खबर शहर , बदला माैसम सेहत पर भारी: गुलाबी ठंड में निमोनिया और एलर्जी के मरीज बढ़े, मासूमों को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी – INA
गुलाबी ठंड के साथ प्रदूषित वातावरण बच्चों में निमोनिया व एलर्जी की समस्या खड़ी कर रहा है। इन दोनों ही कारणों से हर सप्ताह दो व्यस्क मरीज व 10 बच्चे जिला अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी 100 में 80 बच्चे निमोनिया व एलर्जी की समस्या वाले आ रहे हैं। विशेष बात यह है कि एलर्जी के मरीजों के चेस्ट एक्स-रे क्लियर आ रहे हैं।
इससे माता-पिता को लगता है कि बच्चे को कोई समस्या नहीं है। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि निमोनिया व एलर्जी में यही अंतर है। निमोनिया वाले बच्चों के चेस्ट एक्स-रे में धब्बे अलग ही दिखाई देते हैं। जबकि एलर्जी में ऐसा में नहीं होता, क्योंकि यह समस्या सांस की नली से संबंधित है।
जिला अस्पताल में निमोनिया से पीड़ित बच्चों को इंजेक्शन व एलर्जी से पीड़ित बच्चों को इनहेलर थैरेपी दी जा रही है। बाल रोग विशेषज्ञ व चिकित्साधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार का कहना है कि खांसी व ठंड लगकर बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, थकान और कमजोरी, तेजी से सांस लेना आदि निमोनिया के लक्षण हैं।
एलर्जी के मामले में खांसी व सांस लेने में परेशानी ज्यादा होती है। जिला अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में 16 बच्चे भर्ती हैं। इनमें से पांच निमोनिया या एलर्जी से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि दो से तीन दिन भर्ती रखने के बाद बच्चों को छुट्टी दे दी जाती है।