राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी के पूर्ववर्ती कैडेट्स ने स्लम के गरीब वंचित बच्चों के बीच जगाई शिक्षा की अलख
अमरदीप नारायण प्रसाद
राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी के पूर्ववर्ती कैडेट्स ने स्लम के गरीब वंचित बच्चों के बीच जगाई शिक्षा की अलख
जिला के विभिन्न कॉलेजों के राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी के पूर्ववर्ती कैडेट्स स्लम बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों गरीब बेसहारा बच्चों के जीवन में उम्मीद की एक नई किरण बन गए हैं! इतनी छोटी उम्र में यह सभी समाज के उत्थान में अपनी अहम भूमिकाएँ निभा रहे हैं जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम है! जिसकी शुरुआत समस्तीपुर जिला के राष्ट्रीय सेवा योजना और 12 बटालियन एनसीसी के पूर्ववर्ती छात्र अमरजीत कुमार ,श्वेता गुप्ता, आदेश, हेमा,कुमकुम,खुशबू, नवनीत , सुमित भारती , विजय, अभिषेक , ऋषिकेश झा ने अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर द उम्मीद समूह का निर्माण किया ।
जिसके अंतर्गत उन सभी ने मिशन शिक्षा दान की शुरुआत की । द उम्मीद पाठशाला समस्तीपुर जिला के विभिन्न प्रखंडों में स्थापित किया ,जहां पर प्रतिदिन शाम में कक्षाएँ लगती हैं! जिसमें सभी युवा नि:स्वार्थ सेवा भाव से बच्चों को पढ़ाते हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य है, गरीब बेसहारा, कचरा संग्रहण करने वाले, नशा के लत में जा चुके बच्चे, शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ना तथा उन सभी का नजदीकी सरकारी विद्यालयों में नामांकन करवाना । इसके साथ विद्यालय के होमवर्क में उन्हें मदद करना,पाठ्य सामग्रियों में स्टेशनरी से लेकर जरूरत की हर चीज उन्हें नि:शुल्क उपलब्ध करवाते हैं!
द उम्मीद के संस्थापक अमरजीत कुमार ने बताया कि बचपन से ऐसे बच्चों को स्लम के किनारे स्कूल जाते वक्त, रास्ते में कचड़ा संग्रहण करते, सफर मे रेलवे स्टेशन पर, भीड़ वाले जगह पर के आसपास भीख मांगते देखा करता था । तो मेरे मन में सवाल आता था । इन बच्चों को हमारी तरह जीवन जीने का अधिकार क्यों नहीं है? यह भेदभाव और असमानता क्यों है? तभी से मुझमें इन बच्चों के लिए के लिए कुछ करने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई । ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष में एनसीसी के द्वारा एक साक्षरता अभियान को लेकर एक डाटा संग्रहित के लिए स्लम बस्ती में जाना हुआ था । जहां पर बच्चों की स्थितियों को देख कर लगा
इनकी मदद करनी चाहिए ।उनके माता-पिता से बात कर हम लोगों ने 10 बच्चों से क्लास स्टार्ट किया । जिसमें श्वेता गुप्ता का पूर्ण सहयोग मिला । आज इन बच्चों का कारवां 250 से अधिक हो चुका है। समस्तीपुर जिला के विभिन्न प्रखंडों में द उम्मीद पाठशाला संचालित किया जा रहा है!
जिसमें समस्तीपुर नगर निगम के मालगोदाम चौक पर नवनीत, अमन के नेतृत्व में !
दलसिंहसराय में श्वेता गुप्ता और मुस्कान के नेतृत्व में, मोरवा प्रखंड में अभिषेक शिवम के नेतृत्व में, सरायरंजन में विजय के नेतृत्व, कल्याणपुर में कुमकुम के नेतृत्व में , रोसरा में ऋषिकेश झा के नेतृत्व में, विद्यापति में खुशबू के नेतृत्व में नि:स्वार्थ सेवा भाव से संचालित किया जाता है ।
शुरुआत में स्टेशनरी सामग्री को उपलब्ध कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन अब समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग और साथ मिल रहा है जिसमें शहर के समाजसेवी, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का, शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं व्यवसायों का सहयोग मिल रहा है।
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ० सौमेंदु मुखर्जी ( द उम्मीद मेडिकल कोर के अध्यक्ष) ने कहा कि द उम्मीद वास्तव में सामाजिक उत्थान के लिए नि:स्वार्थ भाव से सराहनीय कार्य कर रहा है । बच्चों के स्वास्थ्य एवं चहुँमुखी विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। हमारे समाज के लिए द उम्मीद संस्था नई किरण बनकर आयी है। हमें इसे खुलकर आर्थिक सहयोग करना चाहिए ।
वहीं समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. महेश कुमार चौधरी ने कहा कि गरीब , बेसहारा, अशिक्षित एवं भीख मांगने वाले बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए द उम्मीद पाठशाला के सभी सदस्य नि:स्वार्थ भाव से प्रयास कर रहे हैं । राष्ट्र की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं । किशोरी स्वास्थ्य हेतु जागरूकता एवं रक्दान जैसे पुनीत कार्य कर जरूरतमंद लोगों को नया जीवन दे रहे हैं। अमरजीत एवं उन जैसे सभी स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों को पूर्ण करने में सहयोग किया है । हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं ।