सेहत – इस-फूस को लिवर के लिए क्यों माना जाता है संजीवनी, रत्तीभर में ही है पावर पैक मेडिसिन, ऑक्सीजन का फॉर्मूला
स्वस्थ लीवर के लिए दूध थीस्ल: आपने मिल्क थिसल का नाम क्या सुना है? यह एक घास है. दूध इसे पत्र भी कहा जाता है. सौतेले से इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की प्रयोगात्मक क्रियाओं में किया जा रहा है। कुछ शोध के बाद यह घास-फूस सुपरफूड बन गया। यह लिवर के लिए पावरफुल पैक माना जाने लगा है। मिल्क थिसल से लीवर में होने वाली कई तरह की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। जहां इसके इस्तेमाल से लिवर तो मजबूत होता ही है, वहीं कई अन्य खतरों का खतरा भी कम हो जाता है। पारंपरिक रूप से इस औषधि का उपयोग हजारों वर्षों से लीवर और पित्ताशय के कई रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है। इसे हर्बल चाय, कैप्सूल, टिंचर, तेल या पाउडर के रूप में लिया जा सकता है।
लिवर के लिए पावरपैक क्यों है
लिवर के सेल्स को ठीक करने में एनसीबीआई के अनुसार मिल्क थिसल से बहुत मदद मिलती है। इसके कई कारण हैं।
1. लिवरेज डैमेज से सुरक्षा: टीओआइ की खबर में कहा गया है कि मिल्क थिसल में मौजूद सिलीमारिन अवशेष, औषधियों और प्रदूषण के कारण शरीर में मिडिल मक्खियों से जो लिवर को नुकसान पहुंचा है, वह सुरक्षा प्रदान करता है।
2. लिवर की सूजन को कम करना- मिल्क थिसल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है। अर्थात यह क्रोएस्ट, हेपेटाइटिस, नॉन क्रोएस्टिक समूह लिवर डिजीज आदि के कारण जो लिवर डैमेज होता है, उसे फर्म से ठीक किया जाता है।
3. लिवर रिग्रोगेट्स- मिल्क थिसल में लीवर को हिलाने की शक्ति होती है। सिलिमारिन लिवर सेल्स में प्रोटीन सिंथेसिस को उद्दीपित करता है जिससे लिवर सेल्स की निकासी होती है और लिवर की कार्यक्षमता की क्षमता बढ़ जाती है।
4. अस्थमा और सिरोसिस से बचाव– मिल्क थिसल लिवर में कोलेजेन के जमाव को कम करता है जिससे स्कोलैसिस और सिरोसिस बॅल्कर का खतरा कम हो जाता है।
5. संशोधन में सुधार- मिल्कथिसल वर्जिन रेजिस्टेंस को सुधारता है। इससे फास्टिंग शुगर लेवल कम हो सकता है। यह मेटाबॉलिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और लिवर डिजीज के खतरे को भी कम करता है।
मिल्क थिसल के ये फायदे भी जानें
टीओआई की खबर के मुताबिक, मिल्क थिसल में मौजूद सिलीमारिन कंपनी ही वह चीज है जो कई तरह की बेकार में काम करती है। मिल्क थिसल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और इसमें सूजन-रोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। दूध पत्र से केवल लीवर को डिटॉक्स करने में मदद नहीं मिलती है बल्कि इससे डायहाइड्रेशन और अन्य फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को भी ठीक किया जा सकता है। सिलीमारिन लिवर के न्यूट्रिशन को सक्रिय करता है जो लिवर को रिग्रो करने या डैमेज करने से लिवर के इलाज में मदद करता है। यानी अगर लिवर अलग-अलग खराब स्थिति में दिखता है, तो इस कंपनी में मिक्स थिसल मौजूद है और उसकी सेल फिर से बढ़ती है।
मात्रा मात्रा में लें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मिल्क थिसल को एक दिन में 700 मिलीग्राम तीन बार सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है, लेकिन 6 महीने से अधिक इसे नहीं लेना चाहिए। इसके साथ ही कुछ लोगों के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता है। जैसे कि कुछ लोगों को मिल्क थिसल लेने से पेट फूल सकता है तो कुछ लोगों को सिरदर्द या एलर्जी हो सकती है। श्रमिकों की दवाइयों पर रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। वहीं गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं लेना चाहिए। यदि आप इन सामग्रियों में मिश्रण थिसल लेते हैं तो इसे पहले डॉक्टर से सलाह के अनुसार लेना चाहिए।
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पहले प्रकाशित : 24 अक्टूबर, 2024, 18:09 IST
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