मेरठ : तीन दोस्तों के 10 हत्यारों को उम्रकैद…गर्लफ्रेंड को भी सजा: 16 साल पहले गोली मारी, आंखें फोड़ी; सड़क पर तलवार से काटा था

मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस में 10 को उम्रकैद की सजा हुई है। 16 साल पहले हुई वारदात में सुनील ढाका, पुनीत गिरि और सुधीर उज्जवल की हत्या हुई थी। लव अफेयर में हुए इस मर्डर का मुख्य आरोप हाजी इजलाल कुरैशी था।

हत्याकांड में उसकी गर्लफ्रेंड शीबा सिरोही शामिल थी। इस केस के अन्य दोषी देवेंद्र आहूजा उर्फ मन्नु, अफजाल, वसीम, रिजवान, बदरुद़्दीन, महाराज, इजहार और अब्दुल रहमान उर्फ कलुवा हैं। 31 जुलाई, 2024 को अदालत ने हत्या में शामिल सभी 10 लोगों को दोषी करार दिया था।

वादी और बचाव पक्ष के वकीलों ने रखे ये तर्क
सरकारी वकील ने अदालत में दलील दी थी कि ये एक जघन्य हत्याकांड है। तीनों युवकों के साथ जानवरों जैसा सलूक हुआ। छुरे से उनके गले काटे गए, गोलियां मारी गईं, पाइपों से पीटा गया। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं। इसलिए ऐसे दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।

वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा, मुलजिमों का पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। तीन शवों के टुकड़े नहीं किए गए, यह सिर्फ मीडिया ट्रायल है। ऐसे में यह दुर्लभ श्रेणी में नहीं आता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज डायस से उठ गए। लंच के बाद वह वापस डायस पर पहुंचे और फैसला सुनाया।

14 पर लगी थी चार्जशीट, 33 ने दी गवाही
इस केस में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट लगी थी। इसमें 2 की पहले ही मौत हो चुकी है। 1 नामजद जुवेनाइल में छूट गया। 1 की फाइल अभी विचाराधीन है। बाकी 10 को दोषी करार दिया गया। केस में 33 लोगों ने गवाही दी थी।

कोर्ट की 3 तस्वीरें

ये तस्वीर पुलिस कस्टडी में सभी आरोपियों को जेल ले जाने के समय की है।
ये तस्वीर पुलिस कस्टडी में सभी आरोपियों को जेल ले जाने के समय की है।
ये तस्वीर शीबा की है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच मेरठ कोर्ट में लाया गया।
ये तस्वीर शीबा की है। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच मेरठ कोर्ट में लाया गया।
कोर्ट में फैसला सुनाए जाने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई। यहां वादी और आरोपी पक्ष दोनों मौजूद रहे।
कोर्ट में फैसला सुनाए जाने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई। यहां वादी और आरोपी पक्ष दोनों मौजूद रहे।

एक साथ तीन लोगों की बेरहमी से हत्या क्यों की गई? बताते हैं…
23 मई, 2008 को बागपत और मेरठ जिले के बॉर्डर पर बालैनी नदी के किनारे 3 युवकों के शव मिले। उनकी पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार मेरठ, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड मेरठ और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई। 22 मई की रात तीनों की हत्या कोतवाली के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और दोस्तों के साथ मिलकर की।

दरअसल, इजलाल की दोस्ती मेरठ कॉलेज में पढ़ने वाली शीबा सिरोही से थी। वह शीबा से एकतरफा प्यार करता था। वहीं, सुनील ढाका भी शीबा को चाहने लगा था। सुनील अपने दोस्तों पुनीत और सुधीर के साथ शीबा से मिलता था। यह बात इजलाल को पसंद नहीं थी। शीबा ने भी इजलाल को तीनों के खिलाफ उकसाया। तीनों को गुदड़ी बाजार में आरोपी इजलाल ने घर बुलाया। जहां उनकी हत्या कर दी।

तीनों को गोली मारी, तलवार से काटा, आंखें फोड़ी
ये हत्याकांड इतना नृशंस था कि प्रदेशभर में चर्चा में रहा। तीनों युवकों को पहले गोली मारी, फिर तलवार से गला काटा गया। लाठी-डंडों से पीटा। आंखें भी फोड़ दीं। घटना को देख और सुनकर हर कोई हैरान था। आनन-फानन में मेरठ के साथ ही बागपत पुलिस को अलर्ट किया गया। मुख्य आरोपी इजलाल से पूछताछ हुई तो हैरान करने वाले खुलासे हुए।

