Crime- 4 रुपए की रिश्वत बन गई मुसीबत, हवलदार साहब हुए फरार; अब ढूंढ रही पुलिस

4 रुपए की रिश्वत बन गई मुसीबत, हवलदार साहब हुए फरार; अब ढूंढ रही पुलिस

बिहार से रिश्वतखोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. सहरसा रेलवे स्टेशन पर सब्जी लेकर जा रही महिला से हवलदार ने चार रुपये की रिश्वत ले ली. वर्दी पहने हवलदार के लिए रिश्वत लेना भारी पड़ गया. उसे रेलवे पुलिस ने रंगे हाथ दबोच लिया. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. यह मामला 34 साल पहले का है. मामला कोर्ट में चल रहा है. 25 साल से आरोपी हवलदार फरार है. कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी वारंट और संपत्ति कुर्की के आदेश जारी किए थे.

पुलिस आरोपी हवलदार को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. वह पुलिस को चकमा देकर पता बदल कर रह रहा है. लापरवाही बरतने पर कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है. कोर्ट ने घूस लेने वाले हवलदार को गिरफ्तारी के लिए कहा है. पुलिस आरोपी हवलदार की तलाश में जुटी हुई है. घूसखोर हवलदार का मामला बिहार डीजीपी तक पहुंच चुका है.

25 साल से गैर जमानती वारंट लंबित

घूसखोर हवलदार के खिलाफ 25 साल से गैर जमानती वारंट लंबित है. आरोपी हवलदार फरार चल रहा है, जिस वजह से कोर्ट ने अब नाराजगी जताई है. विशेष निगरानी न्यायाधीश ने डीजीपी को सब्जी वाली महिला से रिश्वत लेने वाले हवलदार को कोर्ट में पेश कराने को कहा है. आश्चर्य की बात यह है कि रिश्वत के इस चर्चित केस में पिछले 34 साल से आरोपी हवलदार कोर्ट में एक बार भी पेश नहीं हुआ है और ना ही बिहार पुलिस को यह मालूम है की रिश्वत लेने वाला हवलदार आखिर है कहां?

1990 में ली थी महिला से रिश्वत

मामला 34 साल पहले का है, 1990 में सहरसा रेलवे स्टेशन पर सब्जी की पोटरी लेकर आ रही सीता देवी नामक महिला से हवलदार सुरेश प्रसाद सिंह ने 4 रुपये घूस के तौर पर लिए थे. रेलवे पुलिस ने उसे पकड़ लिया था. आरोपी हवलदार मुंगेर जिले के बड़हिया का रहने वाला है. वह सहरसा में रेल थाना में तैनात था. इस दौरान ड्यूटी पर वो रिश्वत वसूलते रंगे हाथों पकड़ गया था. विशेष निगरानी कोर्ट के न्यायाधीश सुदेश श्रीवास्तव ने डीजीपी से उन्हें पेश करने को कहा है.

विशेष न्यायाधीश ने अपने पत्र में लिखा है कि उच्च न्यायालय पटना ने केस के लंबित रहने के मामले को गंभीरता से लिया है, ऐसा इसलिए क्योंकि 1999 से आरोपी हवलदार फरार चल रहे हैं, उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट, संपत्ति कुर्की का आदेश भी पुलिस अब तक पूरा नहीं कर पाई है. कोर्ट ने केस के त्वरित निष्पादन हेतु जल्द रिश्वतखोर हवलदार को पेश कराने को कहा है.

पता बदल कर दे रहा चकमा

मामले में केस दर्ज होने के बाद तब हवलदार ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अपना पता सहरसा के महेशखुट बैजनाथपुर, मुंगेर लिखवा दिया था. जबकि, आरोपी हवलदार का असली पता मुंगेर जिले के बड़हिया थाना क्षेत्र का बीजाय गांव था. डीजीपी स्तर तक मामला पहुंच जाने के बाद आरोपी हवलदार की चालाकी पकड़ी गई, और अब उसकी गिरफ्तारी के लिए आदेश जारी कर दिया गया है. बिहार पुलिस के ऊपर एक बार फिर आरोपी हवलदार की गिरफ्तारी का दारोमदार है और उसके कोर्ट में पेश होने की आस जाग गई है.


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