सेहत – दिसंबर में होने वाली है शादी? एलायंस से पहले लड़का-लड़की करा लें ये मेडिकल टेस्ट, जानें कौन सा टेस्ट कराना है जरूरी?

वेडिंग सीजन (शादी का सीजन) चल रहा है। इस महीने लाखों लोग शादी के बंधन में बंध चुके हैं और अपनी गैदरुअल लाइफ की शुरुआत भी कर चुके हैं। अगले महीने यानि दिसंबर में भी खूब शादियाँ होंगी। जिन घरों में शादी वाली है, वहां जोर-शोर से अलग, दुकानदार आदि चल रही होगी। एसोसिएट्स की लिस्ट तैयार करना, फूड मेन्यू तय करना आदि ढेरों काम होते हैं। होने वाले अकेले-दुल्हन को शादी के दिन कैसे दिखाएंगे, क्या पहनेंगे, कैसा मेकअप होगा, इन बातों की चिंता बनी रहती है। इन सबके बीच में जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है, उसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। खासकर, आज की लाइफस्टाइल में इस पर ध्यान न दिया जाए तो आगे की बात अलग-अलग जिंदगी में खटास आ सकती है। हम कर रहे हैं शादी से पहले कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट और चेकअप के बारे में। अगर आप शादी से पहले ही कुछ जरूरी टेस्ट करा लें तो भविष्य में कई तरह के स्वास्थ्य इशू और रिश्ते में दूरियां से बच सकते हैं। मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर (नई दिल्ली) की सिंक्रोनाइज़ेशन और आईवीएफ स्पेशलिस्ट, मेडिकल मैनेजमेंट डॉ. शोभा गुप्ता News18 हिंदी से जानिए इस बारे में विस्तार से.

शादी से पहले मेडिकल टेस्ट क्यों जरूरी?

डॉ. शोभा गुप्ता कहा जा रहा है कि हाल के वर्षों में शादी से पहले मेडिकल टेस्ट का वोग काफी बढ़ा हुआ है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शादी के बाद पति-पत्नी शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। मेडिकल करवा परीक्षण किसी भी स्वास्थ्य सेवा से बचाया जा सकता है। कई तरह के मेडिकल टेस्ट होते हैं, जो शादी से पहले हर लड़के-लड़की को जरूर करवाना चाहिए।

मेडिकल टेस्ट महत्वपूर्ण क्यों हैं?

1. अनुवांशिक बस्ती से आरक्षण होगा

अनुवांशिक खतरे का खतरा अधिक होता है। ऐसे में सिकल सेल रोग, थैलेसीमिया और अन्य रक्त संबंधी विकार पाए जाते हैं। शादी से पहले किसी मेडिकल टेस्ट के बारे में जानने से यह पता चल जाएगा कि पति-पत्नी किसी गंभीर बीमारी के वाहक हैं या नहीं। यदि ऐसा है, तो उन्हें शादी से पहले चिकित्सकीय सलाह लेकर निर्णय लेना चाहिए, अन्य बच्चों का भी ये फैसला हो सकता है।

2. रिप्रोडक्टिव हेल्थ की जानकारी

जनरेशन क्षमता और जनरेशन स्वास्थ्य से जुड़े सामान कई जोड़ों के लिए एक प्रेरणा स्रोत होते हैं। शादी से पहले परीक्षण से यह पता लगाया जा सकता है कि एचआईवी, सिफिलिस, गोनोरिया आदि जैसे कोई यौन संचारित रोग (एसटीडी) तो नहीं है। यह जानकारी विवाह के बाद न केवल स्वास्थ्य संबंधी सहयोगियों से बचने में मदद करती है, बल्कि मित्रतापूर्ण विश्वास और समझ को भी बढ़ावा देती है।

3. ब्लड ग्रुप की जानकारी

शादी से पहले रक्त समूह की जानकारी जरूरी है, क्योंकि अगर पति-पत्नी का रक्त समूह अलग-अलग है, खासकर जब पत्नी का रक्त समूह Rh-नेगेटिव और पति का Rh-पॉजिटिव हो, तो इससे वर्गीकरण में अंतर आ सकता है। सही समय पर इस जानकारी से मिलकर भविष्य में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से सुनिश्चित किया जा सकता है।

