सेहत – शुगर की दवा लेने वाले पुरुषों के बच्चों को अलॉट स्टॉक का खतरा? रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा
मधुमेह चिकित्सा नया अध्ययन: हाल ही में हुई एक बड़ी स्टडी में पता चला है कि टाइप 2 पीड़ित से पीड़ित जो पुरुष शुगर कंट्रोल करने के लिए मेट फॉर्मिन लेते हैं, उनके बच्चों में इस वजह से डॉक्युमेंट्स या खतरे का खतरा नहीं बढ़ता है। यह जानकारी पुरुषों के लिए महत्वपूर्ण है, जो काम करने वाले चिंतित हैं और कर्मचारी काम कर रहे हैं। इससे पहले एक अध्ययन में दावा किया गया था कि मेट फॉर्मिन का इस्तेमाल पुरुषों में जन्म से ही होने वाले बच्चों में हो सकता है, लेकिन नए अध्ययन में इस बात को खारिज कर दिया गया है और मेट फॉर्मिन को सुरक्षित बताया गया है।
नई स्टडीज़ नॉर्वे के डेटाबेस में कहा गया है कि मेट फॉर्मिन का इस्तेमाल टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है। यह दवा ब्लड में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। इस दवा को लेने से बच्चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस अध्ययन के लिए बेरोजगारी ने 30 लाख से अधिक के आंकड़ों का खुलासा किया। यह डेटा अलग-अलग देशों से इकट्ठा किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में ताइवान और नॉर्वे का डेटा शामिल था। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि मेट फॉर्मिन के बच्चों के साथ गर्लफ्रेंड्स का कोई संबंध नहीं है या नहीं।
अध्ययन के दौरान जब केवल टाइप 2 चूहों वाले पुरुषों पर ध्यान केंद्रित किया गया, तो यह पाया गया कि मेट फॉर्मिन के उपयोग से पिता के बच्चों में किसी भी प्रकार की असामान्यता का खतरा नहीं था। इसका मतलब यह है कि मेट फॉर्मिन लेने से बच्चों की सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। नेशनल ताइवान युनिवर्सिटी और ओस्लो युनिवर्सिटी के वर्कशॉप ने कहा कि यह स्टडी फ़ैक्टरी पुरुषों के लिए कमाल हो सकती है। इन डॉक्टरों को मेट फॉर्मिन के उपयोग पर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
शरीर में कैसे काम करता है मेट फॉर्मिन?
मेट फॉर्मिन एक दवा है, जो टाइप 2 नशे के इलाज में उपयोग की जाती है। यह मुख्य रूप से दो यूनिवर्सिट से काम करता है। सबसे पहले यह लिवर में ग्लूकोज का उत्पाद काम करता है, जिससे रक्त में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है। यह दूसरा शरीर का धारावाहिक है, जो कि सबसे अधिक प्रभावशाली तरीके से ग्लूकोज का उपयोग करता है। इसके अलावा मेट फॉर्मिन के अंदर शुगर के अवशोषण को भी कम किया जाता है, जिससे खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। रोगी की कंडीशन के अनुसार इस दवा की खुराक तय की जाती है।
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पहले प्रकाशित : 18 अक्टूबर, 2024, 16:00 IST
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