सेहत – महिलाओं में छोटी-छोटी बीमारियां हो सकती हैं कैंसर का शिकार, क्यों जरूरी है शरीर पर ध्यान देने की जरूरत?
टीवी एक्ट्रेस खूबसूरत खान कैंसर से जंग लड़ रही हैं। उनकी पहली बॉलीवुड एक्टर्स आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप, एक्ट्रेस महिमा चौधरी भी इस बीमारी से जूझ रही हैं। महिलाओं में वैज्ञानिक कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल भारत में करीब 162468 महिलाओं को यह पता चलता है लेकिन अगर यह सही समय पर पकड़ में आ जाए और इसका इलाज शुरू हो जाए तो इसमें महिलाओं की कमी 90% तक संभव है। अक्टूबर स्तन कैंसर जागरूकता माह (स्तन कैंसर जागरूकता माह) का महीना है. हर महिला को कैंसर के बारे में पता होना जरूरी है और खुद से इसकी जांच भी करानी चाहिए।
माँ को हो तो बेटी को हो सकता है
असंबंधित कैंसर जेनेटिक होता है। अगर किसी महिला को अनोखा कैंसर हुआ हो तो उनकी बेटी को भी इस बीमारी का खतरा रहता है। अगर किसी की फैमिली फैमिली इस तरह की रही हो तो ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।
अनमैरिड होना भी इसका कारण हो सकता है
रिसर्चगेट अध्ययन के अनुसार, मनोवैज्ञानिक कैंसर का ख़तरा अनमैरिड महिलाओं में 24% से 28% अधिक होता है। इसका कारण है बच्चे को जन्म न देना और तलाक न लेना। असलियत और वैधीकरण के दौरान कई हार्मोन्स मिनरल्स और वैशिष्ट्यपूर्ण स्क्रीनिंग से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
2020 में दुनिया में 685000 महिलाओं की कैंसर से मृत्यु हो गई। (छवि-कैनवा)
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
हॉर्मोनल फिजियोथेरेपिस्ट ज़ीनी महिलाओं को दिया जाता है जिनमें रजोनिवृत्ति हो चुकी है, यानी उन्होंने अपना काम बंद कर दिया है। यह थेरेपी 6 महीने से 1 साल के बाद बंद कर दी जानी चाहिए। सिंक्रोनाइज़ेशन डॉ. मसर्रत खान इसके अनुसार, जिन महिलाओं में यूट्रस नहीं होता, उन्हें एस्ट्रोजन थेरेपी दी जाती है और यूट्रस में एस्ट्रोजन प्रोजेस्टेरोन थेरेपी दी जाती है। इस थेरेपी में कृत्रिम तरीके से हार्मोन दिए जाते हैं लेकिन कई बार यह थेरेपी थेरेपी कैंसर की वजह बन जाती है। मायो क्लिनिक चेपी सेंटर फॉर वुमन हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, 50 साल बाद यह थेरेपी नहीं लेनी चाहिए। वहीं अगर कोई महिला लगातार 5 साल तक हार्मोन थेरेपी ले तो उन्हें कैंसर हो सकता है।
गर्भनिरोधक गोलियाँ भी हैं वजह
गर्भनिरोधक कैप्सूल अनचाहे से ठीक ही बचते हैं, लेकिन यह अनिद्रा का कारण भी बन सकते हैं। अमेरिका में हुई एक अध्ययन के मुताबिक 1 लाख महिलाओं से 8 में ऐसा मामला मिला। इन महिलाओं की उम्र 16 से 20 साल है, ये पिल्स कहलाती हैं। गर्भनिरोधक कैप्सूल वैसे तो सुरक्षित होते हैं लेकिन इनका अधिक मात्रा में उपयोग करना ठीक नहीं है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जो महिलाएं IUS में इंट्रायूट्रेन सिस्टम स्थापित करती हैं, उनसे भी खतरा बना रहता है। पिल्स और आईयूएस से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन रिलीज होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं।
लाइफस्टाइल खराब होने का खतरा
विचित्र कैंसर का कारण खराब लाइफस्टाइल भी है। महिलाओं में कई तरह के तनाव रहते हैं, जंक फूड खुले रहते हैं, धूम्रपान या शराब पीते हैं, इस तरह की जीवनशैली शरीर को खराब करने के साथ-साथ कैंसर की वजह भी बन सकती है। इसके अलावा मोटापा भी रिस्क को बढ़ा सकता है।
पिंक रिलाइंड कैंसर का प्रतीक है जो इस बीमारी से बीमारी की कहानी और उम्मीद को दिखाता है। (छवि-कैनवा)
आंकड़ों की जांच खुद करें
ज्यादातर महिलाओं को कैंसर का पता स्टेज 3 या 4 पर होता है। अगर किसी में दर्द महसूस हो, स्केल पर कोई पेट लगे, स्केल से खून आया हो या किसी तरल पदार्थ का घटक हो तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। हर महिला को हर रोज खुद से अपनी जांच की जांच करानी चाहिए ताकि समय रहते इस बीमारी को हराया जा सके। एफ़आईएल के सामने आए और अलग-अलग हिस्सों को हाथों से जोड़े और पूरी ताकत के साथ शुरू किया गया। जांच करें कि कोई आंत या सूजन तो नहीं। इसके बाद हाथों को सिर के ऊपर रखें और संतुलन को ध्यान से देखें कि किस तरह की शैली उनकी सख्त तो नहीं है, आकार या रंग अलग तो नहीं है, लंबाई का रंग पहले किस तरह का है या नहीं।
मैमोग्राफी जरूरी
हर महिला को 40 साल की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी जरूर करानी चाहिए। कैंसर से बचाव के लिए यह बेहद जरूरी है। यह एक एक्स-रे मशीन से होने वाला परीक्षण है जिसमें खण्ड की सतह के नीचे के टिशुज और डॉक्टरों को देखा जाता है। अगर किसी ने देखा है तो उसके बाद ट्यूमर का पता चल जाता है।
जैस स्टेज स्टेज इलाज
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, क्लासिक कैंसर कई तरह का होता है। कैंसर के प्रकार और उसके स्टेज का अवलोकन शुरू हो जाता है। कई बार सर्जरी, रेड थेरेपी, कभी कीमोथेरेपी तो कभी टार्गेटेड बायोलॉजिकल थेरेपी दी जाती है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के कहे तो अगर इसकी पहली स्टेज पर ही पता चल जाए तो वैश्वीकरण कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
पहले प्रकाशित : 13 अक्टूबर 2024, 12:54 IST
Source link