टोर्स में एम.आर.आई. की सुविधा भी शुरू हो गई है। यदि यहां कोई गंभीर उपचार रोगी आता है, जिसका यहां इलाज हुआ है और उसे टर्शिएरी केयर की आवश्यकता है तो उसे यहां के जिला अस्पताल या सफदरजंग या एम एलान्शिएलिक में रेफर किया जाता है। वहां उन नौकरियों को प्राथमिकता दी जाती है।
डॉ. साल्वे का कहना है कि इस केंद्र पर एम एनएम का ही स्मारक है। एम का कम्युनिटी मेडिसिन ही इस केंद्र को प्रदर्शित करता है। यहां दवा से लेकर अंतिम तिथि तक सब एम निष्कर्षण का है। यहां पर पुष्टिकरण लक्षण एसआर एम खंडाल से आक्षेप पर उपचार करने के लिए आते हैं।
गंभीर परेशानी हो फैन रफ़र
जिस तरह के बल दललबगढ़ के सेंटर से गंभीर मिट्टी को भी एम ज्वालामुखी में रफर किया जाता है और अलग-अलग जगहों पर बनाया जाता है, उसी तरह से गाजियाबाद के इस सेटेलाईट सेंटर में आने वाले गंभीर मिट्टी को भी एम के बंधन में रफर किया जाता है।
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पहले प्रकाशित : 20 सितंबर, 2024, 11:23 IST
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