सेहत – शुगर, वजन और नियंत्रण करती है ये पहाड़ी दाल, क्या नाम जानते हैं आप? स्वास्थ्य परीक्षण से जानें लाभ

भट्ट दाल के फायदे: उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर उबाई जाने वाली भट्ट की दाल को बहुत कम ही लोग जानते हैं। यह दाल उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं जिले में काफी पाई जाती है। स्वाद तो मज़ेदार है, लेकिन इसके फायदे भी कम नहीं हैं। यह दाल दिखने में काले रंग की मोती मोती जैसी होती है, इसलिए इस दाल को काली सोयाबीन के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि हाई प्रोटीन और रिच से भरपूर इस दाल को अपनी रसोई में क्यों रखना जरूरी है…

नरिंदर मोहन हॉस्पिटल एंड हार्ट सेंटर मोहन नगर में कट्टरिशियन स्वाति बिश्नोई का कहना है कि भट्ट की दाल का प्रोडक्शन चार्ट देखें तो यह शुगर को कंट्रोल करने के लिए जबरदस्त दवा बनाती है। वजन नियंत्रण रखना है तो इस दाल का सेवन करना सही है। ट्रैक्टरों को मजबूत बनाना और बाल्ड मेटल को नियंत्रित रखना भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें उच्च होना अनाज से यह आपके पाचन क्रिया को सही तरीके से लिखा जाता है। कंजेशन और पेट से जुड़ी मशीनें ठीक हो सकती हैं। मात्रा में पोषक तत्वों के होने से शरीर में इनका अवशोषण भी अच्छा होता है।

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यह दाल सोयाबीन की तरह ही फायदे प्रदान करती है। बस दोनों में काले और पीले छिलके का अंतर होता है। बिना फ़ात के यह प्रोटीन का अच्छा मूल है। इसमें विटामिन K, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, मैग्नीज और राइबोफ्लेविन की मात्रा अधिक होती है। ब्लूबेरी की तरह भट्ट की दाल के बाहरी हिस्सों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह दाल आम के लिए सबसे बढ़िया है, क्योंकि यह शरीर को गर्मी प्रदान करती है। भट में विटामिन बी, बी 1, बी 2, बी 3, बी 5 और बी 6 मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं। शाकाहारी भोजन करने वालों को भी ये विटामिन कम मिल मिलते हैं। इसलिए अगर आप अपनी रसोई में इसे अन्य दालों के साथ शामिल करते हैं तो आपके फिटनेस का स्तर भी बढ़ने वाला है।


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