सेहत – आप कितने दिनों तक ब्रूस बनाते हैं? अगर तीन दिन नहीं चलेंगे तो पूरा ओरल हेल्थ का बज उठेगा बैंड
अपने दाँत ब्रश न करने के जोखिम: सुबह की शुरुआत के बाद सबसे पहले काम करने वाले लोगों के दांतों में ब्रूस होना होता है। दांतों में ब्रश करना बहुत जरूरी है। इसलिए बचपन से माता-पिता ब्रश करते हैं। दांतों में अरबों कण और सूक्ष्म कण का घर होता है, इसलिए ब्रश करने के बाद यह कम हो जाता है। अगर आप एक हफ्ते तक ब्रश नहीं करते हैं तो इसके कई खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं। अगर आप दांतों में ब्रश नहीं करेंगे तो दांतों के बीच में प्लाक (चिपचिपा बैक्टीरिया) जमा हो जाता है। यह कैविटी और गम वाली समस्या का कारण बन सकता है। यदि आप एक सप्ताह या दो सप्ताह तक ब्रूस नहीं लेंगे तो गम में सूजन, रेडनेस और इंफेक्शन हो जाएगा। इसे गिंगिवाइटिस की बीमारी कहा जाता है। अगर आप एक या दो हफ्ते तक दांतों में ब्रश नहीं करवाएंगे तो इससे कई खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। यहां तक कि अस्पताल तक जाने की नौबत आ सकती है।
दांतों में ब्रश करने से नहीं होता कोई नुकसान
1. हार्ट डिजीज का खतरा-दांतों में ब्रश न करने से मुंह में जो खराबी होगी और उसके दांतों में जो संक्रमण होगा उसका परिणाम बेहद मामूली है। इससे बुरा ये होगा कि ऐसी बीमारी होगी जिसे आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा. सबसे पहले यह हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ाता है। स्कूल डेंटिस्ट्री के लिए टेक्सास सेंटर के अनुसार अगर आपके मौखिक स्वास्थ्य खराब है तो इसका कारण आपका दिल भी खराब हो सकता है। दांतों के पाउडर का खून दिल तक पहुंचता है और इससे दिल में सूजन बढ़ सकती है। इससे हार्ट डिजीज हो सकता है।
2. सांसों से जुड़ी परेशानियां-अगर दांतों की सेहत खराब होगी तो इससे जुड़ी सांसों से जुड़ी समस्या बढ़ेगी। दांतों के डॉक्टर की बीमारी को बढ़ाएंगे और जब आप सांस लेंगे तो यह लंग्स में सफर कर जाएंगे। यही से सांसारिक संबंधों का कारण बनेगा.
3. कामगार-अगर आप पहली बार सेंध लगाते हैं तो दांतों से निकाले गए शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाएं। क्योंकि दांतों के बीच शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है।
4. इरेक्टाइल डिसफंक्शन-दांतों की गंदगी आपके यौन सुख में बाधा डाल सकती है। अगर दांतों की सही से सफाई नहीं होगी तो रेक्टल डिसफंक्शन का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि दांतों के रिचार्ज ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचाया गया है।
5. किडनी डिजीज-डेंटल हाईजीन किडनी की बीमारी के खतरे को भी बढ़ा सकता है। दांतों के टुकड़े खून की नालियों में डायरिया उसे अच्छा करने पर मजबूर कर देता है जिसके कारण डायाफ्राम पर अतिरिक्त लोड बढ़ जाता है। यह बायोलॉजिकल किडनी में सूजन को भी बढ़ाता है जिससे किडनी की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
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पहले प्रकाशित : 17 अक्टूबर, 2024, 11:11 IST
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