सेहत – एक हफ्ते में 300 से ज्यादा लोगों का आतंक, इन अस्पतालों में 300 से ज्यादा मरीजों का इलाज

रेनथमने के साथ ही स्केच ने आतंक फैलाना शुरू कर दिया है। पिछले एक सगुप्ता में ही अभिलेख के 300 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं। फिलीफ नगर निगम के ये आंकड़े भी डरा रहे हैं कि इस साल में पहली बार 7 दिनों के भीतर विकास के इतने मामले सामने आए हैं। सिर्फ लेबल ही नहीं मॅचेड्रॉन के कटर से होने वाली और प्लास्टिक मलेरियल और चिकनगुनिया के केस भी पिछले साल के ग्रुप इस साल के हैं।

फिलीफ नगर कॉरपोरेशन ने 21 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट में एक सप्ताह के अंदरूनी चित्र के 300 से अधिक प्रतिभागियों के सामने आने की पुष्टि की है। वहीं अभी तक वास्तविक में खंडित सूची का कुल पात्र 1229 है। दिल्ली में इस महीने तक मलेरियल के भी 363 मामले सामने आ चुके हैं, जो कि 2023 की इसी अवधि में 294 केस के सामने आए थे।

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रेटिंग की वजह से अभी तक दो लोगों की मौत भी हो गई है, इनमें एक मरीज की मौत एलएनजेपी हॉस्पिटल और दूसरे की सफदरजंग हॉस्पिटल में हुई है। जबकि इन दोनों में हॉस्पिटलों में आर्किटेक्चर के लिए अलग-अलग वर्ड भी बनाए गए हैं।

इन 35 क्लिनिकल में तैयार-चिकनगुनिया का इलाज
नेशनल सेंटर फॉर वी लीलर बॉर्न डिजीज कंट्रोल की ओर से सेल्फिन में 35 क्लिनिकल की लिसा मदरसा तैयार की गई है, जो न केवल तैयारी, चिकनगुनिया के मरीज का इलाज करेगा बल्कि बीमारी और उसके ट्रेंड का डेटा भी इकठ्ठा करेगा। सफदरजंग अस्पताल में सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर प्रयोगशाला अस्पताल, एलएनजेपी, जेटबी, लाल बहादुर शास्त्री, महर्षि बाल्मिकी, दीन मुरली उपाध्याताल, संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, आर्मी अस्पताल, बाबूजगजीवन राम स्मारक, कस्तूरबा अस्पताल, दीपचंद बंधन, कलावती सरन, जीबी पंत, जग प्रवेश चंद आदि अस्पताल शामिल हैं। मरीज़ इन अस्पतालों में उपचार करा सकते हैं।

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