सेहत – पियानो, फिलिप्स और ग्रीन टी… क्या चिल्लाने वालों का बजता है बैंड, क्लास से जानें सहयोगी सच्चाई
रक्त शर्करा कैसे कम करें: अगर आप वीडियो, सोशल मीडिया, फेसबुक या यूट्यूब पर नजर रखते हैं तो आपको हमेशा इन माध्यमों में तरह-तरह की बीमारियों और उनके इलाज के बारे में बातें सुनने को मिलती होंगी। सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य को लेकर इस तरह की जानकारियां दी गई हैं कि इसमें यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि क्या गलत है और क्या सही है। जिन लोगों के पास तारकीय क्षमता कम है, उनके हर वीडियो की बातें सच्ची हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कई उन्नत-चाचक बातें पेश की जाती हैं। आजकल दावा किया जाता है कि डार्क चॉकलेट, दालचीनी, कॉफी और ग्रीन टी के सेवन से ब्लड शुगर कम हो जाता है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है, यह अपोलो अस्पताल में एंडोक्राइनोपैथी के लिए है डॉ. ऋचा चौधरी से जानते हैं.
बस एक चीज से काम करने वालों को नियंत्रित करना मुश्किल है
डॉ. ऋचा चौधरी ने बताया कि एंटीऑक्सीडेंट क्या है या ग्रीन टी, इसमें प्लांट माइक्रोन्यूट्रेंट यानी पोलीफिनॉल होता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होता है। इसमें मेटाबोलिज़्म को प्रभावित करने की क्षमता होती है। जैसे करेला में पॉलीफेनोल होता है इसके बारे में अध्ययन में यह भी पाया गया है कि इससे ब्लड शुगर कम होता है। कुछ डॉक्युमेंट्स में कहा गया है कि पॉलीफ़ेनॉल टीकाकरण सेंस स्टिम्यलिटी को स्टॉक में रखा जाता है, जिससे ग्लूकोज़ के पाचन को तेज़ किया जाता है। हालाँकि यह अध्ययन लेबोरेटरी पर आधारित है, इंसानों पर नहीं हुआ है। इसलिए पक्के तौर पर हम यह नहीं कह सकते कि इससे शुगर लेवल कम होता है। वहीं केवल एक चीज या किसी अन्य चीज को शामिल करने से उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बेरोजगारों को शुगर कंट्रोल करने के लिए न्यूनतम मात्रा की आवश्यकता होती है।
समग्र रणनीति की आवश्यकता
डॉ. ऋचा शेट्टी ने बताया कि हर इंसान का शरीर अलग-अलग होता है जिसमें जीन और कारक भी जिम्मेदार होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को करेला शुगर में फिट कर दिया गया है तो जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति में करेला ब्लड शुगर कम हो जाए। कौन सी चीज किस व्यक्ति में कितनी फिट होगी, यह जीन, लाइफस्टाइल और शरीर पर प्रतिबंध है। पोलीफेनोल के हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन, मूंगफली, मूंगफली और जामिन में पाया जाने वाला रेस्वेराट्रोल, प्याज में पाया जाने वाला क्वेरसेटिन, कोको और ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैटेचिन से भी मोटापा और शुगर लेवल कम हो सकता है। लेकिन शोध में यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है। ऐसे में इनमें अमानत में खयानत के बजाय पूरी लाइफस्टाइल और खान-पान पर नियंत्रण जरूरी है। कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए समग्र रणनीति की आवश्यकता है। इसके लिए सबसे पहले मोटापा कम करना होता है। इसके बाद पुरावशेषों में हरे पत्ते वाले कार्डबोर्ड, फलों को शामिल करना और सिगरेट, शराब और मीठे पर लगाम लगाना सबसे बेहतर स्थान पर है। वहीं अनहेल्दी भोजन से बचना भी जरूरी है। ऐसे में पेशेवर डॉक्टर की सलाह से बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है।
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पहले प्रकाशित : 10 सितंबर, 2024, 17:14 IST
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