सेहत – करौली के नए और पुराने अस्पतालों को मिली एक-एक फुली ऑटोमेटिक बायोकेमेस्ट्री मशीन.. 1 घंटे में होगी 200 मरीजों की जांच

मोहित शर्मा/करौली. जिले के पुराने और नए डिजाइन में अब मृतकों को किडनी और प्रोटोटाइप की जांच के लिए परेशानी नहीं उठानी होगी। पहले बायोकेमिस्ट्री मशीन में इन-प्रवेश नहीं था, इसी कारण से निजी जांच केंद्र पर जाना हुआ था। कई बार तो उन्हें बाहर भी जाना पड़ा। अब दोनों प्रयोगशालाओं में एक-एक नई बायोकेमिस्ट्री जांच मशीन स्थापित की गई है।

जिला मुख्यालय के पुराने जनरल हॉस्पिटल और न्यू मदर्स एंड हॉस्पिटल हॉस्पिटल में यह भंडार स्थापित किया गया है। ये मशीन पूरी तरह से स्वचालित है, जो कि गरीबों को बेहतर बनाती है। ओ डॉक्टर. रामकेश मीनार ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि गरीबों की सुविधा के लिए जिला कलेक्टर के निर्देशन में ये मशीन लगवाई गई है। मशीने लाग जाने से लोगों को बेहतर चिकित्सक डॉक्टर मिलें।

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इन समितियों के माध्यम से एक घंटे में लगभग 200 लार्सन की लिपिड प्रोफाइल और किडनी फैंटेसी टेस्ट जैसी महत्वपूर्ण जांचें की गईं। जानकारियों के अनुसार जिले के मंदीर हॉस्पिटल में ये मशीन पहली बार पेश की गई थी, जहां की मशीनों को बेहतर ऑर्डर दिया गया था। इस नई व्यवस्था से अब जांच के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है, जिससे उनके समय और धन दोनों की बचत होगी। अस्पताल में बायोकेमिस्ट्री छात्र भर्ती से स्वास्थ्य सेवा और अधिक प्रभावी आवश्यकता और लोगों को चिकित्सा में बेहतर सुविधा मिलेगी।


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