ख़बर – अजमेर में अश्लील फोटो-वीडियो ब्लैकमेल कांड- गैंगरेप और 5 लाख रुपए की वसूली, दो आरोपी गिरफ्तार, एसआईटी करेगी जांच- INA


अजमेर। 11वीं की छात्रा से गैंगरेप और ब्लैकमेल कर 5 लाख रुपए ऐंठने के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। घटना अजमेर के किश्चियनगंज थाना क्षेत्र की है, जहां आरोपियों ने छात्रा को उसकी सहेली के जरिए जाल में फंसाया। सहेली ने छात्रा की आरोपी से इंस्टाग्राम पर दोस्ती करवाई, जिसके बाद घटनाओं की शृंखला शुरू हुई।





मामले का खुलासा और एसआईटी का गठन
अजमेर रेंज की आईजी लता मनोज कुमार के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी में एएसपी, सीओ सहित कुल 17 सदस्यों की टीम शामिल है, जो इस मामले की गहन जांच करेगी।

आरोपियों की गिरफ्तारी और पूछताछ
किश्चियनगंज थाना इंचार्ज अरविंद चारण ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी इरफान (19) और उसका फोटोग्राफर दोस्त अरबाज (23) को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस उनके मोबाइल फोन और कॉल डिटेल्स की जांच कर रही है। इस जांच से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें यह पाया गया कि आरोपी पोर्न फिल्म देखने और नशे के आदी हैं।

कैसे हुआ अपराध?
पीड़ित छात्रा के पिता ने 30 मई को थाने में मामला दर्ज कराया था, जिसमें इरफान और अरबाज समेत 6 लोगों पर नाबालिग बेटी को ब्लैकमेल और गैंगरेप करने का आरोप लगाया गया था। पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी अरबाज वैशाली नगर स्थित सेवन वंडर्स पार्क के बाहर फोटोग्राफी करता था, जहां वह लड़कियों के फोटो क्लिक करने के बहाने उनका मोबाइल नंबर लेता था।

आरोपी कैसे करते थे ब्लैकमेल?
फोटो लेने के बाद आरोपी लड़कियों से दोस्ती बढ़ाकर उनकी सोशल मीडिया आईडी के पासवर्ड लेता और उनकी फोटो को एडिट कर न्यूड बनाकर ब्लैकमेल करता था। इसके बाद आरोपी गैंग के अन्य सदस्यों को भी उन लड़कियों के नंबर देता और ब्लैकमेल करवाता था।

पुलिस की जांच और भविष्य की कार्यवाही
पुलिस को आरोपियों के मोबाइल फोन का काफी डेटा गायब मिला है, जिसे रिकवर करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह में और भी सदस्य शामिल हो सकते हैं और इस दिशा में कई स्थानों पर दबिश दी जा रही है।

इस घटना ने 1992 के अजमेर कांड की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें स्कूली छात्राओं को इसी प्रकार से ब्लैकमेल किया गया था। अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह घटना समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।

पुलिस की कार्रवाई जारी है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा होने की संभावना है। इस मामले ने समाज में छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा पर गहन चिंतन की आवश्यकता को बल दिया है।
बीजेपी ने जताया विरोध

इस मामले को लेकर सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने विरोध प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष रमेश सोनी के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अजमेर एसपी देवेंद्र विश्नोई को ज्ञापन सौंपा। जिला अध्यक्ष सोनी ने कहा कि नाबालिग पीड़िता के साथ हुई यह घटना गंभीर है और 1992 के ब्लैकमेल कांड की पुनरावृत्ति प्रतीत होती है। उन्होंने मांग की कि मामले की गहनता से जांच कर अन्य दोषियों को भी गिरफ्तार किया जाए ताकि अजमेर को फिर से इस तरह का कलंक न झेलना पड़े।
अवैध कैफे और रेस्टोरेंट पर भी कार्रवाई की मांग
जिला अध्यक्ष ने एसपी से यह भी कहा कि ऐसे अपराध अधिकतर अवैध कैफे और रेस्टोरेंट में किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित विभाग के साथ मिलकर इन पर भी कार्रवाई की मांग की।

1992 का अजमेर ब्लैकमेल कांड

गौरतलब है कि 1992 में अजमेर में ऐसा ही एक ब्लैकमेल और गैंगरेप कांड हुआ था, जिसमें स्कूल-कॉलेज की लड़कियों को निशाना बनाया गया था। इस कांड में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लड़कियों को फंसाया गया था। आरोपियों ने पीड़ित लड़कियों की न्यूड फोटो और जेरोक्स कॉपी को बाजार में फैला दिया था, जिससे एक लंबी ब्लैकमेलिंग चेन बन गई थी। उस समय कई रसूखदारों के नाम सामने आए थे और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। 1994 में आरोपियों में से एक पुरुषोत्तम ने जमानत पर छूटने के बाद आत्महत्या कर ली। केस का पहला फैसला मुकदमा दर्ज होने के 6 साल बाद 1998 में आया। तत्कालीन जिला जज कन्हैयालाल व्यास ने 8 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभी भी पुलिस इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है और कई स्थानों पर दबिश दी जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा होगा और सभी दोषियों को सजा मिलेगी।

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