सेहत – होटल और थोड़ी पर बाल का कनेक्शन क्या है? महिलाएं ना करें इसे वेबसाइट
ब्यूटीफुल लुक्स के लिए गर्ल्स फेस पर कोचिंग, वैक्सिंग या शेविंग करती हैं ताकि अनचाहे बालों से बाहर मिल जाए। आइब्रो और अपर लिप पर बाल उगना नाम है लेकिन चिन पर बाल उगना नाम नहीं है। लंबे काले और सख्त बाल रोग की तरफ भी इशारा करते हैं। कई महिलाएं ठोड़ी पर बाल लेकर आती हैं, लेकिन ये बालों की फोटो खींचती हैं। अगर किसी महिला के बाल इस तरह के उग रहे हैं तो उन्हें डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हार्मोन्स की गड़बड़ी
दिल्ली स्थित मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, साकेत में डर्मेटोपैथी डॉ. कशिश कालरा कहते हैं कि अगर किसी महिला की ठुड्डी पर कड़े बाल हों तो इसे मेडिकल भाषा में हिर्सुटिज्म (अतिरोमता) कहा जाता है। इसके पीछे कारण हार्मोन्स होते हैं। हर महिला में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे फीमेल हार्मोन के साथ ही कम मात्रा में मेल हार्मोन भी होते हैं। कई बार उनके शरीर में मेल हार्मोन्स बढ़ने के कुछ लक्षण सामने आते हैं। उदाहरण के लिए एंड्रोजन कहते हैं. इस हार्पर एंड्रोजनिया को दिखाया गया है खून में एंड्रोजन का लेवल सबसे ज्यादा होता है जिससे चिन पर बाल उगने लगते हैं।
पीसीओडी से कनेक्शन
डॉ. कशिश कालरा का कहना है कि चीन पर बाल उगना महिलाओं में पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) होने की ओर इशारा करता है। पीसीओडी में जरूरी नहीं कि होटल मिस हो जाएं। जिन लड़कियों को होटल की समस्या होती है, वहीं डॉक्टर के पास भी होते हैं लेकिन इस बीमारी में 70% लड़कियों को होटल की समस्या नहीं होती। थोड़ी पर बाल उगने के साथ ही ऐसी लड़कियों के चेहरे पर मुहंसे होंगे, स्कैल्प में गंजापन होगा और वह आकृति का शिकार करेगी। यह सब लक्षण देखकर डॉक्टर पीसीओडी देखने के लिए अल्ट्रासाउंड करवाते हैं। इसके अलावा कुछ ब्लड टेस्ट तकनीकें भी हैं जिनमें ब्लड मेल हार्मोन्स का लेवल देखा जाता है। पीसीओडी मिलने से इसका इलाज शुरू हो गया है।
कई बार स्ट्रेस और अवसाद से भी चिन पर अनचाहे बाल उगते हैं (इमेज-कैनवा)
जेनेटिक भी हो सकता है
कई बार लड़कियों के ठोड़ी पर बाल उगना जेनेटिक भी हो सकता है। अगर लड़की की मां, मासी, बेटी, नानी या दादी किसी के भी ठुड्डी पर बाल हों तो लड़की के भी यहां बाल उग सकते हैं। लेकिन अगर यह जेनेटिक नहीं है तो डॉक्टर कुछ टेस्ट करने को कहते हैं।
कई बार दवाइयों से भी होती है समस्या
चिन पर बाल कई बार स्टेरॉयड्स लेना या इस तरह की दवा लेने से भी उगते हैं। कई महिलाओं के चेहरे पर भी स्टार हाइड्रॉक्सी युक्त क्रीम की तलाश होती है ताकि रंग गोरा हो जाए जबकि उनके चेहरे की सुंदरता एक जैसी होती है। किसी भी ब्यूटी सैलून को बिना डर्मेटोसिस की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
लेजर प्रभावकारक
