बखीर, पूड़ी खाकर व्रतीयों शुरू की 36 घंटे के उपवास

जिला चंदौली ब्यूरो चीफ अशोक कुमार जायसवाल

डीडीयू नगर।सूर्योपासना के महापर्व डाला छठ के दूसरे दिन बुधवार को व्रतियों ने दिन भर निर्जला व्रत रहकर सूर्योपासना की। शाम को बखीर तैयार की। चंद्रदर्शन के बाद पूजन के बाद बखीर, पूड़ी आदि का भोग लगाया और जल ग्रहण किया। इसके साथ ही 36 घंटे के उपवास की शुरूआत की। इसके पूर्व व्रतियों ने नदी और सरोवर तटों पर पहुंच कर अर्घ्य के लिए वेदी तैयार की और घाटों की पूजा कर दीपदान किया।

व्रती सुबह से ही पूजा अर्चना की तैयारी में जुट गए। व्रतियों ने दिन भर अस्ताचलगामी और उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पकवान आदि तैयार की। शाम के वक्त नजदीक के गंगा नदी, सरोवर, तालाबों पर पहुंच कर अर्घ्य के लिए वेदी तैयार की और धूप, दीप, नैवेद्य, सिंदूर से घाट पूजन किया। इसके बाद दीपक प्रज्ज्वलित कर पत्ते दोने में रख कर उसे तालाब में प्रवाहित की। यहां से घर लौट कर नई ईंट को जोड़ कर चूल्हा तैयार की और आम की लकड़ी और उपले के ईधन से चावल, गुड़ और दूध की बखीर तैयार की। इसके बाद चंद्रदर्शन कर विधि विधान से छठ मइया की पूजा अर्चना के बाद बखीर का भोग लगाया व जल ग्रहण किया। व्रती के भोग लगाने के बाद घर परिवार और आस पड़ोस के लोगों ने बखीर, पूड़ी, रोटी का प्रसाद ग्रहण किया। व्रतियों ने पूरी रात जागकर ठेकुआ, पीसे चावल के पकवान तैयार किए। बृहस्पतिवार की शाम व्रती सरोवर तटों पर पहुंच कर अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। वहीं शुक्रवार को उदयीमान सूर्य के अर्घ्य के साथ व्रत का समापन करेंगे।

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