4. मानसिक स्वास्थ्य का आकलन

मेडिकल टेस्ट न केवल चिकित्सीय उपयोग का पता लगाया जाता है, बल्कि इस बात की भी जांच की जाती है कि किसी व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कोई खतरा नहीं है। डिप्रेशन, एंजायटी, स्ट्रेस या फिर कोई अन्य मानसिक विकार, शादी के बाद जीवन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में शादी से पहले मानसिक स्वास्थ्य का आकलन भी महत्वपूर्ण है, ताकि शादी के बाद बेहतर सामंजस्य और सामंजस्यपूर्ण समझ स्थापित हो सके।

5. संक्रामक रोगों की जांच

आज कई संक्रामक रोग (संक्रामक रोग) हैं, जिन्हें एक व्यक्ति से दूसरा व्यक्ति आसानी से पहचान सकता है। कुछ संक्रामक रोग जैसे टीबी, टीबी और सी गंभीर हो सकते हैं। शादी के बाद पति-पत्नी दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। शादी से पहले टेस्ट के जरिए इन बच्चों का जल्दी पता लगाकर उनका इलाज किया जा सकता है।

किन्हें मेडिकल टेस्ट उपकरण चाहिए?

1. जो लोग पारिवारिक विवाह कर रहे हैं

भारत में अभी भी पारिवारिक विवाह की परंपरा बहुत सामान्य है। ऐसे में जो शादी में परिवार के साथ शामिल हो रहे हैं, उन्हें अनुवांशिक चुनौती की जांच करानी चाहिए। करीबी रिश्तेदारों के बीच शादी में अनुवांशिक बिल्डर का जोखिम अधिक होता है, इसलिए ऐसे मामलों में मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी हो जाता है।

2. सम्मिलित आलेख आयु 30 से अधिक हो

यदि किसी की शादी 30 वर्ष से अधिक की आयु में हो रही है, तो जन्म स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। आयु वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन क्षमता कम होती है और कई मामलों में महिलाओं को भर्ती में शामिल करने का सामना करना पड़ता है। पुरुषों में भी शारीरिक क्षमता प्रभावित हो सकती है, इसलिए इन मामलों में मेडिकल टेस्ट विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है।

3. जो पहले किसी शारीरिक या मानसिक रोगी से पीड़ित रहे हों

अगर किसी व्यक्ति को पहले कोई शारीरिक या मानसिक बीमारी हो, तो शादी से पहले इस बारे में पूरी जानकारी लेकर टेस्ट कराना जरूरी है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि शादी के बाद लड़की को किसी भी बीमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा और शादी के बाद जीवन साथी के रूप में छोड़ दिया जाएगा।

4. जो अंतर्राष्ट्रीय या अलग शैली में विवाह कर रहे हों

अगर शादी दो अलग-अलग देशों या संस्कृति के लोगों के बीच हो रही है, तो मेडिकल टेस्ट अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। विभिन्न सामग्रियों और देशों में प्रयोगशालाओं के प्रकार और चिकित्सा परंपराएं अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए इस बात का पता लगाना जरूरी है कि दोनों व्यक्ति स्वस्थ हैं या नहीं।

मेडिकल टेस्ट के फायदे

1. प्राचीन एवं मानसिक शांति

मेडिकल टेस्ट से दोनों पति-पत्नी को मानसिक और सांस्कृतिक रूप से शांति मिलती है कि वे एक-दूसरे के स्वास्थ्य के बारे में पूरी तरह से जानते हैं। इससे जुड़ा विश्वास भी मजबूत होता है, जो किसी भी तरह के लिए महत्वपूर्ण है।

2. भविष्य की बेहतर योजना

अगर टेस्ट के दौरान किसी बीमारी का पता चल जाए तो उसका समय पर इलाज संभव है। इससे न केवल मॉडलिंग का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि भविष्य में बच्चों को भी स्वास्थ्य व्यवसायों से जोड़ा जा सकता है। इस तरह की जानकारी विवाह से पहले विवाह के बाद बेहतर जीवन की योजना बनाने में मदद मिलती है।

3. स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से मुक्ति

मेडिकल परीक्षण से उन स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों को बचाया जा सकता है, जो शादी के बाद पैदा हो सकते हैं। समय-समय पर जानकारी बैठक से मानदंड, चिकित्सा परामर्श और अन्य उपचारों की समस्या का समाधान निकाला जा सकता है और सुखी स्नातक जीवन जिया जा सकता है।

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