सेहत – वजन कम करना है तो सबसे पहले वजन कम करना है, इसे बूस्टार्ट करने का असरदार तरीका जांचें, इसके बिना नहीं घटेगा घाटा

मेटाबॉलिज्म कैसे बढ़ाएं: बढ़ते वजन (वजन बढ़ना) से अगर आप भी परेशान हैं तो बताएं कि वेट लूज करने के लिए सिर्फ वजन और वजन बढ़ाना ही काफी नहीं है, बल्कि मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करना भी जरूरी है। अगर आपका मेटाबॉलिज्म धीमा है तो आपको बॉडी फैट (Body Fat) कम करने में मुश्किल महसूस होगी। लेकिन जब मेटाबॉलिज्म बढ़ता है तो इससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है और वजन कम करने में मदद मिलती है। यहां हम आपके लिए ऐसे ही शानदार तरीके लेकर आए हैं, जो आपके मेटाबॉलिज्म को सेकी बूस्ट करेंगे। इन प्रयोगों की मदद से न केवल घाटा होगा, बल्कि आपके फिटनेस में भी तेजी से गिरावट होगी।

वजन नियंत्रित करने के लिए इस तरह से मेटाबॉलिज्म बूस्ट करें

हेलदी इंस्टिट्यूट लीन क्लिवलैंड ट्रिक के अनुसार, सबसे पहले तो अपनी अंतःक्रिया और शरीर की पहचान को पहचानें। एंडोक्रिनाइटिस और मोटापा विशेषज्ञ मार्सियो ग्रिबेलर का कहना है कि हमें यह पता होना चाहिए कि हमारे शरीर के लिए हेलदी है और शरीर में कितना पोषण खाना है। प्रोटीन इंटेक विकसित है, आप प्लाइंट घटक, हेलदी फाइबर और अनाज ले रहे हैं या नहीं।

कब खाना चाहिएशोध में पाया गया है कि इस बात पर भी यह चेतावनी दी गई है कि आप किस वैजाइना किट केट्री इंटेक कर रहे हैं। मसलन, अगर आप सुबह हाई कैलोरी फूड ले रहे हैं तो रात 7 बजे के बाद हाई कैलोरी इंटेक तो नहीं ले रहे! यह भी जारी किया गया है कि लेटनाइट मेमोरियलनैनो की हैबिट जलदी हो, छोड़ो।

रोज करें अस्तायम्डॉ. ग्रिबेलर के अनुसार, हर हफ्ते 150 मिनट तक एरोबिक डिस्क (जो अधिक कैलोरी बर्न करती है और दिल के लिए कमाल करती है) और रेसिस्टेंस ट्रेनिंग (मैनस्पेसियों का निर्माण और अभ्यास करती है, जो अधिक कैलोरी बर्न करती है), दोनों करें। इसकी शुरुआत धीरे-धीरे होती है और फिर धीरे-धीरे बढ़ती है। आप हाई-इंटेंसिटी इंटरनेशनल ट्रेनिंग (HIIT) या लो-इंटेसिटी इंटरनेशनल ट्रेनिंग (LIIT) भी कर सकते हैं। शोध के अनुसार, ज्यादातर मामलों में (जैसे कंप्यूटर पर लंबे समय तक के अध्ययन से) मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।

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डायमेंशन फ्री बेड पूरी नींद जरूरीसलाह दी कि मैंने ऐसे लोगों को नहीं देखा जो तनाव में हैं और उनका वजन कम हो रहा है। जब शरीर में चमत्कारिक हार्मोन कम होता है तभी वजन घटने लगता है। इसके लिए आप योगा करें, आदि रेग्युलमाइलेट करें। इसके अलावा, नींद की कमी से भी कॉर्टिसोल (कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ जाता है जिससे वजन नहीं घटता, कुछ हासिल करने का व्हीहेल्पावर कम हो जाता है और यहां तक ​​​​कि डिसिजन स्केल में भी परेशानी होती है। इसलिए कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें।


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