सेहत – तो बताइये, खाने-पीने की नींद में छूट गया है कैंसर फैलाने वाला जहर! पढ़ाई की बातें से डर जाएं आप
स्तन कैंसर का कारण: जरा बताओ तो क्या आपने कभी सोचा होगा कि हम पिज्जा में बंद जिस चिप्स, बिस्कुट, प्लास्टिक, टॉफी, चॉकलेट को खाते हैं क्या उनमें कैंसर फैलाने वाला खतरनाक केमिकल चला गया है। कभी ऐसी बात दिमाग में भी नहीं होगी आति होगी लेकिन किशोर अनुसंधान से हर किसी की आंख खुलेगी। इस अध्ययन में पाया गया है कि चिप्स में जो खाद्य पदार्थ पाए जाते हैं, संपर्क में जो खाद्य पदार्थ आते हैं (फूड कॉन्टेक्ट मैटेरियल), उनके वर्गीकरण कैंसर के लिए जिम्मेदार लगभग 200 केमिकल घुसेड़े हैं। ये खाद्य पदार्थ खाद्य पदार्थों के साथ चिपक जाते हैं, क्योंकि धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-भाड़ वाले खाद्य पदार्थों में ये केमिकल जोखिम आ गया है और डेयरी उत्पादों को हम खा लेते हैं। इसे खाने के बाद कैंसर हो ही जाता है, ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन अध्ययन की पढ़ाई तो इससे जुड़ी है कैंसर हो सकता है.
कैंसर वाले 79 केमिकल
सी.एन. की रिपोर्ट में इस अध्ययन के लेखक और स्विट्ज़लैंड में फ़ार्म फ़ार्मिंग फ़ोरम के साथ काम करने वाली कंपनी जेन मुनके का कहना है कि इस बात का पक्का सबूत है कि दुनिया भर में फ़ार्म निर्माण के लिए जो चीज़ें इस्तेमाल की जाती हैं, वे कम से कम 76 हैं ऐसे केमिकल पाए जाते हैं जो खतरनाक कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं। मुनके कहते हैं कि जिन नी के बारे में हमें पक्के तौर पर पता है कि ये कैंसर कारक रसायन होते हैं, कम से कम उन नी को हम अपने जीवन से इस तरह के कैंसर से बचा सकते हैं। इस अध्ययन में कैंसर के जिम्मेदार व्यक्ति भी केमिकल पाए गए हैं, वे 40 साल पहले से बेहद खतरनाक केमिकल के रूप में उभरे हैं।
किन नीग्रो में होते हैं केमिकल
अध्ययन में कहा गया है कि फूड कॉन्टेक्ट मैटेरियल में कैंसर कारक तत्व घुसेड़ते हैं। फ़्रैंच कॉन्टेक्ट का मतलब है कि जो फ़ायर हम खा रहे हैं, उस फ़ायर को बनाने से लेकर टिन फ़्रैंचाइज़ तक में उसके संपर्क में हैं। मसलन अगर हम चॉकलेट बेक करते हैं तो चॉकलेट के लिए चीनी, कोकोआ, अन्य तरह के केमिकल की जरूरत होगी। इसे बनाने के लिए पॉश्चर की जरूरत होगी। इसे दोबारा बनाने के लिए अलग-अलग तरह के सामान की जरूरत पड़ेगी। ये सब चीजें खाद्य पदार्थ कॉन्टेक्स्ट मैटेरियल कहलाते हैं। प्लास्टिक वाली फिल्म, प्लास्टिक, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक प्लास्टिक, प्लास्टिक प्लास्टिक, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, प्लास्टिक सामग्री, धातु, प्लास्टिक सामग्री। सुपरमार्केट में 40 केमिकल निकाले गए हैं जो कैंसर दे सकते हैं।
50 से कम उम्र की महिलाएं सबसे ज्यादा
विशेषज्ञ का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में बेचैनी कैंसर के मामले सामने आए हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के डॉ. लेन लिचेनफ़ील्ड का कहना है कि युवा महिलाओं में भी चिंता का विषय होता है। इसके लिए मोटापा, मोटापा, बायोएक्टिविटी की कमी हो सकती है लेकिन इसके घटक भी होते हैं। ऐसे कई कारण हैं जिनके बारे में आपको अभी भी पता नहीं है। अभी हमें यह संकेत मिलता है कि काफी लंबे समय तक रहना जरूरी है कि किन नीजी से निरपेक्ष कैंसर अधिक होता है। अवलोकन कुछ केमिकल तो अवशेष अधिकतर ख़राब होते हैं। 2007 के एक अध्ययन में जब कैलाश कैंसर से पीड़ितों के टूटे हुए ट्यूमर का अध्ययन किया गया तो इसमें 216 केमिकल पाए गए थे। उदाहरण सूची इसकी लंबी है. यही बेहतर है कि जिन नी के बारे में हमें पता है, उसे वहीं छोड़ दें।
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पहले प्रकाशित : 25 सितंबर, 2024, 10:58 IST
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