देश – प्रदूषण से बचना है तो आज से ही शुरू कर दीजिए ये योगासन, 5 मिनट भी करेंगे तो फेफड़े रहेंगे स्वस्थ #INA
Best Pranayama 2024: बढ़ते प्रदूषण ने हमारे हेल्थ को गंभीर खतरे में डाल दिया है. इसका असर सीधा हमारे श्वसन तंत्र पर पड़ता है. इसलिए प्रदूषण के दौरान आपको अपने फेफड़ों की सेहत का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए रोजाना प्राणायाम एक आसान और प्रभावी तरीका हो सकता है. ये एक्सरसाइज न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि श्वसन तंत्र को मजबूत बनाकर हमें प्रदूषण के दुष्प्रभावों से भी बचाता है. आज इस लेख में हम आपको फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए ऐसे प्राणायाम के बारे में बता रहे हैं, जो वायु प्रदूषण से बचाने में हमारी मदद कर सकते हैं.
भस्त्रिका प्राणायाम
पद्मासन में बैठकर भस्त्रिका प्राणायाम करें. गर्दन और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें. हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखकर बंद कर लें और धीरे-धीरे सांस लें और फिर तेजी से सांस छोड़ें. ऐसा करने से आपके फेफड़ों की सेहत अच्छी रहेगी.
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम प्राणायाम में दाहिनी ओर से सांस लेते हैं और बाईं ओर से सांस छोड़ते हैं. फिर यही प्रक्रिया विपरीत दिशा में दोहरानी होगी. यह प्राणायाम फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है, ऐसे करने से तनाव कम होता है और मन शांत मिलती है.
मत्स्यासन प्राणायाम
फेफड़ों की सेहत को हेल्दी रखने के लिए आप मत्स्यासन प्राणायाम करना फायदेमंद हो सकता है. मत्स्यासन प्राणायाम करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. इसके बाद बाएं पैर के उंगुलियों को दाएं हाथ और दाएं पैर को बाएं हाथ से पकड़ें. उसके बाद गहरी सांस लें और सिर को पीछे की तरफ झुकाएं. फिर कुछ समय बाद इसे 3-4 बार दोबरा कर लें.
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति शरीर को ऊर्जा देने वाला प्राणायाम माना जाता है. जिससे पेट की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. इस प्राणायाम में गहरी सांस ली जाती है. फिर उस सांस को पूरी ताकत के साथ छोड़ें. शुरुआत में लगभग बीस बार सांस छोड़नी चाहिए. इसके बाद धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है.
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