रातभर मौत का खूनी खेल चलता रहा
इजलाल को सुनील ढाका का शीबा से मिलना-जुलना पसंद नहीं था। उसने तय कर लिया कि सुनील ढाका को रास्ते से हटा देगा। इसके लिए इजलाल ने सुनील, पुनीत गिरी, सुधीर उज्जवल को अपने ठिकाने पर बुलाया। इसके बाद उनको खूब शराब पिलाई। जब तीनों लड़के नशे में बेसुध हो गए, तब इजलाल ने तीनों को अपने ही घर में कैद कर लिया।

इसके बाद इजलाल ने अपने दूसरे साथियों को घर बुलाया। तीनों युवकों को बुरी तरह पीटा। इजलाल पर खून सवार था। तीनों लड़कों को बुरी तरह पीटने के बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने तीनों लड़कों की आंखें फोड़ डाली। फिर उनको गोली मार दी। इसके बाद तलवार से उनके गले काटे। रातभर इजलाल का टॉर्चर और मौत का खूनी खेल चलता रहा। पूरी रात इजलाल युवकों को काटता रहा, इसमें सुबह हो गई।

आरोपी इजलाल और उसके दोस्तों ने तीनों लाशों को घर के बाहर सड़क की तरफ बनी एक छोटी सीढ़ी के पास डाल दिया। थोड़ी ही देर लाशों से खून बहकर सड़क पर आने लगा। आस-पास के लोगों ने खून बहता देखा तो शोर मचाया। इसके बाद उस हिस्से को खोला गया तो भयानक मंजर नजर आया। इसी बीच इजलाल का भी नशा उतर गया।

उसने आनन-फानन गाड़ियां मंगाई और तीनों शवों को एक गाड़ी की डिग्गी में डालकर गंग नहर की ओर भागा। कोई सही जगह नजर नहीं आई तो आरोपी इन शवों को लेकर बागपत बॉर्डर पर हिंडन किनारे लेकर पहुंचा। इस दौरान गाड़ी का तेल खत्म हो गया तो आरोपी गाड़ी में ही शव छोड़कर फरार हो गया।

टोपी और मास्क लगाए मुख्य आरोपी इजलाल है। यह तस्वीर 31 जुलाई की सुनवाई के दौरान की है। कोर्ट पहुंचा इजलाल मुंह छिपाए रहा।
टोपी और मास्क लगाए मुख्य आरोपी इजलाल है। यह तस्वीर 31 जुलाई की सुनवाई के दौरान की है। कोर्ट पहुंचा इजलाल मुंह छिपाए रहा।

शवों को गाड़ी में बुरी तरह ठूंसा
लोग बताते हैं- आरोपी जब अपने घर से शव निकाल रहा था तो सड़क पर गाड़ियों का काफिला था। इसमें एक गाड़ी पर नीली बत्ती लगी थी। एक गाड़ी में शव ठूंस कर भरे जा रहे थे। मकान के अंदर से लेकर सड़क तक खून ही खून फैला था।

बावजूद इसके किसी की हिम्मत नहीं पड़ी कि आरोपी को रोक या टोक सके। बागपत पुलिस ने इस संबंध में केस दर्ज कर आरोपी इजलाल को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान गुस्साए लोगों ने हिरासत में उसकी पिटाई कर दी थी।

गवाह संदीप पर हो चुका है जानलेवा हमला
मेरठ से लेकर दिल्ली तक सैकड़ों छात्रों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करके विरोध किया। मुकदमे के वादी अनिल ढाका के स्वतंत्र गवाह के रूप में दुष्यंत तोमर उर्फ अमित राणा, संदीप ढ़डरा, अमित उज्जवल, राजेश कुमार कोर्ट में पेश हुए।

इनके अलावा विवेचक पंकज कुमार गौतम, डीके बालियान, नागेश मिश्रा, हरीश भदौरिया, पंचनामे का गवाह दरोगा सोमपाल, पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. कृष्ण कुमार, मुकदमा लिखने वाले एएसआई हरी सिंह, आरोपियों से बरामदगी करने वाले एसआई सुशील कुमार और नरेश चंद वर्मा, सिपाही अनुराग पाठक, फिंगर प्रिंट लेने वाले जयवीर सिंह, नक्शा-नजरी बनाने वाले राज सिंह, आर्म्स एक्ट के गवाह राजेश कुमार, दरोगा रघुनंदन सिंह भदौरिया, सिपाही अरविन्द मौजूद रहे। वहीं, आरोपी पक्ष से पांच गवाह नफीस, अमित शर्मा, इस्माइल, शरीफ और आबिद पेश किए गए। इस मामले के गवाह संदीप पर जानलेवा हमला हो चुका है।

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