छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं रैली निकालकर अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

कांकेर:- छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी लंबित मंहगाई भत्ता सहित 4 स्तरीय मांगों को लेकर फेडरेशन के चौथे चरण के आंदोलन में फेडरेशन ने जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन दिया गया।

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक फेडरेशन प्रमोद तिवारी ने बताया कि हमारी कोई मांग नहीं बल्कि हम शासन को याद दिलाना चाहते हैं कि सत्ताधारी शासन ने मोदी की गारंटी के अपने घोषणा पत्र के माध्यम से केन्द्र के समान नियमित मंहगाई भत्ता देने का वादा किया था, किंतु शासन को 9 महीने होने को है अभी तक मंहगाई भत्ते को लेकर कोई पहल नहीं किया गया है। आंदोलन के प्रथम चरण में दिनांक 06 अगस्त 2024 को कलेक्टर रायपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपकर फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया। फेडरेशन के द्वितीय चरण आंदोलन दिनांक 20 अगस्त से 30 अगस्त 2024 के मध्य माननीय विधायकों एवं सांसदों को इन मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया। फेडरेशन के तृतीय चरण आंदोलन दिनांक 11 सितम्बर 2024 के दौरान जिला/ब्लॉक में मशाल रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर फेडरेशन के चार सूत्रीय मांगों से अवगत कराया गया। आज 27 सितंबर को सामूहिक धरना प्रदर्शन एवं रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपकर मांगों के प्रति ध्यानाकर्षण किया गया। इसके बाद भी यदि सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो प्रदेश सारे अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों को “मोदी की गारंटी” के तहत निम्नांकित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा आंदोलन के माध्यम से लगातार शासन-प्रशासन से

प्रमुख मुद्दे

1. भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 24 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।

2. भाजपा घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
3. केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।

4. भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।

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