सेहत – स्पर्म को अपंग बनाने से मर्दों की होती है ये बीमारी, धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे होना बंद हो जाएगी, ये हैं लक्षण
शुक्राणु संख्या शून्य: शुक्राणु मानव वजूद का प्रारंभिक तत्व है। शुक्राणु के बिना किसी मनुष्य का जन्म नहीं हो सकता। हालाँकि स्पर्म के साथ-साथ ओवम अर्थात महिलाओं के अंडाणु के बिना भी जीवन संभव नहीं है। नए जीवन के लिए दोनों का मिलन जरूरी है। लेकिन इससे भी जरूरी है स्पर्म और ओवम का रॉकेट होना। जब तक स्पर्म मिसाइल नहीं बनी तब तक यह अंडाणु के अंदर की क्षमता विकसित नहीं कर पाई। यही कारण है कि प्रकृति ने एक अंडे को निषेचित करने के लिए अरबों का स्पर्म बनाया है। मर्द के एक बेचने वाले सीमेन में 20 करोड़ स्पर्म मिलते हैं। इस सारे स्पर्म अंडाणु में प्रवेश करने के लिए लड़ाई लड़ता है और जो स्पर्म सबसे बड़ा हमला करता है, वह इस जंग में जीत जाता है। यह सही है कि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ-साथ शुक्राणु की गुणवत्ता भी कम होती है लेकिन आजकल युवा पुरुषों के साथ भी ऐसी ही समस्या होती है। कम उम्र में ही मर्दों में स्पर्म की संख्या कम होने लगती है। अगर यह बीमारी मोटी है तो धीरे-धीरे स्पर्म की संख्या को नगण्य कर देते हैं और इस बीमारी को एजोस्पर्मिया कहते हैं। अगर किसी पुरुष को एजोस्पर्मिया हो जाए तो वह पिता नहीं बन सकता।
किसी को भी हो सकती है ये बीमारी
हॉपकिंस मेडिसीन के अनुसार करीब 10 प्रतिशत इन्फ़र्टाइल मर्दों में से एक प्रतिशत लोगों को एजोस्पर्मिया की बीमारी होती है। इसका मतलब यह हुआ कि 50 हजार पुरुषों में से 500 पुरुषों को यह बीमारी होती है।
एज़ोस्पर्मिया के क्या कारण हैं?
वैसे तो एजोस्पर्मिया के कई कारण होते हैं लेकिन मुख्य रूप से इसके लिए जीन जिम्मेदार होता है। इसे क्लीनफिल्टर सिंड्रोम कहा जाता है। वहीं अगर किसी को बचपन में टेस्टिस में चोट लग गई हो तो भी ये बीमारी हो सकती है. इसके अलावा वायरल इंफेक्शन अगर टेस्टिस में हो तो उसे ऑर्काइटिस की बीमारी भी हो सकती है और इसका कारण भी हो सकता है।
एज़ोस्पर्मिया के लक्षण
क्लीवलैंड एज़ोस्पर्मिया के बारे में किसी भी व्यक्ति का कहना है कि इसका पता शुरुआत में बिल्कुल नहीं लगता है। संबंध बनाने के दौरान सीमेन तो निकलेगा लेकिन इसमें स्पर्म शामिल नहीं होगा। इसलिए लक्षण होने का पता नहीं चलता लेकिन कुछ मामलों में यौन उत्पीड़न में जब कमी आती है तो उसकी जांच करानी चाहिए। वहीं कुछ मामलों में अगर टेस्ट में संक्रमण का कारण पेट बन गया है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा रिलेशनल ब्लॉक टाइम रेक्टाइल डिसफंक्शन भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 19 सितंबर, 2024, 18:08 IST
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