सेहत – 3 शिष्यों से समझिए कपल के बीच शुरू हुआ रूममेट सिंड्रोम, पति-पत्नी का घर तोड़ देता है ये, क्या है बचने के तरीके
रूममेट सिंड्रोम का संकेत: बेशक आपने ये बात नहीं सुनी होगी लेकिन ऐसा होता है गोपाल के समुद्र तट पर. जब तक रोमांटिक ड्रामा में कॉमेडी रहती है तब तक ऐसा महसूस नहीं होता है लेकिन कुछ कपल में धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे कॉमेडी कम होती है और एक-दूसरे की कमी होती है। इस स्टेज में दोनों के बीच रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत होती है। रूममेट सिंड्रोम यानि एक ही कमरे में रहता है समान अध्ययन को इलाज की बीमारी है। इसमें पति-पत्नी या कपल प्रेमी जोड़े या सबसे अच्छे दोस्त के जन्मदिन पर सिर्फ कमरे की साझेदारी करते हैं। ऐसा लगता है कि एक मोहल्ले में दो लोग रहने लगे। इसमें प्यार की भावनाओं में कमी आती है और व्यक्ति अपने काम में मगन रहता है। दोनों का अलग-अलग शौक और अनोखा होना प्रतीत होता है, दोनों के बीच एक-दूसरे की प्रति जिम्मेदारी या प्यार की भावना का अंत हो जाता है। एक कमरे में रहते थे दोनों- दोनों के काम, पसंद, इच्छाएं आदि से बेख़बर रहते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप दोनों के बीच ऐसा न हो, तो यहां जानें इसके कुछ लक्षण और फिर इस स्थिति से शुरुआत के उपाय जानें।
रूममेट सिंड्रोम के लक्षण
1. अलग-अलग जिंदगी–फोर्ब्स वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर कोपल एक ही घर में रहकर एक-दूसरे को जरूरत महसूस नहीं करता और अपना-अपना अलग-अलग जीवन जीता है तो इसका मतलब है कि रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत हो गई है। जैसे कमरे में रहते थे भी अगर कोई काम है तो ऐसा नहीं कि ये उसका काम है. यदि कोई बीमार हो जाए तो यह समझकर स्वयं दवा ले सकते हैं। इसमें सिर्फ अपनी पसंद और अपने जीवन के बारे में सामंजस्य शामिल है।
2. एक-दूसरे के साथ इंटीमेसी में कमी-किसी को भी दस्तावेज में एक-दूसरे के प्रति प्रेम की आवश्यकता होती है। यह सामान्य भी होता है और सेक्सुअल भी। लेकिन जब सेक्सुअल दिशानिर्देश सिर्फ रूटीन लीज लगे तो इसका मतलब यह है कि रूममेट सिंड्रोम हो गया है। इस स्थिति में सेक्स आपको जुनून या मुहब्बत से ज्यादा एक बाउंडता दिखता है। रूम में एक साथ है, इसलिए सेक्स करना है तो यह रूममेट सिंड्रोम है। अलिंगन में, गले लगाना या किस की कमी होना या इन चीजों को करने का मन नहीं है।
3. दोनों के बीच बातचीत कम हो रही है-अगर एक ही घर में रहने वाले गोपाल के बीच बातचीत कम हो जाती है या जो काम करता है, वह दूसरे को पता नहीं चलता है तो इसका मतलब है कि रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत हो गई है। किसी भी कठिन मुद्दे पर भी एक राय नहीं बनने के लक्षण हैं। इस स्थिति में किसी भी वस्तु को मित्र से लेकर किसी भी उद्येश्य पर नजर नहीं डाली जाती है।
इन मूल से कैसे तय करें
रिलेशनशिप कोच जेविका शर्मा का कहना है कि इन दोनों के बीच अपॉइंटमेंट के लिए दोनों के बीच बातचीत करना बहुत जरूरी है। अगर रूममेट सिंड्रोम तक आ गया तो पहले बिना किसी कारण के भी बातचीत करें। रिलशनशिप की जरूरत को समझें।इस पर विचार करें कि रिलेशन रखना है या नहीं। लेकिन एक-दूसरे से मतलब नहीं रह पाता लेकिन अगर आपके बीच कोई समस्या है तो इस मसले को सुलझाएं। एक-दूसरे के साथ एडजस्ट करना सीखें। एक-दूसरी की भावना को बिना किसी अजनबी के। समय निश्चित रूप से लागू है लेकिन संस्थागत से छुट्टी में प्रवेश मिलेगा।
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पहले प्रकाशित : 30 सितंबर, 2024, 14:23 IST
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