Political – वो 3 मिनट और 7 शब्द… हुड्डा या सैलजा, किसके लिए है राहुल गांधी का ये मैसेज?- #INA

हरियाणा में असंध रैली से राहुल गांधी ने की पार्टी के अंदरुनी कलह को दूर करने की कोशिश.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट वितरण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा खेमे को ज्यादा तवज्जो मिलने से कुमारी सैलजा नाराज चल रही थीं. सैलजा की नाराजगी के बहाने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दलित वोटों को साधने में जुटी थी. ऐसे में हरियाणा का चुनाव जाट बनाम दलित न हो जाए. इसके लिए राहुल गांधी ने कल गुरुवार को सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा को असंध की रैली में एक मंच पर लाकर कांग्रेस में ‘ऑल इज वेल’ का संदेश दिया. इस दौरान राहुल का 3 मिनट तक सैलजा से बात करना और फिर जनसभा को संबोधित करते हुए उनके वो 7 शब्द, जिसे लेकर सियासी मायने तलाशे जाने लगे हैं.

कांग्रेस की दलित चेहरा और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा हरियाणा के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी के साथ उतरीं. राहुल गांधी हेलीकॉप्टर के जरिए करनाल के असंध रैली को संबोधित करने पहुंचे तो भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा ने उन्हें फूलों का गुदलस्तों देकर स्वागत किया. रैली के मंच पर राहुल गांधी के एक तरफ भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश प्रमुख उदय भान बैठे थे. उदय भान के दाहिने तरफ कुमारी सैलजा बैठी थीं.

राहुल ने की 3 मिनट तक सैलजा से बात

प्रदेश अध्यक्ष उदय भान जैसे ही रैली में बोलने के लिए उठे तो राहुल गांधी ने एक सीट छोड़कर बैठी कुमारी सैलजा को अपनी बगल की कुर्सी पर बुलाकर बैठा लिया, जिस पर उदय भान बैठे हुए थे. इसके बाद राहुल गांधी और कुमारी सैलजा तीन मिनट तक बातचीत करते नजर आए. सैलजा से बात करते हुए राहुल ने अपने सहयोगी अलंकार को बुलाकर कुछ कहा और फिर सैलजा से बात करने लगे. इसके बाद राहुल ने बगल में बैठे हुड्डा से भी बात की.

राहुल गांधी का 3 मिनट तक कुमारी सैलजा से बातचीत करना सियासी तौर पर बड़ा संकेत माना जा रहा है. कुमारी सैलजा 15 दिनों के बाद चुनाव प्रचार में उतरीं और राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपने पहले प्रचार के लिए ऐसी सीट को चुना जहां से मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी चुनाव लड़ रहे हैं, जो सैलजा के करीबी माने जाते हैं. इस तरह राहुल ने अपनी पहली रैली से ही सैलजा को सियासी अहमियत देकर बीजेपी के नैरेटिव को काउंटर करने के साथ-साथ सियासी संदेश भी दिया. उन्होंने यह बताने की कोशिश भी की कि कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए सैलजा का क्या महत्व है.

राहुल गांधी ने 7 शब्दों से किसे दिया संदेश

असंध की रैली के जरिए राहुल गांधी ने एक तीर से कई निशाने साधे. एक तरफ कुमारी सैलजा को सियासी अहमियत दी तो दूसरी उनके 7 शब्द कांग्रेस नेताओं के लिए किसी नसीहत से कम नहीं है. राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करेते हुए कहा, “हरियाणा में सबकी सरकार बनेगी, किसी एक की नहीं. आप लोगों को अगर कुछ भी कहना है और शिकायत करना है तो सीधे मुझसे से कहिए. मैं आपकी हर आवाज उठाऊंगा. संसद में हरियाणा का कोई मुद्दा उठाना है, मुझे बताइए, मैं उसे सदन में रखूंगा.” इस दौरान राहुल ने हरियाणा में किसी एक की नहीं, सबकी सरकार वाली बात कह कर कुमारी सैलजा और हुड्डा दोनों को संदेश दे दिया.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुड्डा के रवैये और कांग्रेस के टिकट वितरण को लेकर कुमारी सैलजा नाराज चल रही थीं. 12 सितंबर के बाद से सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी. इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ सियासी माहौल बनाना शुरू कर दिया था. बीजेपी ने इसे दलितों के अपमान का मुद्दा बना दिया था. ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व सैलजा से बातचीत कर मामले को पटरी पर लाने में कामयाब रहा. इसके बाद ही राहुल गांधी हरियाणा के चुनाव प्रचार के लिए उतरे. इस दौरान राहुल ने ऐसी बात कही, जिसे लेकर सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं.

CM के दावेदारों को भी मैसेज दिया

राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो राहुल गांधी ने सबकी सरकार बनने की बात कह कर अप्रत्यक्ष रूप से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को संकेत दिया है कि वो ही हरियाणा में एकमात्र नेता नहीं होंगे, जिसके हाथ में कमान होगी. राज्य के सभी बड़े नेता मिलकर सरकार चलाएंगे. साथ ही राहुल गांधी ने कुमारी सैलजा के साथ बातचीत करके बीजेपी के द्वारा बनाए जा रहे मुद्दों को भी कुंद कर दिया है. ऐसे में राहुल गांधी ने ‘ऑल इल वेल’ का मैसेज दिया है, लेकिन अगले कुछ दिनों में अगर प्रचार के दौरान कांग्रेस की अंदरुनी खींचतान बंद होती है तो ही इस संदेश को सफल ही माना जाएगा.

राहुल गांधी ने असंध में रैली कुमारी सैलजा की नाराजगी का सुखद पटाक्षेप जरूर कर दिया, लेकिन उन्हें भी मैसेज देने से नहीं चूके. हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा से लेकर कुमारी सैलजा और रणदीप सुरेजवाला तक सीएम पद की दावेदारी ही नहीं बल्कि खुलकर बयान भी दे रहे हैं. कुमारी सैलजा कई बार सार्वजनिक मंच से कह चुकी हैं कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं. इसके लिए वह महिला और दलित कार्ड भी खेल रही हैं.

जाट बनाम दलित खत्म करने की कोशिश

ऐसे में राहुल गांधी का यह कहना कि किसी को कुछ कहना है और शिकायत करना है तो सीधे मुझसे कहिए. इस बात का सीधा संदेश सैलजा के लिए है, क्योंकि वह लगातार मीडिया में बोल रही थीं और अपनी नाराजगी जाहिर कर रही थीं.

करनाल के असंध के मुकाबले हिसार के बरवाला में भीड़ ज्यादा थी. राहुल गांधी ने असंध के बाद हुड्डा के प्रभाव वाले बरवाला सीट पर प्रचार करने पहुंचे थे. एक तरह से हुड्डा और उनके ग्रुप ने बरवाला में पूरी ताकत का प्रदर्शन किया. सैलजा को छोड़कर सारे कांग्रेस सांसद बरवाला पहुंचे. सैलजा ने राहुल को बताया था कि असंध रैली के बाद वो हरियाणा की दूसरी सीट पर चुनाव प्रचार में निकल जाएंगी.

राहुल गांधी का भाषण असंध में लंबा और प्रभावशाली था, लेकिन बरवाला में पीएम मोदी पर सीधा अटैक किया. उन्होंने बेरोजगारी से लेकर किसानों तक के मुद्दे उठाए. ऐसे में चुनाव जाट बनाम दलित न हो इसके लिए राहुल गांधी ने हुड्डा और सैलजा दोनों को एक मंच पर लाकर संदेश देने की कोशिश की.

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