सेहत – मंडी जिले में आयुर्वेदिक नुस्खों से रखे अपने को स्वस्थ, सिद्धांत से जांचें कि फिट कैसे रहें

1. 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 1 …:मंडी जिले में शरद ऋतु का आगमन हो चुका है, जिस मौसम में बदलाव जारी है। ऊपरी इलाके के निवासियों ने इस मौसम के लिए लकड़ी, जंगल और खाद्य वस्तुओं की दुकान शुरू कर दी है। हालाँकि, इस ठंड में बच्चों और बुजुर्गों को खांसी, बुखार और बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लोक 18 की टीम ने आयुर्वेदिक डॉक्टर ओम राज शर्मा से चर्चा की,महोत्सव शरद ऋतु में उपयोगी आहार और नुस्खों के बारे में बताया।

क्रमिक आहार का महत्व

डॉक्टर ओम राज शर्मा के अनुसार, शरद ऋतु में विविध और स्थिर आहार लेना अत्यंत आवश्यक है। ये एक ऐसी आदत है जिसे हमें सिर्फ पतझड़ के मौसम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे साल अपनाना चाहिए। विटामिन और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फल और सामग्रियां हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। विशेष रूप से, एंटीऑक्सीडेंट से एनईएलएम का चयन करना चाहिए।

इंजेक्शन के लक्षण और सावधानियां

आम उदाहरण, जो अक्सर राइनोवायरस का कारण होता है, शरद ऋतु में अधिक प्रचलित होता है। इसके पैकेज में छुट्टी नाक, खुजली, खांसी और गले में खराश शामिल हैं, जो एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक परेशान कर सकते हैं। हालाँकि ये फ्लू का प्रभाव होता है, फिर भी ये आम तौर पर एक नियमित चिंता का विषय बन जाता है।

पानी का महत्व

स्वस्थ रहने के लिए शरद ऋतु में पानी की पर्याप्त मात्रा आवश्यक है। समुद्र में प्यास कम लगती है, इसी वजह से लोग पानी कमाते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, समुद्र में गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र उपाय रहता है और गोलियों से बचने में मदद मिलती है। शरद ऋतु में स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, और आयुर्वेदिक नुस्खों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे हम असली ताकत से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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