दुनियां – BRICS Summit 2024: ब्रिक्स के मंच पर साथ नजर आने वाले इन देशों के बीच है दुश्मनी! – #INA

रूस के कजान शहर में BRICS का 16 वां सम्मेलन आज (22 अक्टूबर) से शुरू होने जा रहा है. पश्चिमी प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस के लिए ये सम्मेलन बेहद खास है. रूस BRICS के मंच से दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाकर ये संदेश देने की कोशिश करेगा कि पश्चिमी वर्चस्व को दुनिया अब नहीं मान रही है और एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ने के लिए ग्लोबल साऊथ तैयार है.
ब्राजील, रूस, भारत और चीन से शुरू होकर साउथ अफ्रीका और फिर जनवरी 2024 में ईरान, मिस्र, इथोपिया और UAE को जोड़ते हुए BRICS अब BRICS प्लस बन गया है. इस संगठन को G7 का बदल माना जा रहा है और जनसंख्या, GDP और आर्थिक विकास के आंकड़े भी काफी हद तक इस बात की तस्दीक कर रहे हैं.
|ये तो वक्त बताएगा कि क्या ये संगठन G7 जैसे मजबूत ग्रुप को टक्कर दे सकता है या सिर्फ G7 का मुकाबला करने की हसरत रखने वाले ‘Wannabes’ (अभिलाषी) खिलाड़ियों का ग्रुप बनकर रह जाएगा.

इस संगठन में एक साथ दिख रहे कई देशों की आपस में भी दुश्मनी बेहद गहरी है, जिसमें एक चिंगारी लगते ही पश्चिमी देशों के खिलाफ महाज खड़ा करने के रूसी सपने को झटका लग सकता है. आपसी दुश्मनी रखने वाले देशों में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल चीन और भारत हैं. दुनिया के सबसे बड़े ट्रेड चोक पॉइंट स्वेज कैनाल रखने वाला मिस्र इथोपिया के साथ नील नदी पर बन रहे रेनेसां डैम के चलते तनाव में है. वहीं मध्य पूर्व के बड़े खिड़ाली UAE-ईरान भी शिया-सुन्नी और गाजा मुद्दे पर एक दूसरे को पसंद नहीं करते हैं. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि इन देशों की दुश्मनी कितनी गहरी है और कैसे ये BRICS को नुकसान पहुंचा सकती है.
चीन भारत में दशकों पुरानी टेंशन
BRICS समिट से पहले एक अच्छी खबर आई है कि भारत और चीन ने लद्दाख सीमा पर 2020 से जारी तनाव को सुलझा लिया है. हालांकि दोनों देशों के तनाव के पीछे का ये बेहद छोटा हिस्सा है.
भारत चीन का विवाद लद्दाख सीमा तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे साउथ एशिया में वर्चस्व, व्यापार और कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से घिरा है. भारत और चीन के बीच 1967 में एक बड़ी जंग भी हो चुकी है. इसके अलावा बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, हिंद महासागर में लगातार बढ़ती चीन की घुसपैठ और भारत के पड़ोसी देश, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव आदि में भारत विरोधी गतिविधियों के चलते दोनों देशों के रिश्ते खराब रहे हैं.
हालांकि, उम्मीद जताई जा रही है कि BRICS समिट में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है और रिश्तों में सुधार की पहल हो सकती है.
UAE-ईरान आपस में दुश्मन
मध्य पूर्व में इस समय जंग चल रही है. ईरान इस तनाव में सीधे तौर पर शामिल है. वहीं UAE अमेरिका और इजराइल के एक मजबूत अलाय की भूमिका निभा रहा है. शिया-सुन्नी की पुरानी दुश्मनी के साथ-साथ UAE और ईरान में अब गाजा युद्ध को लेकर भी तनाव बढ़ गया है.
UAE इजराइली की बढ़ती दोस्ती/AFP
ईरान ने एक अक्टूबर के हमले के बाद मध्य पूर्व के सुन्नी देशों को चेतावनी दी थी कि अगर किसी देश ने ईरान पर हमले के लिए इजराइल सेना को अपने एयरस्पेस या किसी और तरीके से मदद की तो वो देश उनके निशाने पर होगा. ईरान की बढ़ती ताकत को सऊदी अरब और इजराइल मुस्लिम वर्ल्ड में अपने वर्चस्व के लिए खतरा मानते हैं.
मिस्र और इथोपिया में गहरा रही दुश्मनी
मिस्र और इथोपिया दोनों ही 2011 से आमने सामने हैं. उनके तनाव की बड़ी वजह दुनिया की सबसे बड़ी नदी नील पर बनने वाला रेनेसां डैम है. इथोपिया के बिजली संकट को कम करने के लिए 2011 में इथोपिया ने रेनेसां डैम को बनाना शुरू किया था, तभी से मिस्र इस पर आपत्ति जताता रहा है. इस डैम से बनने वाली बिजली को बाहर एक्सपोर्ट करने पर भी इथोपिया की नजर है.
रेनेसां डैम/AFP
मिस्र का कहना है कि इस डैम से नील नदी का पानी इथोपिया रोक रहा है.
मिस्र खेती और पीने के पानी के लिए नील नदी पर बहुत निर्भर है. कई मौकों पर ये तनाव जंग में बदलने की हद तक भी पहुंच गया है, हालांकि अब दोनों देश BRICS में शामिल हो गए हैं.
जानकार उम्मीद जता रहे हैं कि BRICS के बड़े देश चीन, रूस और भारत की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच समझौते पर पहल हो सकती है.

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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