सेहत – व्याख्याकार: भारत में मिला मांकी पॉक्स का जन्मजात स्ट्रेन, क्या है ये? कैसे होती है बीमारी, क्या हैं लक्षण
स्वास्थ्य केंद्रीय मंत्रालय ने मंकी पॉक्स या एम्पॉक्स से स्टॉक शेयर बाजार की शुरुआत की है। राज्य में एमपॉक्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सख्त उपाय लागू करने को कहा गया है। केंद्र सरकार की कंपनी केरल में एम्पॉक्स के दूसरे मामले की पुष्टि के बाद आई है। हाल ही में प्लास्टिक से 26 साल के शख़्स की हालत खराब हो गई और जांच में एमपॉक्स का पता चला। इससे पहले पिछले सप्ताह केरल में एमपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। तब भी फ्रीक्वेंसी से 38 साल के व्यक्ति में एमपॉक्स का क्लेड 1बी स्ट्रेन पाया गया था, जो काफी घातक माना जाता है।
एमपॉक्स का नया स्ट्रेन क्या है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबित भारत तीसरा गैर अफ्रीकी देश है, जहां एमपॉक्स का क्लेड 1बी स्ट्रेन पाया गया है। इससे पहले अफ्रीकी देश कांगो के अलावा सिर्फ स्वीडन और किश्ती में क्लेड 1बी स्ट्रेन पाया गया था। मंकी पॉक्स के मुख्य रूप से दो स्ट्रेन होते हैं। पहला स्ट्रेन ‘क्लेड-1’ है, जो अभी तक अफ्रीकी देशों में पाया गया था। यह सबसे घातक स्ट्रेन है और इसके पहाड़ में आने वाले करीब 10 फीसदी लोगों की मौत हो गई। दूसरा है ‘क्लेड-2’. यह कम वाणिज्यिक स्ट्रेन है और अधिकतर देशों में यही स्ट्रेन फैला हुआ है। इस स्ट्रेन की चपेट में आने वाले 99.% लोग ठीक हो जाते हैं।
एमपॉक्स कैसे है?
एमपॉक्स एक जूनोलॉजिकल बीमारी है। ये इंसानों से अलग हो सकते हैं और इंसानों से अलग हो सकते हैं। इसी तरह इंसानों से इंसानों में पता लगाया जा सकता है। WHO का कहना है कि एमपॉक्स मैनकीपॉक्स वायरस का कारण होता है, जो ऑउटपॉक्सवायरस जीन का सदस्य है। यह थोक व्यापारी, थोक व्यापारी या थोक व्यापारी के साथ नजदीकी संपर्क के माध्यम से उपलब्ध है।
मांकी पॉक्स के लक्षण
– सिर दर्द-बुखार
– संयोजन में दर्द
– ठंड लगना और थकान शामिल
– पेट में दर्द-ग्लेज़ में सूजन
– शरीर पर चकाटे या फ़ोले जैसे दाना
– गुप्तांगों पर पानी वाले दानें या छाले
अब केंद्र सरकार की फ्रेमवर्क की बात
क्या करें
1. अंतिम जांच की तत्काल जांच: केंद्र सरकार ने राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि संदिग्ध एमपॉक्स मामलों की तत्काल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजी जाए। यदि रिपोर्ट प्रमाणित है तो वायरस के स्ट्रेन की पहचान के लिए आईसीटिक मॅग-इनवी को शेयर करें।
2. पीसीआर किट का उपयोग: केंद्र सरकार ने राज्य से वायरस का नेटवर्क पता लगाने और रोकने के लिए आईसीटी मॅच्युट द्वारा एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में जांच का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि टेस्ट के लिए अधिक से अधिक स्टॉक किट का भी उपयोग करें। देश भर में 36 सीआईसीआई मटेरियल-आटेरेन्ड लैब्स हैं। साथ ही आईसीटी मार्केट्स द्वारा व्यापारियों और सीडीएससीओ द्वारा एट्रेंडलैंड द्वारा तीन एम्पोक्स औक्सिकेशन किट भी बाजार में उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से जांच की जा सकती है।
3. लक्षणात्मक उपचार: स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य को मैनचेस्टर मैनचेस्टर का पोर्टफोलियो से पालन करने का निर्देश दिया है। अभी एमपॉक्स का लक्षण वास्तविक उपचार अर्थात सिम्प्टो का निर्माण होता है। एमपॉक्स के लिए कोई खामी दवा या इलाज नहीं है। जो भी सिंपटो क्रिएटिविटी पर जोर देता है। जैसे चट्टे को दूर करने के लिए उसकी दवा या दर्द के लिए पेनकिलर आदि।
4. निजीकरण सुविधा विकास करें: स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयोगशालाओं से जांच और परीक्षण एमपॉक्स मामलों के लिए सहायक उपकरण स्थापित करने को कहा है। साथ ही स्वास्थ्य मशीनरी को प्रशिक्षण देना भी कहा गया है।
5. बेरोजगार बेरोजगारों को आइसोलेट करें: किसी भी संदिग्ध एमपॉक्स मरीज को तुरंत आइसोलेट करें। इसके बाद बीमारी और न फाइल, इसके लिए वर्गीकरण उपाय लागू करें।
6. अव्यवसायी: स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य से कहा है कि एमपॉक्स तो लेकर जागरूकता कार्यक्रम। लोगों को बीमारी के कारण, लक्षण, रोकथाम और समय पर रिपोर्ट करने की आवश्यकता है।
पहले प्रकाशित : 28 सितंबर, 2024, 11:44 IST
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