सेहत – लो जी! 150 सेकंड का वॉकिंग-वर्कआउट फॉर्मूला, जुड़े रहने वालों के लिए बेस्ट, ऑफिस स्टाफ की कर छूट

पैदल चलने के स्वास्थ्य लाभ: फिजियोलॉजी एक्टिविटी के लिए स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि, मॉर्डन लाइफ में लोगों के पास पैसा है तो समय की कमी है। एक्टिविटी न होने से शारीरिक स्थिरता का घर बनता जा रहा है। लोग पैसा, नौकरी या दूसरी दुनिया के कामकाज स्वास्थ्य को अनसुना कर जा रहे हैं। एक ही जगह लगातार घंटों काम करना, देर से उठना, मोबाइल में लगे रहना ऐसी कई आदतें हैं जो हमारे शरीर को अंदर से बीमार बना रही हैं। इस तरह का तनाव लोगों की जान तक ले जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि सामान के साथ खुद को प्लास्टिक एक्टिविटी में रखें।

यदि आपके पास भी समय की कमी है तो 150 वॉकिंग-वर्क आउट फ़ॉर्मूले से अधिक ऑर्डर हो सकते हैं। नियमित नियमित करने से लंबे समय तक तनाव की छुट्टी होगी। साथ ही हमेशा तरोताजा महसूस करेंगे। अब सवाल है कि 150 वॉकिंग-वर्क आउटफॉर्म फॉर्मूले का अंतिम रूप क्या है? स्वस्थ रहने के लिए कैसे काम करें? इस बारे में न्यूज18 को बताओ रह रहे हैं दिल्ली के योगा ट्रेनर शशांक गुप्ता-

तनाव ले चुका महिला की जान

पुणे में वर्कशॉप लोड के स्ट्रेस डेस्ट जॉब करने वाली एक महिला की मौत हो गई। वहीं, चीन और थाईलैंड समेत दुनिया भर में कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें मृतकों की वजह से तनाव पैदा हुआ। ऐसे में अगर आप भी खुद को काम में तनाव महसूस करते हैं तो सबसे पहले खुद पर फिजियोथेरेपी रखें। इसके साथ ही रोज़ 150 का वॉकिंग-वर्क आउट सेशन करें। ये कम समय में डकैती करने का सबसे अच्छा तरीका है।

150 वॉकिंग-वर्कआउट फॉर्मूले क्या हैं?

शशांक गुप्ता गुप्ता हैं कि, इस फॉर्मूले में 30-30 आपको आस्था की 5 अलग-अलग चीजें करनी होती हैं। ये डेस्क जॉब या फिर मॉनसून की वजह से आउट न निकल पाने वालों के लिए और भी बेस्ट हैं। सबसे पहले आपको मार्च-पास्ट करना होता है, जिसमें एक ही जगह पर रुककर साड़ी करना होता है। अन्यत्र 30-40 तक करें. इसके बाद हाथों को ऊपर करके फ्लोर पर ही जंप करना है, इसे जंपिं जैक्स कहते हैं। तीसरी वस्तु का नाम है नी है. डायमेंशनल को बारी-बारी हॉफ बॉडी तक हाथों से टच करना है।

इसके बाद अपने आदिवासियों को पीछे की तरफ ग्रुप को टच करना है और इसे बैट किक्स कहते हैं। इसे करने से आपके प्लांट में हो रहे चॉकलेट में आराम मिलता है। इसके बाद आपको अपने ईसाईयों को हाथों से तलवों को टच करना होता है। इसके माध्यम से शरीर का सही ढांचा होता है। जंपिंग जैक्स या सीवीसी को कुछ देर बाद आप अपने ब्लड सर्कोलेट को बेहतर बना सकते हैं।

वस्तु के साथ-साथ सामग्री का प्रबंध करना

दिल्ली के घटक तत्व अमृता मिश्रा बताते हैं कि, अगर आप अपनी लाइफ में जुड़े हुए हैं तो अपने का भी खास हिस्सा हैं। इसके लिए थाली में एक दाल की कटोरी, छोटे चावल, हरी सब्जी और दो रोटी जरूर शामिल करें. इसके अलावा, फलों का सेवन भी जरूर करें, क्योंकि फलों का स्वाद चखने और शरीर पर बना रहता है। साथ ही ध्यान रखें कि प्लास्टिक में कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पीएं।

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