देश – मुख्यमंत्री ने शिलान्यास कियाए पार्क में 450 प्रजातियों के पौधे, रिसर्च सेंटर और भी बहुत कुछ – #NA
Ghaziabad News :
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घंटाघर रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान तमाम परियोजनाओं के अलावा गायिजाबाद के बहुप्रतीक्षित बायो डायवर्सिटी पार्क का भी शिलान्यास किया है। इस पार्क में 450 प्रजातियों के पौधे, रिसर्च सेंटर और तमाम सुविधाएं होंगी। शासन ने पार्क की डीपीआर पहले ही एप्रूव कर दी है। नगर निगम 63 एकड़ में पार्क विकसित करेगा। इसमें बनाए जाने वाले रिसर्च सेंटर में जैव विविधता पर शोध होंगे। महामाया स्टेडियम के पीछे प्रस्तावित इस पार्क में औषधीय पौधे, मछली और कमल तालाब, नवग्रह वाटिका, छोटा सा रेस्तरां, सेल्फी पाइंट और एक आकर्षक झील भी होगी। लोगों को सैर करने के लिए पैदल और साइकिल ट्रैक भी बनाए जाएंगे।
प्रोजेक्ट यहां तक पहुंचने में कई वर्ष लगे
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि नगर निगम की ओर से बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित करने की तैयारी काफी समय से की जा रही थी, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण इस प्रोजेक्ट में ब्रेक लग जाते थे। जुलाई में शासन से पार्क की विस्तृत प्रोजक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अप्रूव हो गई थी, अब मुख्यमंत्री के कर कमलों से पार्क का शिलान्यास भी हो गया। जल्दी ही पार्क के निर्माण का काम शुरू होगा।
बेहतर कनेक्टिविटी लगाएगी चार चांद
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा गाजियाबाद के पहले बायोडायवर्सिटी की सबसे बड़ी खासियत इसकी लोकेशन होगी। महामाया स्टेडियम के पीछे खाली पड़ी नगर निगम की जमीन पार्क का निर्माण होगा। यहां न्यू लिंक रोड के रास्ते सिद्धार्थ विहार और प्रताप विहार के अलावा एनएच-9 से भी सीधा पहुंचा जा सकेगा। इतना ही नहीं रेड लाइन दिल्ली मेट्रो से यहां पहुंचने के लिए बगल में न्यू बस अड्डा मेट्रो स्टेशन और दूसरी ओर दिल्ली – मेरठ आरआरटीएस ट्रेन का गाजियाबाद स्टेशन। यानि मेट्रो और आरआरटीएस इस पार्क को सीधे दिल्ली और मेरठ से जोडेंगी और लोग मेट्रो या आरआरटीएस से उतरकर यह पार्क वॉकिंग डिस्टेंस पर पार्क में पहुंच सकेंगे। कार या बाइक से आने वालों के लिए न्यू लिंक रोड के नीचे पार्किंग की व्यवस्था होगी। सही मायने में यह पार्क गाजियाबाद का एक पिकनिक स्पॉट भी बन सकेगा।
सीवर वाटर ट्रीट करने के लिए लगेगा प्लांट
बायोडायवर्सिटी पार्क की डीपीआर में एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है। अभी प्रस्तावित भूमि पर स्टेडियम के पीछे बसी कालोनी से सीवर का पानी आकर जमा हो जाता है। यह पानी इको पार्क और यहां तक कि साईं उपवन के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने से सीवर के पानी को ट्रीट करके सिचाई के लिए इस्तेमाल करने की योजना है। यानि एक ओर जहां यह पार्क शहर का वायु प्रदूषण कम करेगा, वहीं जल प्रदूषण पर भी रोक लगाएगा और साथ ही इको पार्क और साईं उपवन में सीवरयुक्त पानी भर जाने से मर रहे पेड़ों को भी जीवनदान देने वाला साबित होगा।
एक साल में सवा दो करोड़ बढ गई लागत
नगरायुक्त ने बताया कि बायो डायवर्सिटी पार्क को विकसित करने में 17 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि गत वर्ष शासन को भेजी गई डीपीआर के समय इस पर केवल 1 4.76 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था। यानि एक वर्ष में प्रोजेक्ट की लागत करीब सवा दो करोड़ बढ गई है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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