सेहत – सद्गुरु ने बताया कि किसकी और लाइफ लॉन्ग का राज, सिर्फ 6 सूत्र आपके साथ, लाइफ खुशहाली होगी
सद्गुरु: लंबी आयु का रहस्य: एसोसिएटेड लाइब्रेरी और स्टूडियो से भरा हुआ है। शारीरिक विकार तो होते ही हैं, मानसिक विकार भी कम नहीं होते। हर कोई किसी न किसी तरह से रहता है। सद जग्गी वासुदेव कीगुरु की पहचान तो इसके लिए हम खुद ही सबसे बड़े जिम्मेदार हैं। यदि हम अपने जीवन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाएं तो आसानी से अपने जीवन में स्थिर जीवन जी सकते हैं और खुश भी रह सकते हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया कि अगर जीवन में सिर्फ 6 सूत्र अपनाए जाएं तो हम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से खुश रह सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये 6 सूत्र.
सदगुरु के 6 सूत्र
1. कुदरती भोजन–आईए की रिपोर्ट में सद्गुरु ने बताया है कि आप धीरे-धीरे अधिक कुदरती विचारों को खाएंगे और अधिक प्रतिभागियों को शामिल करेंगे। इन कुदरती नी को धिक्कार है रि फ़्लोरिडा कर या स्माल्ड कर खाएंगे। इसलिए हमेशा साबुत अनाज, मध्य फल, सीड्स, हरे पत्ते के पत्तों को आधा पकाकर। ऑक्सफ़ोर्ड, रिफाइंड, फास्ट फ़ड, जंक फूड आदि का सेवन न करें। इससे संबंधित. नींद से शरीर को ऑक्सीफाई करना होगा और ध्यान नहीं देना होगा।
2. फ़िज़िकल सक्रियता-हेल्डी लाइफ लाइव के लिए सद्गुरु के कहे अनुसार यात्रा लक्ष्य बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से योग या अन्य तरह की सलाह से बीमार नहीं पड़ेंगे। इससे शरीर, दिमाग और चित्त का संयोजन रहेगा और जीवन में खुशियां रहेंगी। साथ ही हृदय स्वास्थ्य और वजन पर नियंत्रण रखें। सद्गुरु कहते हैं कि योग में सूर्य नमस्कार नियमित रूप से करें, इससे मन और चित्त मस्ती करते रहेंगे।
3. पर्याप्त नींद-सद्गुरु कहते हैं कि जीवन शक्ति और कार्मिक जीवन के लिए पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। सदगुरु ने शीघ्र सोने और शीघ्र स्वस्थ होने की सलाह दी है। हालाँकि उन्होंने सुझाव दिया कि ज्यादा देर तक सोने के इलेक्ट्रोलाइट्स की वजह से नींद आना जरूरी है। यह हर इंसान में अलग-अलग होता है। यदि आप पूरी नींद यानि बेहद गहरी नींद लेते हैं तो इसका फायदा कहीं और सबसे ज्यादा होगा।
4. ध्यान-हेल्दी लाइफ और वेध जीवन पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। सदगुरु के शिष्य हर तरह की चिकित्सा सुविधा से जुड़े उपकरण पा सकते हैं। इससे स्ट्रेस, एंजाइटी और डिप्रेशन की समस्या दूर हो सकती है।
5. आनंद आनंद-सदगुरु का कहना है कि हमेशा के लिए सकारात्मक रुख अपनाना जरूरी है। इसके लिए हर तरह के अवसर में खुशी की तलाश करनी चाहिए। हर के चीज़ प्रति सकारात्मक भावना पोस्ट. सकारात्मक सोच और साम्प्रदायिक संबंध आनंदमय जीवन का राज है।
6. प्रकृति के साथ जुड़े-सद्गुरु कहते हैं कि प्रकृति के साथ जुड़ना भी जीवंत जीवन और सांस्कृतिक जीवन का महत्वपूर्ण सूत्र है। अगर आप नेचर के करीब ज्यादातर समय बिताएंगे तो इससे आपको आंतरिक आनंद मिलेगा। इस चित्त को सर्वमान्य और आंतरिक शांति प्राप्त करें।
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पहले प्रकाशित : 1 सितंबर, 2024, 11:53 IST
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