सेहत – लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर एस. के. सरीन की चेतावनी, आपके घर में ही हर तीसरी बात है इस बीमारी का शिकार, अभी से न चेते तो होगी मुश्किल

लीवर के बारे में चौंकाने वाला सच: डॉ. शिव कुमार सरीन लिवर के सबसे बड़े डॉक्टर माने जाते हैं। वे समय-समय पर लिवर को लेकर आगाह करते रहते हैं। डॉ. सरीन ने रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि भारत में हर तीन में से एक व्यक्ति को ग्रुप लिवर डिजीज की तलाश है। दिल्ली में तो और भी बुरा हाल है. राजधानी दिल्ली में दो लोगों से एक व्यक्ति को जोड़ा जाता है। मूल रूप से इसके बारे में लोगों को पता नहीं होता है और लोग इसे मंजूरी दे देते हैं। लेकिन धीरे-धीरे दारा लिवर में जब भी लिवर बढ़ता है तो यह भयंकर होता है। यह आपके पूरे सिस्टम को लंज-पंज कर देता है। समूह लिवर के कारण वर्जिन रेजिस्टेंस हो जाता है जिससे श्रमिकों की बीमारी होती है। जबकि मोटापा तो बढ़ा हुआ ही है. डॉ. एस के सरीन ने बताया कि एक तरह से हमारे लिए फायर फ्लेयर है कि फिर भी संभलने का मौका है बाद में बहुत दिक्कत होगी।

क्यों होता है कपल लिवर डिजीज
एक एनी को विवरण में डॉ. एक. के सरीन कहते हैं हम जब खाते हैं तो कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन आदि बनते हैं। ये सब आख़िरकार लिवर में है और लिवर इसे ऊर्जा में बदल देगा। इसके बाद जो उसे हार्मोन और एंजाइम में बदल देगा। इसके बाद जो बचेगा वह मसल्स में चलेगा। यदि इसके बाद भी एनर्जी बैच होता है जो कि फाट के रूप में रहता है तो यह लिवर में जमा होना प्रतीत होता है। अगर यह ज्यादा जमा होता है तो यह कपल लिवर डिजीज बन जाता है। इसमें यह अतिरिक्त फैट लिवर में घाव करने लगता है जो धीरे-धीरे-धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर लेता है। इससे सिरोसिस और अंत में लिवर कैंसर भी हो सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं. सबसे अधिक कैलोरी लेना प्रमुख कारण है। यह लागत जब खर्च से ज्यादा कमाई लगे तो अंतिम कमाई लगती है और लीवर में जमा होना लगती है। यही जान का दुश्मन बन जाता है.

कैसे जानें कि पार्टनर लिवर डिजीज हो गया है
डॉ. सरीन का कहना है कि जब आपके शरीर में ज्यादा मात्रा में कैलोरीज बन जाएं तो पैरों में सामान होना और लिवर में जम जाना। यदि लिवर में लिवर का वजन 5 प्रतिशत से अधिक हो जाता है तो लिवर में वजन होना शुरू हो जाता है। 10 प्रतिशत से अधिक बहुमत लिवर डिजीज को जन्म देता है। 30 प्रतिशत से अधिक फैट ग्रेड टू लेवल का ग्रुप लिवर डिजीज होता है जबकि 50 प्रतिशत से अधिक फैट ग्रेड वाला ग्रुप लिवर डाइजिज होता है। इससे लीवर का छिलना प्रतीत होता है और इसके चारों ओर घाव होने का आभास होता है। फिर सिरोसिस और लिवर कैंसर भी हो सकता है। इसे बाहर से समझना संभव नहीं है। लिवर धीरे-धीरे-धीरे-धीरे कठोर हो जाता है और क्रोनिक कैंसर में हो जाता है। इसके लिए कुछ टेस्ट हैं जो डॉक्टर साबित होते हैं। फिर पता चलता है कि किस स्टेज वाला साइबेरियाई लिवर डिजीज है।

किन लोगों को पार्टनर लिवर का सबसे ज्यादा खतरा है
वैसे तो हर तीन में से एक को कंपार्टमेंट लिवर डिजीज हो सकता है इसलिए हर इंसान को यह बीमारी होनी चाहिए कि उसे कंपार्टमेंट लिवर डिजीज हो सकता है। कुछ जोखिम कारक है. अगर यह जोखिम कारक व्यक्ति के साथ खराब हो गया है तो ऐसे लोगों को लिवर का खतरा सबसे ज्यादा है। मसलन अगर किसी व्यक्ति के नजदीकी खून वाले रिश्ते में पहले से किसी व्यक्ति का लिवर है तो उसे सबसे ज्यादा खतरा है। इसके अलावा सबसे बड़ा कारण मोटापा है। अगर किसी व्यक्ति का बी ग्रुप 23 से 25 के बीच है तो उसे सबसे ज्यादा खतरा बी बी ग्रुप 25 से है तो निश्चित रूप से उसे पार्ट बी लिवर का सबसे ज्यादा खतरा है। वहीं जिन लोगों को ब्लड डिसऑर्डर होता है, हाई ब्लड डिसऑर्डर होता है, हाई ब्लड प्रेशर होता है, तो ऐसे लोगों को लिवर डिजीज का सबसे बड़ा खतरा होता है। ऐसे व्यक्ति को निश्चित रूप से लिवर की जांच करनी चाहिए और इसके लिए आवश्यक चरण अध्ययन करना चाहिए।

बीमारी कैसे हो
डॉ. सरीन का कहना है कि इसके लिए सबसे पहले काम की सामग्री को नियंत्रित करें। आज से ही फलों का सेवन छोड़ें। स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों का मतलब यह है कि वे ऐसी सामग्रियां तैयार करते हैं जिन्हें बनाने के लिए कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। उदाहरण के लिए पिज्जा में बंद पेस्ट्री, बिस्कुट, चॉकलेट या अधिक दिन तक चलने वाली चीजें, मैदा से बनी चीजें, चीनी के सबसे खतरनाक खाद्य पदार्थ हैं। डॉ. सरीन के अनुसार अगर लिवर डिजीज से बचना है तो सूजन वाली चीजों को हाथ न लगाएं। पिज्जा, बर्गर, फास्ट फूड, जंक फूड, रेड मीट आदि सूजन वाली चीजें हैं। चिप्स, कुकीज कुक, पेस्ट्रीज आदि सूजन वाली चीजें जैसी रि फ्राइंग वाली वस्तुएं हैं। ध्यान रहे शराब भी बहुत खतरनाक स्टोकैण्ड और सूजन वाले खाद्य पदार्थ हैं। इन आलमारी जगह पर घर में कुदरती से पका हुआ खाना बना दिया गया। रोज़ाना हरी पत्तीदार फैक्ट्री, पालक, गोभी, मीठी मिर्च, मछली, शकरकंद, अन्य फल, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, साबुत अनाज, सीड्स, नट्स, बादाम, मूंगफली आदि का सेवन करें। अंतर्वस्तु के बाद सूची बनाना बहुत जरूरी है। आप जो लक्ष्य रखते हैं वह लक्ष्य नहीं है। डॉ. सरीन कहती हैं कि ऐसा काम जिसमें जब तक पिया न आए वो गोल नहीं हुई। जैसे अगर आप पैदल चलते हैं अगर इसमें खाना शामिल नहीं है तो उसका कोई मतलब नहीं है। खुद से करें लक्ष्य लेकिन मेहनत करके, तब होगा फायदा.

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