सेहत – बेहद शानदार है ये कोचिंग कोचिंग, बॉडी बनाने में भी करती है मदद

ठंड के सीज़न में फ़्लोरिंग फ़्लैट्स की डिजाईनें बढ़ती हैं। बादाम, काजू और टेलिविजन की तरह, मखाना भी जायरीन का एक बहुत ही बड़ा सूखा फल है। यहाँ पर बहुत से नामी तत्व पाए जाते हैं जो यहाँ पर बहुत काम आते हैं. इस दौरान मखाने की मांग बढ़ती है. बहुत से लोग इसके गुणधर्म के बारे में नहीं जानते। इसके स्वाद के कारण ही वे इसे खाना पसंद करते हैं।

देवताओं का भोजन
धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढन ने कहा, मखाने को देवताओं का भोजन कहा जाता है। इसके प्रयोग के बिना जन्म, मृत्यु, विवाह, शिशु स्नान, व्रत और यज्ञ घर हैं। अंडे का हर जगह विशेष महत्व होता है। मखाना बायोलॉजिकल प्लांट्स में उपलब्ध है, क्योंकि इसे बिना किसी रासायनिक पदार्थ या कीटनाशकों के उपयोग में लाया जाता है।

बॉडी बनाने की सलाह
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि कई लोग बॉडी बनाने के लिए जिम जाते हैं। शक्ति अध्यापन के रूप में विदेशी गुड़िया को मूलभूत बनाया जाता है। लेकिन देसी मखाने से बनी औषधि के इस्तेमाल से आपका वजन दोगुना और दालचीनी बढ़ सकती है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर की शक्तियों को भी प्रदान करता है। इसलिए जो लोग सुबह वॉक से लेकर जिम, योगा बार जाते हैं उन्हें देसी खाना जरूर खाना चाहिए।

शरीर स्वस्थ रहता है
रात को सोने से पहले दूध के साथ मखाने का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है। इसके नियमित सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। मखाना शरीर के उपयोग को सुन्न होने से सीखता है और दर्द और पीठ के दर्द से सीखता है। गर्भवती महिलाओं और किताबों के बाद कमजोरी महसूस करने वाली महिलाओं को खाना बनाना चाहिए। मखाने को दूध में पूरे भोजन से सूजन से राहत मिलती है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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