सेहत – 200 से ज्यादा की ताकत को रोकेगा हफ्ते में सिर्फ एक दिन का काम, रोज करने की भूल-भुलैया से मुक्ति, ये है फॉर्मूला

लाभ के रूप में सप्ताहांत वर्कआउट: जीवन वहन होने से कहीं भी अधिकतर जीवन को निर्धारित करना आवश्यक है। पर हममें से कितने लोग कॉमिक लाइफ को जीतते हैं। हर दिन कुछ न कुछ नया पंगा शरीर के साथ ही होता है। यदि वैज्ञानिक नष्करों पर ध्यान देने की आवश्यकता है तो जीवन को कार्मिक बनाने का कोई शॉर्ट कट नहीं है, इसके लिए रासायनिक तत्व, कार्मिक जीवन शैली और दस्तावेज आवश्यक हैं। इसमें कोई कोटाही शरीर के लिए नहीं है, लेकिन फर्ज किग आप में शामिल हैं, कार्मिक जीवन शैली भी है, लेकिन रोजमर्रा में इतना समय नहीं लगता कि आप यहां शामिल हो जाएं। तो अब इसे झंझट से आप मुक्ति पा सकते हैं और दस्तावेज़ भी रह सकते हैं। इतना ही नहीं अगर वीक भर का काम आप एक या दो दिन में कर लें तो आप अपने शरीर में 200 से ज्यादा बार काम करने से रोक सकते हैं। यह काम कुछ और नहीं है जनाब, यह वही काम है जो आप समय की कमी के कारण रोज नहीं कर पाते हैं। अगर आप सप्ताह में सप्ताहांत के दिन भी फ्लैट्स कर लें तो यह पांचों दिनों के माउंट्स के बराबर हो जाएगा।

80 हजार से अधिक पर अध्ययन
वैसे तो सप्ताह में 150 मिनट ब्रिस्क टारगेट की सलाह दी जाती है। सारक जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि अगर आप वीकेंड में इसे घूमने की जगह पर भी ले जाते हैं तो इसका भी फ़ायदे का दावा ही आपके लिए रोज़ के साथ होता है। इस लक्ष्य से आप हार्ट डिजीज, सर्ज, ब्लड मिक्सचर जैसी 200 से अधिक की कीमत से बच सकते हैं। यह अध्ययन 89,573 लोगों पर किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि आपने कब-कब को कब-कब निशाने पर लिया है, इस बात में सबसे अहम बात यह है कि आप कुल मिलाकर कितने देर तक निशाने पर रहे हैं। मसलन यदि आप सप्ताह में 150 मिनट की दूरी तय करते हैं तो इसे दो दिन में भी किया जा सकता है, लेकिन यदि सप्ताह में एक दिन में आप 2 से 3 घंटे की दूरी तय करते हैं तो यह भी पर्याप्त है।

संगति, हृदय रोग का जोखिम कम
लेकिन मेसाक्यूसेट्स जेनरल हॉस्पिटल के सुपरमार्केट ने अपने अध्ययन में लोगों की कलाई में बंधी रिस्ट बैंड से यह पता लगाया कि एक सप्ताह में कितने दिन रहते हैं। कई साझीदार तक यूक्रेनियन पर नज़र डालें। अध्ययन में देखा गया कि जिन लोगों ने सप्ताहांत में तीर्थयात्रा की, दोनों तरह के लोगों को समान लाभ मिला। इससे हार्ट डिजीज और कनेक्टिविटी सहित कई अस्थिरता का खतरा कम हो गया। उदाहरण के लिए टारगेट न करने वालों की तुलना में टारगेट करने वालों और सप्ताहांत में टारगेट करने वालों में हाई ब्लड ग्लूकोज़ का जोखिम 20 प्रतिशत कम हो गया, जबकि टारगेट न करने वालों का जोखिम 40 प्रतिशत तक कम हो गया।

विचार-विमर्श नीचे दिए गए हैं, यह महत्वपूर्ण हैं
प्रमुख डॉ. शान खुर्शीद ने बताया कि यह अध्ययन हम निवेशकों के लिए है। इस अध्ययन से पता चलता है कि आप कितने दिन तक क्या-क्या भेद करते हैं, इसका कोई खास मतलब नहीं है, बल्कि आप कितने दिन तक क्या-क्या भेद करते हैं, यह कहीं न कहीं महत्वपूर्ण है। आज का दौर बेहद तेज़ है, हर दिन लोगों के पास समय नहीं है। यही कारण है कि लोगों में बीमारी बढ़ रही है। लेकिन मुश्किल यह है कि अगर वे आपसी भेदभाव नहीं करते हैं तो उनके मन में एक-दो दिन का अपराध भी गंभीर नहीं होता है। उन्हें लगता है कि एक-दो दिन से कुछ नहीं होगा. लेकिन इस अध्ययन में ऐसा नहीं है. यदि आपके पास समय नहीं है तो सप्ताह में एक या दो दिन भी ज्यादा देर तक टिकटें कर सकते हैं।

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