Political – जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की हार कैसे बीजेपी की हार नहीं है?- #INA
जम्मू कश्मीर चुनाव परिणाम.
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है. यहां की 90 विधानसभा सीटों में से एनसी को 42 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है. पीएम मोदी और भाजपा के आलोचक भले ही इसे भाजपा की हार के तौर पर देख रहे हैं, मगर खुद पीएम मोदी और बीजेपी संगठन इसे बहुत ही सकारात्मक तरीके से अपनी सफलता बता रहा है.
हरियाणा और जम्मू कश्मीर चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी मुख्यालय पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते वक्त इसका जिक्र किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर में ज्यादा सीटें जीतने के लिए नेशनल कांफ्रेंस को बधाई दी, इसके साथ ये भी कहा कि जम्मू कश्मीर में हमारी सीट और वोट शेयर दोनों में बढ़ोतरी हुई. इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कहा था कि हरियाणा में हम बहुमत में आए हैं और जम्मू कश्मीर में भी हमारा प्रदर्शन अच्छा रहा है. कुछ लोग जलेबी खाने के लिए बैठे रहे और जम्मू कश्मीर में हमारी सीट और वोट शेयर दोनों बढ़ गया.
जम्मू कश्मीर में क्या रहा सीटों का गणित
जम्मू कश्मीर में 90 विधानसभा सीटें हैं, इनमें से भाजपा को सरकार बनाने के लिए कम से 45 सीटों पर जीत की जरूरत थी, जबकि उसके खाते में 29 सीटें ही आई हैं. नतीजों पर गौर करें तो भाजपा को जम्मू रीजन में ही जीत मिली है, घाटी की तकरीबन सभी सीटों पर भाजपा बिल्कुल साफ हो गई है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक जम्मू रीजन की 43 में से 29 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है, जबकि पार्टी की कोशिश थी कि किसी भी तरह इन सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया जाए. घाटी से भाजपा को पहले भी ज्यादा उम्मीद नहीं थी, यहां की तकरीबन सभी सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है.
क्यों हार को भी जीत मान रही बीजेपी?
भाजपा ने इस चुनाव में 29 सीटें हासिल की हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि भाजपा सबसे ज्यादा वोट शेयर पाने वाली पार्टी रही. इस चुनाव में भाजपा को तकरीबन 25.64 प्रतिशत वोट शेयर मिला है. इसके बाद नेशनल कांफ्रेंस का नंबर है, जिसे 23.43 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त हुआ है. कांग्रेस महज 11.97 प्रतिशत वोट शेयर पाने में कामयाब रही है. पिछले चुनाव से तुलना करें तो 2014 में हुए चुनाव में भाजपा ने जम्मू कश्मीर में 25 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर 22 प्रतिशत था. उस चुनाव में वोट शेयर पाने के मामले में पीडीपी दूसरे नंबर पर रही थी, जिसका वोट प्रतिशत 22.67 था, तीसरे नंबर पर नेशनल कांफ्रेंस थी, जिसे तकरीबन 20 प्रतिशत वोट मिले थे और 18 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस चौथे नंबर पर थी.
भाजपा के लिए क्यों चुनौती था ये चुनाव?
केंद्र की भाजपा सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 खत्म कर जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. इसके बाद लद्दाख को अलग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. केंद्र सरकार को इसके लिए काफी विरोध झेलना पड़ा था. कई माह तक प्रतिबंध लागू रहे थे और हालात सामान्य होने में वक्त लगा था. इसके बाद खासतौर से घाटी में भाजपा के खिलाफ एक तरह का माहौल बन गया था. ऐसे में पार्टी के सामने अपनी साख बचाने की ही चुनौती थी. केंद्र सरकार की कोशिशों ने कश्मीर के हालात पटरी पर आए और नया कश्मीर बना, लेकिन पार्टी घाटी के मतदाताओं को ये समझाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो सकी. उधर नेशनल कांफ्रेंस ने 370 को ही बड़ा मुद्दा बनाया और भाजपा को नंबर-1 बनने से रोकने में कामयाब रहे. हालांकि वोट शेयर के मामले में वह भी भाजपा से पीछे ही रहे.
पीडीपी मजबूत होती तो खेला कर देती BJP
चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर डालें तो काफी हद तक ये साफ हो जाता है कि जम्मू कश्मीर में भाजपा ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन से अकेले मुकाबला किया. महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया और वह सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत सकी. जम्मू तो बीजेपी ने सभी दलों से अकेले मुकाबला कर जीत हासिल कर ली, घाटी में वह थोड़ी कमजोर इसलिए पड़ी, क्योंकि वहां एकमुश्त वोट नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को गया. अगर पीडीपी कुछ सीटों पर मजबूती के साथ लड़ जाती तो नुकसान नेशनल कांफ्रेंस का होता और फायदा बीजेपी को पहुंचता. दूसरी ओर इंजीनियर राशिद फैक्टर भी घाटी में नहीं चला. इसका नुकसान भी बीजेपी को उठाना पड़ा.
पीएम ने जम्मू कश्मीर के नतीजों पर क्या कहा?
जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए, खास बात ये है कि ये चुनाव कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद कराए गए, ऐसे में घाटी में शांतिपूर्ण चुनाव कराना बड़ी चुनौती थी. चुनाव परिणाम के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इसका जिक्र किया और बताया कि कैसे कश्मीर की जनता ने लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़चढ़कर भागीदारी की. पीएम मोदी ने उन बयानों को भी याद दिलाया, जो 370 हटाने पर कश्मीर जलने की बात करते थे, पीएम मोदी ने कहा कि लोग कहते थे कि कश्मीर जल जाएगा, मगर मतदान ने दिखा दिया कि कैसे 370 हटने के बाद कश्मीर खिलखिलाया है. पीएम मोदी ने नेशनल कांफ्रेंस को बधाई दी और जम्मू कश्मीर में जीतने वाले हर कैंडिडेट और वहां वोट डालने वाला जनता को भी बधाई दी. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि नतीजे बता रहे हैं कि जम्मू कश्मीर में पार्टी की सीटें और वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है.
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