सेहत – कौन-कौन से दस्तावेज़ों के ग्राहक मिठाइयाँ दर्ज कर सकते हैं? डॉक्टर ने कही बेहद प्यारी बात, आप भी जानें

क्या मिठाइयाँ कोलेस्ट्रॉल के लिए हानिकारक हैं: आख़िरकार एक घटना है, जो हमारे शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालाँकि नाममात्र के नाम से ज्यादा हो जाए, तो दिल की ताकत और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। चॉकलेट को खान-पान से नियंत्रित किया जा सकता है और यही कारण है कि कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है। आने वाली है और इस त्यौहार पर लोग शानदार मिठाइयाँ रखते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा कितनी हो सकती है? इस बारे में डॉक्टर से हकीकत जान लेते हैं.

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. वनिता अरोड़ा ने News18 को बताया कि पुराने दोस्तों को मिठाइयों का सेवन कम से कम करना चाहिए। मिठाइयों में शुगर और सैचुरेटेड फाइट की अच्छी मात्रा मौजूद है, जिससे अन्य स्तरों में बढ़ोतरी हो सकती है। अधिकांश मिठाइयाँ खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। दिल की सेहत के लिए ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थों को अच्छा नहीं माना जाता है। मीठा खाद्य पदार्थों से लोगों का शर्करा स्तर भी बढ़ सकता है, जिससे कि क्रमिक राजिस्टेंस और महंगाई का खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि एलोके के मरीज़ सीमित मात्रा में घर पर बनाए गए मिठाई खा सकते हैं।

बाहर की मिठाइयाँ कैसे बनाएं?

डॉक्टर का कहना है कि जब भी जिले के मरीज मिठाई खाते हैं तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे किस तरह की मिठाई का सेवन कर रहे हैं. घर में बनी मिठाइयों में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है और अन्य गुणवत्ता की जा सकती है। जबकि बाज़ार की मिठाइयों में अत्यधिक चीनी, रंग और कई प्रिज़र्वेटिव हो सकते हैं। छात्रों को यह सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए कि वे शुगर फ्री मिठाइयाँ टिकाऊ हों, ताकि उनकी सेहत पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े। इसके अलावा बाहर की मिठाइयों का सेवन करें, तो मात्रा बेहद कम होनी चाहिए।

ऐसी सामग्री से नियंत्रित किया जाएगा

बैंलेस्ड घटकों से कोलेस्ट्रॉल और शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। फलों के अनाज के लिए जरूरी है कि वे अनाज वाले अनाज जैसे- साबुत अनाज, फल और अनाज का सेवन करें। ये खाद्य पदार्थ केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर में शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं। मिठाइयों का सेवन समय-समय पर करने का प्रयास करें ताकि वे स्थिर आहार का हिस्सा बन सकें और उन्हें कभी-कभी खाने की आदतें निर्धारित कर सकें। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए अच्छी लाइफस्टाइल, मानदंड और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

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