सेहत – सबसे ज्यादा मोबाइल चलाएंगे तो नपुंसक बन जाएंगे! अरे हकीकत ने ये क्या कहा, सच जानकर हैरान रह गए

सेल फ़ोन के उपयोग से शुक्राणुओं की संख्या पर प्रभाव: इसमें हर विशेष के हाथ में मोबाइल पर नजर डाली जाती है। युवाओं के लिए प्रॉपर्टी का क्रेज सबसे ज्यादा देखा जा सकता है। मेट्रो हो, बस हो या फिर कोई भी पब्लिक प्लेस हो, ज्यादातर युवा फोन में जुड़े हुए होते हैं। फोन बड़े काम की चीज है और इससे घर बैठे कई काम हो सकते हैं, लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। यह जानने के बाद कि फोन का उपयोग करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता ख़राब हो सकती है। यह बात कई रिसर्च में सामने आई है। फोन का सबसे बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है।

यूएस का नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन फॉर्मेशन (एनसीबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार एक बड़े पैमाने के अध्ययन से पता चला है कि मोबाइल फोन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने से स्पर्म की मात्रा और सीमा में गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है। साल 2023 की एक जांच में पता चला कि 18 से 22 साल के जिन पुरुषों ने एक दिन में 20 से ज्यादा बार अपने फोन का इस्तेमाल किया, उनमें स्पर्म कम होने का खतरा अन्य पुरुषों की तुलना में 21% ज्यादा था। फोन के इस्तेमाल से स्पर्म कंसंट्रेशन लो होने का खतरा भी 30% ज्यादा था। फोन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल इंफर्टिलिटी की वजह बन सकता है।

पिछले 5 दशकों में समुद्र तट पर पुरुषों के स्पर्म कोट में 50% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके कई कारण सामने आए हैं। एक्सपर्ट्स वाली बात यह है कि मोबाइल फोन के युग में स्पर्म क्वॉर्टर और स्पर्म क्वालिटी कम करने वाले फैक्टर्स भी शामिल हैं। अब तक कई अध्ययनों में यह भी कहा गया है कि मोबाइल फोन की वजह से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। हालाँकि इस पर कई प्राचीन से बहस हो रही है। अलग-अलग अध्ययन में इसे लेकर नए-नए दावे किए जा रहे हैं। हालाँकि यह भी सच है कि कॉन्स्टैंट मेन की स्पर्म क्वालिटी गिर रही है, जो बेहद मालकिन है।

टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कई बड़े नुकसान होते हैं, हमारी जिंदगी पर बुरा असर पड़ सकता है। फार्मास्युटिकल का मुख्य रूप से उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जैसे कि चिंता और अवसाद। प्रौद्योगिकी के कारण शारीरिक रोग में कमी आ गई है, जिससे जीपी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। बच्चों को टेक्नोलॉजी से दूर रखा जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनके पोर्टफोलियो पर असर पड़ता है और उनके अध्ययन के लैपटॉप प्रभावित होते हैं। अगर आप अपनी सेहत को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो उपकरण का इस्तेमाल कम से कम करें।

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