सेहत – गज़ब! अब संचार मंत्र हो आध्यात्मिक वैज्ञानिक, बस इस वाटिका के विशेषज्ञ को ऐसे कक्ष में जाना होगा

हल्द्वानी: उत्तरखंड में वन अनुसंधान केंद्र में अलग-अलग वन वाटिकाओं के माध्यम से लोगों को वनस्पतियों को संरक्षित करने का संदेश दिया जा रहा है। कृषि अनुसंधान केंद्र में ऐसे कई पेड़-पौधे और वनस्पतियां लगाई गई हैं, जो मनुष्य के जीवन से जुड़े हुए हैं। अनुसंधान केंद्र में एक ऐसी वाटिका बनाई गई है, जिस वाटिका में हर मर्ज का पौधा है। इसका नाम ‘मानव अंग वाटिका’ रखा गया है।

जानिए किन मर्ज के लिए दवाएं बेहतर हैं
बता दें कि वन अनुसंधान केंद्र में पेट, सांस, त्वचा, अस्थि रोग को ठीक करने वाले औषधीय उपचारों से इस वाटिका में लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से लोग इन वनस्पतियों से अपना इलाज कर सकते हैं। वाटिका में बाकायदा बोर्ड पर रोक लगाने वाले लोगों के हर उपचार का नाम और महत्व भी बताया गया है। उदाहरण के लिए, उपकरण से लोग पहुंच भी रहे हैं।

जानें कहां उपचार उपाय
वहीं, वन क्षेत्र के पदाधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि इस वन वाटिका में अलग-अलग शरीर की स्थिरता को ठीक करने वाले उपाय दिए गए हैं। ये औषधियां परामर्श में तैयार किये गये हैं। यदि आपको भी कोई औषधीय औषधि चाहिए तो आप भी इन वन अनुसंधान केंद्र में औषधि औषधि ले सकते हैं और घर पर भी औषधि औषधि लगा सकते हैं।

जानिए कौन सा पौधा है तितली
वाटिका में मस्तिष्क के लिए ब्राह्मी, फेफड़े के लिए वासा-डंबेल, गुर्दे के लिए कासनी, पुनर्नवा और गोखरू, त्वचा के लिए घृतकुमारी, एड़ी के लिए ओक, बालो के लिए भृंगराज-रीठा, आंखो के लिए वेल-राखी बेल, दांतो के बज्रदंती-अकरकरा, हृदय के लिए अर्जुन और घुटना व हड्डी रोग के लिए पारिजात, मेदा, हडज़ोड के उपाय बताए गए हैं।

27 स्टाम्प के ये हैं औषधीय औषधियां
मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि यहां पर स्कूल के बच्चे या जो यहां वाटिका बनाते हैं उसमें और अधिक जानकारी लेनी होती है, वो यहां पर ज्ञान ले सकते हैं। साथ ही बताया कि वाटिका में औषधीय गुण वाली करीब 27 प्लांट के आगे का नाम और प्रयोग करने की विधि लिखी है। शोधार्थी भी यहां आरंभिक सूचना प्रौद्योगिकी हैं। बोर्ड और रिकॉर्ड्स के आगे जारी नेमप्लेट से यहां आने वाले हर व्यक्ति को इन औषधीय उपचारों की जानकारी मिलेगी।


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