प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने की मांग को लेकर विधुत उपभोक्ताओं ने जुलूस निकालकर किया प्रदर्शन
- एक केवीए प्रीपेड वाले उपभोक्ताओं का प्रति महिना 80 रूपए लोड जुर्माना अनुचित- सुरेंद्र
- सबसे गरीब राज्य है, 2 सौ यूनिट बिजली फ्री कर सरकार-आसिफ होदा
- जब 7 रूपये यूनिट तक चार्ज लेती है विभाग तो लोड चार्ज, मीटर रेंट एवं लोड जुर्माना क्यों-मो० एजाज
- प्रीपेड मीटर का बिल भी विभाग उपभोक्ताओं को प्रति महीना देने की व्यवस्था करे
- 2021 में मोदी सरकार के प्रीपेड मीटर नीति को सबसे आगे बढ़कर नीतीश सरकार ने लागू किया- ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह
- प्रीपेड मीटर हैक होने की चर्चा से प्रीपेड मीटर लगा लेने वाले उपभोक्ता परेशान- संजीव राय
ताजपुर/समस्तीपुर
27 सितंबर 2024
प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगाने, 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने, विधुत सेवा शुल्क-मीटर शुल्क एवं लोड शुल्क,लोड जुर्माना पर रोक लगाने, झारखंड के तर्ज पर बिहार में भी 2 सौ यूनिट फ्री बिजली देने आदि मांगों को लेकर विधुत उपभोक्ताओं ने भाकपा माले एवं आरवाईए के बैनर तले फलमंडी से जुलूस निकाला।
बड़ी संख्या में विधुत उपभोक्ताओं ने भाकपा माले एवं आरवाईए के बैनर तले शुक्रवार को नगर परिषद क्षेत्र के फलमंडी में इकट्ठा होकर “कथितरूप से तेज चलने वाला प्रीपेड मीटर पर रोक लगाओ”, “इलेक्ट्रीक शुल्क-मीटर शुल्क, लोड शुल्क एवं लोड जुर्माना पर रोक लगाने”, “सबसे गरीब राज्य में सबसे महंगा बिजली क्यों- बिहार सरकार जबाब दो”, “2 सौ यूनिट बिजली फ्री दो” आदि नारे लगाते हुए फलमंडी से जुलूस निकाला जो बाजार क्षेत्र का नारे लगाकर भ्रमण कर पुनः फलमंडी पहुंचकर जुलूस जुलूस सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता आरवाईए के प्रखंड उपाध्यक्ष मो० एजाज ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए विधुत सुधार संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक सह भाकपा-माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रीपेड मीटर तेज चलने की खबर लगातार आ रही है। जो उपभोक्ता डीजिटल मीटर का 250-300 रूपये का बिल आता था, प्रीपेड मीटर लगते ही उनका बिल 5 सौ रूपये से अधिक आने लगा। यह सत्यापित जानकारी है कि एक किलोवाट लोड का प्रीपेड मीटर का इलेक्ट्रीक बिल एवं मीटर रेंट 10 रूपये हैं। स्वभाविक है कि महीने का 3 सौ और साल का 36 सौ रूपये बिना बिजली जलाये ही विभाग वसूलती है। लोड जुर्माना के नाम पर प्रति महीना 80 रुपये वसूलती है। यह जनता की गाढ़ी कमाई का लूट है और इस लूट का विरोध किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि प्रीपेड मीटर कंपनी ऊर्जा विभाग के निदेशक सह सरकार के प्रधान सचिव संजीव हंस को मर्सिडीज कार गिफ्ट दें दी। चंडीगढ़ में 95 करोड़ रूपये का रिसोर्ट गिफ्ट कर दी। ईडी के छापेमारी में 87 लाख नगद, 13 किलो चांदी, सोना व अन्य आभूषण जब मिलता हो तो स्वभाविक है कि प्रीपेड मीटर पर सवाल उठेगा ही। उन्होंने आगे कहा कि सबसे गरीब राज्य में सबसे महंगी बिजली आपूर्ति करना एक ओर उपभोक्ताओं का शोषण है और दूसरी ओर मर्सिडीज, रिसोर्ट आदि की कीमत की कंपनी द्वारा भरपाई है।उन्होंने आश्चर्य भरे लिहजे में कहा कि अब तो प्रीपेड मीटर हैक होने की चर्चा भी हो रही है। माले नेता ने कहा कि आखिर प्रीपेड मीटर में अंदरुनी क्या गड़बड़ी है कि विभाग सरकारी विभाग, कार्यालय, अधिकारियों के आवास आदि जगहों पर प्रीपेड मीटर नहीं लगा रही है। उन्होंने प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने, प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की गारंटी करने, दिल्ली की तर्ज पर 2 सौ यूनिट फ्री बिजली देने, मीटर रेंट, लोड चार्ज एवं लोड जुर्माना समेत अतिरिक्त चार्ज वापस लेने, जबरदस्ती प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगाने, प्रीपेड मीटर का बिल देने की व्यवस्था करने की मांग की है अन्यथा आंदोलनरत जनता के साथ मिलकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
मौके पर मो० कयूम, मो० अबुबकर, शंकर महतो, संजीव राय, ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह, राजदेव प्रसाद सिंह, संजीव राय, मो० जाकीर, मुकेश कुमार गुप्ता समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।