दुनियां – इंग्लैंड तक होगा महाविनाशक संहार…पुतिन की चेतावनी से दहशत में 32 देश – #INA

रूस-यूक्रेन की जंग पूरी दुनिया के लिए एक संकट बनती जा रही है. यूक्रेन को परमाणु संपन्न बनाने का फैसला होने के बाद रूस के प्रेसिडेंट पुतिन ने अपनी रणनीति का खुलासा कर दिया है. इस रणनीति के तहत रूस के टारगेट पर अब वो देश आ गए हैं, जो यूक्रेन के मददगार हैं और रणनीति में टारगेट ऐसे हथियारों से लॉक किए गए हैं, जो नॉन न्यूक्लियर हैं लेकिन इनका असर किसी न्यूक्लियर तबाही से कम नहीं होगा. जानें कौन से हैं वो टारगेट और वो हथियार…
पुतिन ने नॉन न्यूक्लियर हथियारों से न्यूक्लियर जैसी तबाही का ब्लू प्रिंट जारी किया है, जिसमें सिर्फ 24 घंटे के अंदर बारूदी बवंडर उठेगा और टारगेट पर हैं ब्रिटेन की राजधानी लंदन, जिसमें चार सर्कल में विस्फोट होंगे, जिसमें 60 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे. ऐसे ही जर्मनी की कैपिटल बर्लिन पर मिसाइल गिरेगी, जिसमें औसतन 44 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे.
फ्रांस की राजधानी पेरिस के धमाकों में 11 लाख से ज्यादा लोगों के हताहत होने की आशंका है. रोम में रूस के धमाकों से 44 लाख से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचेगा. इसी तरह नीदरलैंड्स की कैपिटल एम्सटर्डम के रेडियस में भी लाखों लोग खत्म हो जाएंगे. पोलैंड की राजधानी वारसॉ में धमाके से एक बड़ा क्षेत्र विलुप्त हो जाएगा. मैड्रिड में धमाका हुआ तो वहां भी ऐसा ही होगा.
स्वीडन-फिनलैंड भी इस तबाही से नहीं बच पाएगा
स्वीडन भी इस तबाही से नहीं बच पाएगा. फिनलैंड भी रूस की तबाही से भारी नुकसान में पहुंच जाएगा. टारगेट तुर्किए की राजधानी अंकारा भी है, जहां विनाश का बवंडर उठेगा. ऐसे ही कनाटा के ओटावा में भी तबाही का प्लान तय कर लिया गया है लेकिन इस तबाही में हथियार सिर्फ ओरेशनिक नहीं होगा. सूरज सतह जैसे तापमान में भस्म करने के हथियार कुछ और भी हैं, जिनमें सीक्रेट फाइटर जेट्स
सीक्रेट क्रूज़ मिसाइल्स, सीक्रेट लॉन्ग रेंज ड्रोन, सीक्रेट हाइपरसोनिक वेपन्स, सीक्रेट ग्लाइडिंग व्हीकल्स और सीक्रेट थर्मल रेडिएशन वेपन शामिल हैं. रूस की किसी मिसाइल के स्टेबलिश होने से लेकर फायर और न्यूक्लियर धमाके जैसा बवंडर दिखाते हुए सीक्वेंस बनाएंगे.
यूरोप से लेकर इंग्लैंड तक महाविनाशक संहार
पुतिन की चेतावनी का सीधा अर्थ ये है कि अगर यूक्रेन को न्यूक्लियर हथियार मिले तो जवाबी कार्रवाई के तहत यूरोप से लेकर इंग्लैंड तक महाविनाशक संहार होगा और पुतिन की इस चेतावनी को कोई भी हल्के अंदाज में नहीं ले रहा है, जिसका प्रमाण है NATO देशों में फैली दहशत है. इसमें अव्वल है वो अमेरिका, जिसका नाम भले ही पुतिन की टारगेट लिस्ट में न हो लेकिन US डिफेंस डिपार्मेंट जानता है कि, उसका नंबर पहला भी हो सकता है इसलिए अमेरिका ने वॉर जोन में मिनटमैन-3 मिसाइल उतार दी है.
इसके अलावा अपने न्यूक्लियर हथियारों के अपग्रेडेशन के लिए 138 बिलियन डॉलर यानी 11 लाख 67 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने की तैयारी कर ली है. इसके अलावा NATO देश पोलैंड में पैट्रियट डिफेंस सिस्टम एक्टिव हो गए हैं. जर्मनी में भी डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया है और पुतिन की चेतावनी से मचे हाहाकार का प्रमाण सिर्फ यही नहीं है बल्कि इस चेतावनी के बाद जारी हुए बयान भी रूस के डर की पुष्टि करते हैं.
हालांकि, रूस की नई ओरेशनिक बैलिस्टिक मिसाइल से निप्रो में मची तबाही के बाद ही वॉर जोन और यूक्रेन के सहयोगी देशों पर रूस का डर काबिज हो चुका था, जिसके बाद यूक्रेन को न्यूक्लियर हथियार लौटाने का फैसला कर लिया गया था लेकिन रूस ने सहयोगियों को टारगेट बनाकर इस डर को दहशत में बदल दिया है लेकिन रूस इस दहशत से साक्षात्कार कराने के लिए भी अब कमर कस चुका है यानी रूस का एक कदम दुनिया को महाविनाश की आग में धकेलने के लिए काफी है.
ब्यूरो रिपोर्ट, टीवी 9 भारतवर्ष

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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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