सेहत – कहीं माउथवॉश और टैंग इम्पीरियल से तो नहीं रही ओरल हाईजीन? इसका प्रयोग हर किसी को क्यों नहीं करना चाहिए?

चेहरे पर मस्कारे हर किसी को अपनी तरफ से आकर्षक खूबसूरत मूर्तियां हैं। खिलखिलाता चेहरा पर्सनैलिटी की सबसे अलग रचना है। मुस्कान तब सुंदर दिखती है जब दांत मोती जैसे सफेद हो, साफ हो और मुंह से बदबू नहीं आ रही हो। ओरल हाईजीन ना केवल मुंह की बल्कि शरीर की सेहत को भी मापता है। कुछ लोग इसके लिए दिन 2 बार ब्रूस करने के अलावा माउथ वॉश और टैंग बंदर का भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन कभी-कभी ये चीज़ें ओरल हाईजीन भी ख़राब हो सकती हैं। इसका सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है।

माउथवॉश माउथ के महान क्रांतिकारी का अंत!
दिल्ली के पब्लिक डेंटल हर जगह दंतचिकित्सक डॉ. डेरे कहा जाता है कि मुंह में ओरल फ्लोरा होता है जिससे अच्छे और बुरे बुकमार्क के बीच का नाम बनता है। माउथवॉश एक एंटीसेप्टिक डायमेंशन होता है जो माउथवॉश के साथ ही अच्छे चर्चे को भी प्रभावित करता है। माउथवॉश दांत और जीभ पर रहन-सहन पर असर पड़ता है लेकिन इसका इस्तेमाल हर किसी को नहीं करना चाहिए।

ओरल हाईजीन अच्छा नहीं, इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए
डॉ. डेरे कहा जाता है कि जिन लोगों को ब्रश करने के बाद भी ओरल हाइजीन अच्छी नहीं लगती, युवा लोगों को माउथवॉश का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है। इसे डॉक्टर की सलाह पर ही उपयोग करें। ओरल हाईजीन को देखते हुए इसकी सही मात्रा भी बताई गई है। माउथवॉश को ब्रश करने के बाद ऐसा करना चाहिए।

माउथवॉश को दिन में 2 बार ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए (Image-Canva)

दांत पर दाग लगाया जा सकता है
अगर लंबे समय तक माउथवॉश का इस्तेमाल किया जाए तो इससे दांतों पर दाग लग जाते हैं। इसका प्रयोग बीच-बीच में 1 सप्ताह के लिए रोका जाना चाहिए। कुछ लोग दिन में हर बार खाना खाने के बाद माउथवॉश से माउथवॉश कर लेते हैं अमेरिकन डेंटल असोसिएशन माउथवॉश के अनुसार दिन में 2 बार ब्रश करने के बाद ही यूज़ करना चाहिए। इसके अलावा 6 साल के छोटे बच्चों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें आयरन और फ्लोराइड की मात्रा अधिक होती है।

माउथवॉश से क्या हो सकता है कैंसर?
अमेरिका में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि माउथवॉश मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है। माउथवॉश में कैंसर होने की वजह से माउथ की म्यूकस मेम्ब्रेन रिलैक्स जैसी बीमारी होती है, जिससे आईआर प्लांटेशन होता है और कैंसर का कारण बनने वाले कार्सिनोजन (कार्सिनोजन) माउथवॉश में म्युकस मेम्ब्रेन का खतरा बढ़ जाता है। वैसे जनरल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी एक नामी कंपनी के कूल मिंट माउथवॉश पर अध्ययन और चेतावनी जारी की गई है कि इसके इस्तेमाल से ओरल विकार और ओरल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही हाई ब्लड वर्कपीस से भी कनेक्शन कनेक्शन है।

टंग इफ़ेक्शन से प्रभाव
ब्रूस बनाने के बाद अक्सर लोग टैंग मॉनिटर का भी इस्तेमाल करते हैं। डॉ. डेरे कहते हैं कि इसे इस्तेमाल करने के बाद अच्छे से साफ करना चाहिए क्योंकि इस पर खाना जल्दी बनता है और अगर घर में गलती से किसी दूसरे सदस्य ने इस्तेमाल कर लिया तो इससे असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। टैंग अपॉइंटमेंट से बैक्टेरिमिया नाम की बीमारी हो सकती है। अगर ज्यादातर सामान से जीभ साफा की जाए तो अल्सर हो सकता है। तेज़ दस्तावेज़ से जीभ में छोटे खून की नालियाँ टूट जाती हैं जिससे वे दस्तावेज़ में प्रवेश कर सकते हैं। टैंग इनोमोटिव को हमेशा के लिए प्यारे हाथों से इस्तेमाल किया जाता है।

हर 2 से 3 महीने में टंग नॉमिनल बदला जाना चाहिए (Image-Canva)

प्लास्टिक या स्टील के टंग से वंचित
प्लास्टिक के टंग उपकरण से शरीर में माइक्रोसाल्टिक घाव हो जाते हैं और अगर यह प्लास्टिक से चिपक जाता है तो जीभ से खून आ सकता है। वहीं स्टील का टैंग ऑपरेटर भी ठीक नहीं है. इस पर जल्दी जल्दी पठते हैं. इसे अच्छे से साफ करना चाहिए। हमेशा कॉपर की टंग मशीन का प्रयोग करना चाहिए। इसमें विरोधी तर्क गुण होते हैं। कॉपर के टैंग एनिमेटर से जहां जीबीसा रहता है, जहां भूखा मोटाई है और डाजा भी ठीक रहता है।

परीक्षण पता नहीं
दवा नेट चापी रिपोर्ट के अनुसार अगर टैंग नॉमिनेटर को अधिकतम मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो इससे जीभ के टेस्ट बड्स डैमेज हो जाते हैं। इससे खाने का स्वाद नहीं पता चलता. अगर जीभ पर कट हो या खून आ जाए तो जीभ का इस्तेमाल ना करें। यह हमेशा मुंह के अंदर के हिस्से की जीभ से जीभ को बाहर की तरफ से अलग रखता है और इसके बाद जीभ के नीचे की तरफ से बाहर की तरफ देता है। यह 2 गुना से भी ज्यादा नाजायज कदम है। हर बार इस्तेमाल के बाद टैंग बंदर को साबुन और पानी से धोकर सुखाएं।

ओरल हाईजीन से दिल की बीमारी?
ओरल हाईजीन का दिल की सेहत से सीधा संबंध है। मुंह में स्ट्रेप्टोकोकस नाम का बॅकडाउन होता है। अगर रोज़मर्रा के मुँह को अच्छे से साफ़ ना किया जाए तो यह चर्च दिल के वॉल्व पर प्रदर्शित होता है। कलाकारी में खून थकके जमने लगे हैं। इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र अध्ययन में पाया गया कि लोग दिन में 2 बार कम और 2 मिनट से कम ब्रूंस करते हैं, उनका दिल फेल हो जाता है जो खतरे में रहता है। गुड ओरल हाईजीन के लिए दिन में 2 बार गुड से ब्रूस होना ही काफी होता है।


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