सेहत – हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामले में क्यों बढ़ रही है बढ़ोतरी? कैसे कर सकते हैं डिफ्रेंस, डॉक्टर्स से कन्डोमिनेशन
हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर: देश और दुनिया में हार्ट डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का शिकार जान गंवा रहे हैं। आज के दौर में हार्ट डिजीज सबसे ज्यादा रेस्ट की वजह बन रही हैं। एक मसाला में इन शेल्फ़ का ख़ज़ाना मध्य आयु या वृद्ध लोगों पर अधिक होता है, लेकिन अब युवाओं पर इसका सबसे अधिक शिकार हो रहा है। आज कार्डियोलॉजिस्ट से जानेंगे कि हार्ट अटैक कार्ड और रिस्टोर क्या होता है। साथ ही यह भी जानेंगे कि बच्चों में हार्ट डिजीज के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और मस्तिष्क कैसे बच सकता है।
नई दिल्ली के एमएएसएच अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. चौधरी शास्त्री ने News18 को बताया जब हार्ट की धमनी ब्लॉक हो जाती है और पर्याप्त मात्रा में रक्त की मात्रा कम हो जाती है, तब इस कंडीशन को हार्ट अटैक कहा जाता है। कार्डियक अरेस्ट के बारे में बात करें, तो जब भी कोई व्यक्ति अपने हार्ट ब्लड को पंप करना बंद कर देता है और हार्ट स्टैंड स्टिल ऑफर में चला जाता है, तो उस कंडीशन को कार्डियक अरेस्ट का कहना होता है। कार्डियक अरेस्ट आर्टरी बंद होना या फेटल एरिडिमिया का कारण होता है। हार्ट अटैक माइनर या माइल्ड भी हो सकता है, लेकिन कार्ड अरेस्ट हमेशा के लिए सीवियर होता है। कार्ड अरेस्ट की कंडीशन में लोग रहते-फिरते गिर जाते हैं और इसमें ज्यादातर लोगों की मौत हो जाती है।
डॉक्टर शास्त्री ने बताया कि हृदय में 3 धमनियां होती हैं, जिनमें रक्त में रुकावट होती है और हृदय में रुकावट पैदा होती है। रिस्टोरेटिव कार्ड अचानक होता है और हृदय पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है। दिल की ये दोनों ही बीमारियां हैं और वर्तमान समय में इनमें से तीन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग रहते-फिरते, नाचते-गाते कार्डिएक आराम का शिकार जान गंवा रहे हैं। दोनों की सबसे बड़ी वजह गलत लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खाना और फिजियोलॉजी की कमी है। स्ट्रेस भी हार्ट डिजीज की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। क्रोनिक डिजीज से भी हार्ट अटैक और कार्डियक रिस्टोर की समस्या हो सकती है। हार्ट डिजीज से बचने के लिए पुरानी बीमारी पर नियंत्रण जरूरी है।
हार्ट डिजीज के जोखिम कारक जान लें
ग्रेटर के फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ. विवेक निगम ने News18 को बताया आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत खान-पान, धूम्रपान, शराब का सेवन समेत कई चीजें दिल के लिए खतरा पैदा कर रही हैं। बड़ी संख्या में लोग वर्कआउट, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा है। कई लोगों को तो बी.पी., शुगर लेवल की सर्जरी का पता ही नहीं चलता और अगर पता भी लग जाता है, तो कुछ दिन तक लंबी अवधि की दवा बंद कर देते हैं। इन सभी बेरोजगारों से दिल की सेहत ठीक हो रही है।
हार्ट डिजीज से ऐसे कर सकते हैं राहत
डॉक्टर टेलर ने बताया कि बच्चों में हार्ट अटैक बढ़ने के कई कारण हैं। उच्च रक्तचाप, तनाव फिजियोलॉजी एक्टिविटी की कमी, जंक फूड्स का सेवन, मोटापा, बीपी, शुगर जैसे फैक्टर्स हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह बन रहे हैं। परिवार नियोजन भी इन स्थिर की वजह से बन सकता है। दिल की धड़कन से बचने के लिए लोगों को अपनी जीवनशैली में सुधार करना चाहिए, भाग लेना चाहिए और सुझाव देना चाहिए। जिन लोगों को हार्ट डिजीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है, वे 30 साल की उम्र के बाद एक साल में एक बार फुल हेल्थ चेकअप कराते हैं। आपके उपकरण हैं, तब भी समय-समय पर जांच जरूरी है।
यह भी पढ़ें- प्राचीन काल से औषधि का काम कर रही है यह छोटी चीज! ओरल हेल्थ करे फॉर्मूला, इंफेक्शन का कर देवी खात्मा
पहले प्रकाशित : 27 सितंबर, 2024, 12:42 IST
Source link