सेहत – गैस और कंजेशन को जड़ से संचारक कर देता है यह सागा, शरीर में इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है
हाँ : पटुवा का साग मुख्य रूप से सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने में सलाह में उगता है और इस समय इस ताजगी के साथ सेवन किया जा सकता है। इसमें विटामिन ए, सी, के, कैल्शियम और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की प्रचुरता होती है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है और हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखती है। पेटुवा का सागा संबंधित प्रश्नों के लिए विशेष रूप से है। यह कब्ज, गैस, एसिडिटी और अन्य पाचन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पेटुवा का सेवन न केवल पेट की समस्याओं से राहत देता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। यह तीन महीने ही होता है, इसलिए इसका सेवन इस समय में सबसे बढ़िया होता है।
पेटुवा का सागा पेट की समस्याओं और प्रतिरक्षा के लिए सबसे अच्छा है
मोहनपुर जिले के स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल सांख्यिकी सह आयुर्वेदाचार्य बालेश्वर शर्मा ने कहा कि बिहार में कई तरह की पुटुवा की खेती होती है, खासकर किसानों द्वारा इसे चारे के रूप में तैयार किया जाता है। लेकिन जब यह पौधा हरा-भरा हो जाता है, तो इसके विक्रेता को सागा के रूप में खा लिया जाता है। उन्होंने बताया कि पुटुवा के साग में विटामिन और स्वाद की प्रचुर मात्रा होती है, जो पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायक होती है। यह कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं का प्राकृतिक इलाज है। इसके अलावा, यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ और सक्रिय रह सकता है।
पटूआ सागा बनाने की रेसिपी
आप पटूआ सागा को दही के साथ मिलाकर बना सकते हैं. आपको करना है ये है कि पटुआ सागा को चुनकर और ढोकर रख लें। इसके बाद लहसुन और टमाटर के टुकड़े रख लें। अब एक पैन में थोड़ा सा तेल डाला जाता है और इसे गर्म किया जाता है फिर इसमें सरसों के दाने डाले जाते हैं और लहसुन और टमाटर डाले जाते हैं. नमक और बाकी मसाले को थोड़ा-थोड़ा डालें। अब इसमें सागा और ऐड-ऑन शामिल करें। जब मसाले की मदद से ये पक जाए तो इसमें दही मिला और फिर से टूट गया। जब ये पूरी तरह से पक जाए तो गैस ऑफ करें और फिर गैस को सर्व करें।
पहले प्रकाशित : 17 नवंबर, 2024, 08:05 IST
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