सेहत – अब सब होंगे एक फैमिली डॉक्टर, घर के हर मरीज का इलाज, अस्पतालों में कम होगी भीड़

आज से कुछ साल पहले तक एक ट्रेंड था कि घर में किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही थी, डॉक्टर को कॉल किया गया था और डॉक्टर अपनी दवा की अटकी लेकर फटाफट मरीज के घर पहुंच गए थे। ऐसे डॉ. रॉबर्ट्स परिवार को डॉ. डॉक्टर्स का परिवार कहा जाता था। कई बार ऐसा होता था कि घर में कोई भी बीमार हो जाता था, वे सभी डॉक्टर के पास दवा ले लेते थे और घर में कोई भी बीमारी हो जाती थी, ठीक भी हो जाती थी। हालाँकि जब से बड़े-बैट सुपर और मल प्लास्टिकी पार्टिकल्स पेशेंट हॉस्पिटल हॉस्पिटल खुले हैं और एलसीडी तरह की बैलिस्टिक का प्रकोप बढ़ा है, फ़ैमिली डॉक्टर्स या फ़ैमिली फ़िज़िशियन का ये कॉन्सेप मार्केट काफ़ी पीछे छूट गया है। अब बीमारी के खाते से लोग अस्पतालों में डॉक्युमेंट्री सिस्टम के पास इलाज के लिए जाते हैं।

लेकिन आपको बता दें कि अब सिर्फ शहरों में ही नहीं बल्कि रेगिस्तान में भी फैमिली स्टूडियो स्टूडियो का ट्रेंड वापस आने वाला है। अब सभी का एक फ़ैमिली डॉक्टर फ़्रैक्टर होगा, जिसकी सिर्फ़ क्लास ही नहीं होगी बल्कि फ़ैमिली मेडिसिन में भी पढ़ाई कर डिग्री लेकर आना होगा।

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अकादमी ऑफ़ फ़ेमिली फ़िज़िशियन ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रमन कुमार, News18hindi बातचीत में आस-पास के लोग कहते हैं कि भारत में पुराने समय में गाँव या शहर में ही रहने वाले वैद्य का कॉन्सेप्शन छूट गया था। में किसी को भी खांसी, बुखार या फिर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं थी तो घर के पास ही जाते थे। वह वैद्यकीय परिवार के डॉक्टर बने थे। लेकिन जैसे-जैसे मेडिकल मेडिसिन और वे स्टैंडर्ड इफ़ेक्ट फ़्रैट आए, यहां ऑक्सिडिटी मेडिकल साइंसेज में कला शुरू हुई, जो अब धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे-धीरे होने लगी। आपने अब तक सुना होगा कि डॉ. डॉ. गाइनेकोलॉजी की शुरुआत, कार्डियोलॉजी की शुरुआत, एंडोक्राइनोलॉजी की शुरुआत या ऑन-डॉक्टर गायनेकोलॉजी की शुरुआत होती है।

हालाँकि अब देश में फैमिली डॉक्टर रेक्टर या फ़ैमिली फ़िज़िशियन के कॉन्सेप सेटलमेंट को फिर से शुरू किया जा रहा है, लेकिन देश में नए बन रहे सभी एम एलिमेंट में फ़ैमिली मेडिसिन की पढ़ाई शुरू हो रही है। इसमें डॉक्टर डॉक्टर्स को प्राइमरी डॉयरेक्टर पर लगभग सभी चिकित्सकों के इलाज की ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि लोगों को हर छोटी-मोटी बीमारी के लिए डॉक्युमेंट्री पिक्चर के पास न भागना पड़े।

नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 में विशेष रूप से फेमिली फिजिशियन की चिकित्सा विधि फेमिली मेडिसिन को शामिल किया गया है। ऐसे में इस सेशल से सभी नए एम्स में फैमिली मेडिसिन विषय में एम डी की पढ़ाई शुरू होने जा रही है।

इन एम में शुरू हुई पढ़ाई
देश के करीब आधा किलो एम पोर्टफोलियो में फैमिली मेडिसिन में एमडी की पढ़ाई शुरू हो रही है। इनमें से एम जंक्शन जोधपुर में पहली बार 4 प्लांट प्लांट मेडिसिन के सामान रखे गए हैं। वहीं, रायपुर एम एलएलसी में भी आठवीं कक्षा के छात्रों ने फैमिली मेडिसिन की पढ़ाई के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा जो भी नए एम नामांकन बन रहे हैं वहां भी ये कोर्स शुरू होगा.

ये प्राइवेट कॉलेज भी दे रहे डिग्री
इतना ही नहीं मेडिकल काउंसिल इंडिया के सहयोग से कुछ निजी संस्थानों जैसे कि ब्लैककट मेडिकल कॉलेज केरल, सेंट जॉन लेवल मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु, सीएमसी मेडिकल कॉलेज वेल्लोर और मुंबई के मेडिकल कॉलेज में फैमिली मेडिसिन की पढ़ाई की जा रही है। वहीं करीब 200 क्लिनिकल में डीएनबी फैमिली मेडिसिन की पढ़ाई भी हो रही है।

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