संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा की जांच के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल शनिवार को संभल का दौरा करेगा। सपा राज्य अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने शुक्रवार को इस दौरे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रतिनिधि मंडल वहां जाकर हिंसा की परिस्थितियों का विवरण एकत्र करेगा और रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को सौंपेगा।
सपा के प्रतिनिधि मंडल में विपक्ष के नेता मता प्रसाद पांडे, विधान परिषद में विपक्ष के नेता लाल बिहारी यादव, सांसद ज़ियाउर्रहमान बारक, हरेंद्र मलिक, रुचि वीर, इक़रा हसन और नीराज मौर्य सहित कई प्रमुख नेता शामिल होंगे। सपा ने इस दौरे को पहले स्थगित कर दिया था।
दरअसल, पार्टी के नेताओं ने प्रदेश के पुलिस प्रमुख से बात की थी और यह आश्वासन लिया था कि हिंसा की निष्पक्ष जांच की जाएगी। सपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने बिना किसी ठोस आधार के उनके पार्टी कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की। इसके बाद, डीजीपी ने पार्टी को तीन दिन बाद दौरे की अनुमति दी।
कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष अजय राय ने भी बताया कि उनकी पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल 2 दिसंबर को संभल जाएगा। कांग्रेस की ओर से हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है, और पार्टी के नेताओं का कहना है कि पूरे मामले की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
19 नवंबर को एक स्थानीय अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। इसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद के पास हिंसा भड़की जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने हिंसा के दाैरान फायरिंग करने से इनकार किया है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।
जिले में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। संभल जिले में बाहरी लोगों के प्रवेश पर शनिवार तक रोक लगाई गई है। पुलिस ने मस्जिद और अन्य संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।