सेहत – कबाड़ियों को जड़ से उखाड़ेगा गुमटी पर मिलने वाला ये हरा पत्ता, राजा-महाराजा भी खाते थे ये नुसरखा, बहुत हैं फायदे

पाचन के लिए पान के पत्ते: आयुर्वेद में कई ऐसे आहारों के बारे में बताया गया है, जो बताते हैं कि हम अपने सामान्य जीवन में भले ही स्वस्थ रहते हैं, लेकिन उनका सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक औषधियों से कम गुणकारी नहीं होता। ऐसा ही एक पत्ता है, जिसे आज से बल्की सांझ से नहीं बल्कि पेट की परेशानियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पत्ते का राज़-महाराओं के समुद्र तट में भी कहा जाता था और आज भी आपको शहर की गुमटी के स्मारक दस्तावेज़ शैली में ये खाने को मिलेंगे। हम बात कर रहे हैं पान के पत्तों की। पान के पत्ते के सेवन से पाचन संबंधी पोषक तत्वों से राहत मिलती है। पान के पत्तों का उपयोग पूजा-पाठ में भी नहीं किया जाता है। आइए आपको इसके स्वास्थ्य से जुड़े अंकों के बारे में बताते हैं।

आपने देखा होगा, शादियों में एक दुकानदार के बाद पान बनाने की भी तैयारी हो रही है। कई लोग खाने के बाद मीठा पान खाना पसंद करते हैं, क्योंकि इससे खाना पचाने में आसानी होती है. पाचन तंत्र के लिए पान के प्याले मॅने जाते हैं। अगर उदाहरण के तौर पर डेली घटक शामिल किया जाए, तो असंयम डाइजेस्टिव स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। एक पार्ट की छूट तो पान के पत्तों का सेवन पुराने से पुराने कबाड़ को भी जड़ से उखाड़ देता है। लेकिन लोग अक्सर एक ही तरीके से पान के पत्ते का सेवन करते हैं। जबकि इसमें कई सम्मिलित घटक शामिल हो सकते हैं। आइए जानते हैं, पान के पोषक तत्वों को अपने सेवन में कैसे शामिल करें।

पाचन तंत्र के लिए क्यों खतरनाक हैं पान के पत्ते? (पान पाचन स्वास्थ्य के लिए क्यों अच्छा है)
पान के पत्ते चबाने से मुंह में लार का उत्पादन बढ़ता है, जो पिज्जा को आसान बनाता है। पान के शिष्यों में डाइजेस्टिव एंजाइम मौजूद होते हैं, जो दर्शनार्थियों को ब्रेकडाउन करने में मदद करते हैं। इनमें से सेवन से मेटाबोलिज्म बूस्ट होता है और डाइजेशन बेहतर होता है। इनमें मौजूद मौजूद गुण गेट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

आप आरेख तो पान के विक्रेताओं को किक, मसाला या किसी भी सब्जी में मसाला भी शामिल कर सकते हैं

ऐसे करें पान के पत्तों का सेवन (पाचन को स्वस्थ रखने के लिए कैसे करें पान के पत्तों का सेवन)

– अगर आपको कब्ज, ब्लोटिंग या अपच की समस्या है तो आप पान के मसाले की चाय बना सकते हैं। इसके सेवन से डाइजेस्टिव उत्पादों का उत्पादन बढ़ता है और शरीर में पोषक तत्व सोख मिलते हैं।
– चाय बनाने के लिए एक कप पानी में 2-3 घटिया पान के पत्ते डालें। इसे 4 से 5 मिनट तक पकाया गया और इसमें थोड़ा सा फिलामेंट डाला गया।
– एसिडिटी या पेट में जलन हो तो आप ठंड़ी-ठंडी पान की दवाएँ पी सकते हैं। इसके सेवन से पेट को ठंडक मिलेगी और पेट में एसिड कम होगा। – अगर आपको सूजन, कब्ज या एसिडिटी है तो इसके सेवन से आपको काफी राहत मिलेगी। पान के मसाले को केले या आम के साथ ग्रेनड बनाकर आप रेसिपी बना सकते हैं।
– आपके पास हमेशा ही पाचन संबंधी विकार रहते हैं, तो आप इसे कच्चा भी खा सकते हैं। आप गुनगुने पानी के साथ पान के पत्ते चबाकर खा सकते हैं।
– आप स्ट्राइक तो पान के दुकानदारों को कीक, पास्ता या किसी सब्जी में शामिल सामग्री भी शामिल कर सकते हैं।


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