चिन पर अनचाहे बाल हों तो उसके लिए हार्मोन्स से जुड़ी दवाओं के साथ-साथ लेजर लेवल दिया जाता है। लेजर (विकिरण के उत्तेजित उत्सर्जन द्वारा प्रकाश प्रवर्धन) एक हेडर रिसर्च तकनीक है जिससे 70 प्रतिशत तक बाल खराब हो जाते हैं। इस तकनीक से सभी बालों को टार्गेट नहीं किया जा सकता क्योंकि ज्यादातर बढ़ते बाल होते हैं। असली बाले की साइकल होती है. जैसे स्कैल्प के 70% बाल बढ़ते हैं, 20% बाल बढ़ते हैं और 10% शेडिंग चेहरे पर होते हैं यानी कि उगते हैं। लेकिन चेहरे के बाल में यह साइकिल उल्टी होती है। यहां बाल बढ़ने कम होते हैं। इसलिए चेहरे पर बाल जल्दी आ जाते हैं और हर 15 दिन में ओझािंग की जरूरत खत्म हो जाती है।
लेजर बॅरेर्स का निर्माण सॉफ्ट है
लेजर लेवल काफी हद तक बालों को कम कर देता है। यह हार्ड बाल को मुलायम बनाकर बनाया जाता है जिससे अनचाहे बाल वाली फिलिंग खत्म हो जाती है। चेहरे पर 2 तरह के बाल होते हैं- टर्मिनल हेयर जो स्कैल्प, प्यूबिक एरिया और मर्दो की छाती या दाड़ी पर होते हैं। दूसरी तरह के बाल वील्स हेयर कहलाते हैं जो दिखाई नहीं देते। बहुत ध्यान से देखने के बाद ही छोटे-छोटे दिखेंगे। लेजर अंतिम टर्मिनल हेयर को वीलस हेयर में बदलना है।
सफ़ेद बालों पर नहीं होता लेजर का असर
अगर ठुड्डी पर सफेद बाल हों या काले रंग के मुलायम बाल हों, तो उस पर लेजर का असर नहीं होता। लेजर एक बीम है जो मेलेनिन को कम करता है। मेलानिन एक केमिकल होता है जो त्वचा और बालों को रंग देता है। अगर मेलानिन सबसे ज्यादा होगा तो बाल काले होंगे। लेजर बाल के बाल्प यानि कि स्ट्रेट को गलाता है क्योंकि मेलानिन इसके अंदर ही मौजूद होता है। लेजर से बाल के लंबे समय तक नहीं उगते। लेजर के 8 से 10 सेशन के लिए जाते हैं जिसके बाद रिजल्ट सामने आते हैं। इसे हर 2 से 3 महीने में दस बार लेजर लोन की जरूरत होती है। यह हमेशा के लिए डर्मेटिक्स से ही पता लगाना चाहिए।
अगर चिन पर बाल हों तो हरी सामग्री, ब्राउन राइस, नट्स और हल्दी को शामिल करें (छवि-कैनवा)
चुनावी तैयारी भी विकल्प
चिन के बालों को इलेक्ट्रोमैट्रिक्स से भी हटाया जा सकता है। तार से एक-एक बाल जल जाता है। इस तार में करंट प्रवाहित होता है जो बालों को जड़ से नष्ट कर देता है। इस तकनीक से बहुत दर्द होता है. अगर किसी महिला की ठुड्डी सफेद है तो उसे इलेक्ट्रोनिक से संपर्क करें। इस मसाले से सामान पर सामान भी पढ़ा जा सकता है।
चिन पर साशािंग या वैक्सिंग ना स्टाइल
डॉ. कालरा के अनुसार अक्सर महिलाएं चिन के बाल वैक्सिंग या झाड़िंग से निकलवा लेती हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए. अगर किसी महिला को एलर्जी नहीं है तो उसकी ठुड्डी पर बाल पड़ सकते हैं और अगर किसी महिला को एलर्जी नहीं है तो उसकी ठुड्डी पर भी बाल पड़ सकते हैं। थोड़ी सी चाय या वैक्सिंग के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे कि डैनीश, रैशेज़ या एक्ने।
रजोनिवृत्ति में भी बाल आ सकते हैं
कई बार चीन पर बाल रजोनिवृत्ति के समय भी उग आते हैं क्योंकि महिलाओं में ओवरी काम करना बंद हो जाता है जिससे उनके शरीर में फीमेल हार्मोन रिलीज नहीं हो पाते हैं। लेकिन इसे पीसीओडी नहीं कहते हैं। कई बार भर्ती में हार्मोन्स का निकलना- डिस्चार्ज होने के कारण भी थोड़े बाल उगते हैं।
पहले प्रकाशित : 15 अक्टूबर, 2024, 17:20 IST
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