Political – सीता नहीं, कल्पना से जयश्री करेंगी मुकाबला? शिबू सोरेन की विरासत पर दुर्गा परिवार का आखिरी दांव- #INA
हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और जयश्री सोरेन
झारखंड के चुनावी दंगल में एक तरफ जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच चुनावी मुकाबला है. वहीं दूसरी तरफ लड़ाई शिबू सोरेन की सियासी विरासत को लेकर भी है. संथाल परगना में शिबू सोरेन की विरासत पर हेमंत सोरेन उनकी पत्नी कल्पना के साथ-साथ सीता सोरेन भी दावेदारी कर रही हैं.
सीता सोरेन हेमंत के बड़े भाई दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं. लोकसभा चुनाव में हार के बाद सीता ने बड़ा दांव खेलते हुए अपनी बेटी को भी धीरे से आगे किया है. सीता की बड़ी बेटी जयश्री सोरेन मां के प्रचार के साथ-साथ पूरे संथाल परगना में एक्टिव हैं.
कहा जा रहा है कि कल्पना सोरेन के राजनीति में आने से सीता की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं. हालिया लोकसभा चुनाव में करीबी मुकाबले में सीता हार गई, इसलिए सीता इस बार नो रिस्क मोड पर चल रही हैं.
जामताड़ा से उम्मीदवार हैं सीता सोरेन
जामा से 2 बार चुनाव में जीत हासिल करने वाली सीता सोरेन को बीजेपी ने जामताड़ा से टिकट दिया है. जामताड़ा सीट आदिवासी और मुस्लिम बाहुल्य है. वर्तमान में इस सीट से कांग्रेस के इरफान अंसारी विधायक हैं. इरफान को हेमंत सोरेन का करीबी माना जाता है.
लोकसभा चुनाव में जामताड़ा सीट से ही सीता सोरेन पिछड़ गई थीं. इस बार सीता जामताड़ा की बजाय जामा से चुनाव लड़ना चाहती थीं लेकिन बीजेपी ने उन्हें जामताड़ा भेज दिया.
विरासत की लड़ाई में जेएमएम से किनारा
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद सीता सोरेन को सीएम कुर्सी मिलने की उम्मीद थी. सीता के पति दुर्गा सोरेन शिबू सोरेन के राजनीतिक उत्तराधिकारी थे, लेकिन दुर्घटना में उनकी असमय मृत्यु हो गई. इसके बाद शिबू सोरेन ने पार्टी की कमान हेमंत को सौंप दी.
हेमंत जब जेल गए तो सीता ने दावेदारी पेश की, लेकिन हेमंत ने अपनी पत्नी कल्पना को आगे बढ़ाया. कल्पना के आगे आने से सीता नाराज होकर झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गईं. यहां से भी उन्होंने शिबू सोरेन की विरासत पर दावा ठोक दिया.
बीजेपी ने सीता को दुमका सीट से लोकसभा में उम्मीदवार बनाया, लेकिन कल्पना की कैंपेनिंग और स्थानीय नलिन सोरेन की उम्मीदवारी ने सीता की अरमानों पर पानी फेर दिया. सीता दुमका की सीट 10 हजार के करीब वोटों से हार गई.
कल्पना के मुकाबले जयश्री को उतारा?
जयश्री सोरेन सीता सोरेन की बड़ी बेटी हैं. जयश्री लंबे वक्त से सियासत में एक्टिव हैं, लेकिन पहली बार उन्हें मैदान सौंपा गया है. जयश्री दुर्गा सोरेन सेना नाम से एक संगठन भी चलाती हैं. जयश्री ने जामा से लड़ने के लिए नामांकन पत्र भी खरीदा था, लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने पर्चा दाखिल नहीं किया.
कहा जा रहा है अब जयश्री संथाल परगना की सभी सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगी. कैंपेन की शुरुआत अपनी मां की जामताड़ा सीट से कर सकती हैं. सियासी समीकरण की वजह से सीता के लिए यहां की लड़ाई आसान नहीं है.
हाल ही में सीता सोरेन को लेकर जब जामताड़ा के कांग्रेस उम्मीदवार इरफान की एक कथित विवादित टिप्पणी आई थी, तब जयश्री ने ही मोर्चा संभाला था. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे आदिवासी अस्मिता और महिला का सम्मान को लेकर कैंपेन भी शुरू किया था.
इन बातों के अलावा 2 फैक्ट्स ऐसे भी हैं, जिसके बूते कहा जा रहा है कि कल्पना के मुकाबले जयश्री को उतारा गया है.
1. सक्रिय राजनीति में आने से पहले कल्पना ने झारखंड में घुम-घुमकर प्रचार किया. धीरे-धीरे कल्पना को सुनने लोगों की भीड़ उमड़ने लगी. बाद में उपचुनाव में कल्पना को हेमंत ने मैदान में उतार दिया. जयश्री भी इसी पैटर्न पर आगे बढ़ रही हैं.
2. जयश्री सोरेन अभी युवा हैं और कल्पना की तरह ही तेजतर्रार बोलती हैं. दुर्गा सोरेन के नाम पर लोगों से सिंपैथी लेने की कोशिश करती हैं. कल्पना भी 2024 के लोकसभा चुनाव में सहानुभूति बटोरने में कामयाबी हासिल की थी.
संथाल की सीटों पर दूसरे चरण में चुनाव
संथाल परगना की सभी विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को दूसरे चरण में मतदान होने हैं. संथाल की करीब डेढ़ दर्जन सीटों पर हमेशा से जेएमएम का ही दबदबा रहा है. शिबू सोरेन और उनके परिवार से जुड़े लोग यहीं से चुनाव लड़ते रहे हैं.
वर्तमान में हेमंत सोरेन साहेबगंज जिले की बरहेट से चुनाव लड़ रहे हैं. सीता सोरेन जामताड़ा से मैदान में उतरी हैं. इसी तरह हेमंत के छोटे भाई बसंत सोरेन दुमका से जेमएमएम के टिकट पर मैदान में हैं.
जामा, दुमका, बरहेट सीट को सोरेन परिवार का गढ़ माना जाता रहा है. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर 2 चरणों में मतदान प्रस्तावित है. 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. राज्य में सरकार बनाने के लिए 42 विधायकों की जरूरत होती है.
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