सेहत – शौचालय बनाने के लिए भारतीय शौचालय सबसे अच्छा या पश्चिमी शौचालय? वास्तविक ज्ञान गुप्तचर माथा
स्वास्थ्य के लिए कौन सा शौचालय सर्वोत्तम है: वेस्टर्न कल्चर को पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किया जाता है। बड़ी संख्या में लोग वेस्टर्न फैशन से लेकर फर्नीचर और गैजेट्स पसंद करते हैं। यहां तक कि घरों में भी पश्चिमी देशों की तरह की कंपनियों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत में एक तरह से देसी टॉयलेट का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे ज्यादातर घरों में देसी टॉयलेट बनाए जा रहे हैं। हर उम्र के लोग समुद्र तटीय शौचालय का उपयोग करना पसंद करते हैं और इसे स्वास्थ्य के लिए जादुई मानते हैं। हालांकि वोटर्स की सलाह तो शौच के लिए वेस्टर्न के बजाय टॉयलेट इंडियन ज्यादा बेहतर हैं।
जर्नल ऑफ एडवांस्ड मेडिकल एंड डेंटल साइंसेज रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार यह बात सुनने में अजीब लग सकती है, लेकिन इंडियन शेकिट वेस्टर्न की तुलना ज्यादा साफ होती है। सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा भारतीय शौचालय का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके शरीर का सीधे संपर्क में नहीं आता है और मूत्रवर्धक इंजेक्शन (यूटीआई) का खतरा कम हो जाता है। समुद्र तट पर स्थित समुद्री तट के संपर्क में आने से कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। समुद्र तट पर लोग टॉयलेट रोल का उपयोग करते हैं, जबकि भारतीय शौचालय में पानी का उपयोग किया जाता है। इसे भारतीय शौचालय में सबसे अधिक हाइजेनिक माना जा सकता है।
भारतीय शौचालय का उपयोग करना एक तरह का स्क्वाट लक्ष्य है। इस साक्ष्य में हमारे आदिवासियों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। समुद्र तट पर आप आरामदायक स्थिति में बैठते हैं और कोई पर्यटन नहीं होता है। भारतीय शौचालय का उपयोग करने से पाचन की प्रक्रिया बेहतर होती है। स्क्वाट के दस्तावेज़ में बैठ कर खाना खाने का सही तरीका बताया गया है। इस तरह के होटल से होटल का दबाव डाला जाता है, जिससे माल आसानी से निकल जाता है। पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय शौचालयों का अध्ययन करने से पेट से संबंधित चिंताओं का जोखिम कम होता है।
भारतीय शौचालय के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कचरा सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि इस सिद्धांत में शौच करने से कोलन पूरी तरह से साफ हो जाता है। कुछ रिसर्च की सलाह तो इंडियन टॉयलेट्स यूज़ करने से अपेंडिक्स और कोलन कैंसर का खतरा भी कम हो सकता है। खास बात यह है कि भारतीय शौचालय में गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत बुरी चीजें होती हैं, क्योंकि मलयाग के दौरान इस शौचालय में उनके गर्भ पर कोई दबाव नहीं होता है। ऐसा भी माना जाता है कि नियमित रूप से भारतीय शौचालय का प्रयोग करने से गर्भवती महिलाओं को स्टॉक में रखने में मदद मिल सकती है।
हालाँकि वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल से भी कोई नुकसान नहीं होता है। पश्चिमी तट पर लोगों के लिए सबसे ज्यादा अच्छा होता है, लोगों को दर्द या पीठ में दर्द और बैठने का आराम मिलता है। बुजुर्ग लोगों को उभरने-बैठने में होती है समस्या, इस कारण से इन लोगों के पश्चिमी तट पर सबसे ज्यादा कमाई हो सकती है। शारीरिक विकलांगता से उपचार कर रहे लोग भी वेस्टर्न शौचालय का उपयोग आसानी से कर सकते हैं। छोटे बच्चों के लिए भी वेस्टर्न टॉयलेट का उपयोग करना आसान होता है, क्योंकि उन्हें बैठने की सुविधा मिलती है। यह समुद्र तट अधिकांश आरामदायक हो सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 4 अक्टूबर, 2024, 11:55 IST
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