सेहत – रसोई का राजा है ये मसाला, सब्जी की चटनी को देता है दोगुना, औषधीय में भी हैं बड़े फायदे
जयपुर. मसालों में धनिया के दाने को सबसे अधिक पोषक तत्त्व वाला मसाला माना जाता है। छोटे-छोटे गोल आकार के धनिया के दाने के नमूने का स्वाद दुगना कर देते हैं। इसका तासीर अद्वितीय है, यह पेय पदार्थों में से एक है और इसका सेवन मुख्य रूप से किया जाता है। वजन नियंत्रण में धनिया अच्छा आहार माना जाता है।
इसके पत्ते चकतेदार हरे रंग के होते हैं। इसके बीच गोल हरे रंग के होते हैं जो पोषक तत्वों से संतृप्त होते हैं। धनिया के पाउडर को पीसकर पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है। किसान बड़े पैमाने पर धनिया की खेती करके समृद्ध आय प्राप्त करते हैं। आयुर्वेद में धनिया के दानों का औषधीय उपयोग किया जाता है।
धनिये के दानों का उपयोग कैसे करें
आयुर्वेदिक डॉ. किशन लाल शिक्षक हैं कि धनिया में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व पाया जाता है। इसका अलग-अलग उपयोग किया जा सकता है। मुख्य रूप से धनिया का उपयोग किया जाने वाला पाउडर मिला हुआ है। धनिया के मसाले का पानी पीने से पाचन तंत्र बना रहता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
धनिया के पानी को बनाने के लिए एक धनिया के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह पानी को अच्छा बनाना चाहिए. धनिये के मिश्रण का सेवन काढ़ा भी बनाया जा सकता है. धनिया के औषधि के रूप में प्रयुक्त सब्जी का प्रयोग विभिन्न प्रकार से किया जाता है।
धनिया के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन साइंटिस्ट लाल को धनिए में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्त्व मिलता है जिसे आयुर्वेद में धनिया औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। धनिया के मसाले और नारियल से बना काढ़ा पीने से बुखार से मुझे तुरंत राहत मिलती है।
इसके अलावा धनिया में मौजूद तत्व रक्त वाहिकाओं को फैलाकर रक्तचाप को कम कर देते हैं। वहीं धनिया में मौजूद शरीर से ब्लड बैलेंस में कमी रहती है और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी कम होता है।
इसके अलावा धनिया मेटाबोलिज्म ठीक हो गया है और पाचन तंत्र बेहतर काम कर रहा है। इसमें पाया जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण गठिया के इलाज में उपयोगी है। धनिया का सेवन करने से गठिया से राहत मिलती है। वहीं धनिया ओले को कम करने के साथ ही उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है।
यह पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैग्नीज और आयरन का अच्छा स्रोत होता है। यह उच्च पोटेशियम और कम पोटेशियम के कारण हृदय की दर और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
पहले प्रकाशित : 1 नवंबर, 2024, 21:27 IST
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