सेहत – चावला बुख़ारा से अपनाएं यह आयुर्वेदिक दवा, घरेलू प्रतिरक्षा शक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस पुराने आयुर्वेदिक नुस्खे का उपयोग करें

पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण मौसम में परिवर्तन हो रहा है, क्लर्क शेयरहोल्डिंग का प्रकोप बढ़ गया है। इनमें से सबसे पुरानी बुखार की समस्या आम हो गई है। गले में खराश, नाक बहना, सिरदर्द और बुखार के लक्षण बुखार के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। इसका इलाज आयुर्वेद में भी मौजूद है। आयुर्वेदिक आहार और सब्जियों के माध्यम से आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। मौसम के इस बदलाव के लिए शरीर का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है।

आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खे हैं, जिनके माध्यम से आप अपनी इम्युनिटी को घर पर ही काढ़ा बनाए रख सकते हैं। यह आयुर्वेदिक काढ़ा आप अपने घर की सामग्री से ही बना सकते हैं, और इसके नियमित सेवन से लक्ष्मी बुखार से मुक्ति कर सकते हैं।

क्या है रेसिपी?
काढ़ा बनाने के लिए आपको अपने घर में आसानी से मिलने वाली चीज़ की आवश्यकता होगी। इसमें तुलसी, अदरक और काली मिर्च का उपयोग किया जाता है। काढ़ा बनाने की विधि बहुत आसान है:

  1. पांच तुलसी के पत्ते लें.
  2. थोड़ा सा लें.
  3. पांच काली मिर्च लें.

इन सभी को एक कप पानी में पुतले लें। इस का निर्देश यह है कि नियमित सेवन से आपकी इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा और आपको शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान किया जाएगा। आयुर्वेद में वैशाली बुखारा को श्लेस्मिक ज्वर कहा जाता है। यदि आप बाहर से औषधि लेते हैं, तो बाजार में उपलब्ध लभंगादि वटी और अन्य औषधि औषधि, क्रीम वाली औषधि भी शामिल हैं, का उपयोग कर सकते हैं।


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