दुनियां – यूं ही नहीं लेबनान में हो रहे धमाके, इजराइल की नॉर्थ बॉर्डर प्लानिंग का हिस्सा – #INA

लेबनान में 17 सितंबर को हजारों पेजर ब्लास्ट हुए तो अगले ही दिन 18 सितंबर को अचानक वॉकी-टॉकी में धमाके होने लगे. ये दोनों ही डिवाइस हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन नेटवर्क की लाइफलाइन मानी जाती हैं. माना जा रहा है कि इजराइल ने हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन नेटवर्क में ये तबाही मचाई है.
भले ही इजराइल ने सीधे तौर पर इन हमलों की जिम्मेदारी न ली हो लेकिन उसके शीर्ष अधिकारियों की ओर से आए बयान इशारा करते हैं कि ये किसी और का नहीं बल्कि इजराइल का ही काम है.
इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने साफ कर दिया है कि युद्ध के एक नए युग की शुरूआत हो चुकी है. गैलेंट ने लेबनान में हुए धमाकों का जिक्र किए बिना ही इजराइली सेना और खुफिया एजेंसियों के काम की सराहना की और कहा कि, ‘परिणाम बहुत प्रभावशाली हैं.’
इजराइल के निशाने पर क्यों है हिजबुल्लाह?
इजराइल ने अचानक लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर अभियान क्यों छेड़ा है? इसके पीछे कई कारण हैं लेकिन सबसे बड़ी वजह है इजराइल की नॉर्थ बॉर्डर पॉलिसी.
दरअसल, 7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से ही इजराइल ने गाजा में हमले शुरू कर दिए. गाजा इजराइल के दक्षिणी बॉर्डर पर लगता है. हमास के खिलाफ इस जंग में हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. एक तरफ हमास इजराइल से टक्का लेने के प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ से हिजबुल्लाह ने भी 8 अक्टूबर से ही इजराइल के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. इजराइल पर हमलों को हिजबुल्लाह अपने सहयोगी हमास और गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में किया गया हमला बताता है.
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नॉर्दर्न इलाके में हिजबुल्लाह ने मचाई तबाही
इजराइल हर तरफ से मुस्लिम देशों से घिरा हुआ है. इसका उत्तर का इलाका लेबनान से लगता है. उत्तर-पूर्व में सीरिया, पूर्व और दक्षिण-पूर्व में जॉर्डन, दक्षिण-पश्चिम में मिस्र और दक्षिण में लाल सागर है. उत्तरी इजराइल के कई इलाकों को लेकर लेबनान के साथ मतभेद हैं और हिजबुल्लाह इन इलाकों पर इजराइल के कब्जे को अवैध मानता है. ये ठीक उसी तरह है जैसे गाजा के कई हिस्सों पर इजराइल के कब्जे को हमास अवैध मानता है. माना जाता है कि इजराइल ने नॉर्थ क्षेत्र में अवैध इजराइली बस्तियों में लाखों यहूदियों को बसाया है, जो फिलिस्तीनियों पर जुल्म करते रहते हैं.
लेबनान बॉर्डर के करीब होने के कारण बीते करीब एक साल से हिजबुल्लाह लगातार इजराइल के नॉर्दर्न इलाकों को टारगेट करता रहा है. इजराइल के कुछ सैनिकों की यहां मौत भी हुई है. हिजबुल्लाह के हमलों की वजह से करीब 60 हजार यहूदियों को नॉर्दर्न इजराइल छोड़ना पड़ा है.
यहूदियों की वापसी युद्ध का नया लक्ष्य
यही वजह है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को सुरक्षा कैबिनेट मीटिंग के दौरान युद्ध के नए लक्ष्यों में इसे शामिल किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया है कि इजरायल ने देश के उत्तरी भाग में रहने वाले निवासियों की सुरक्षित वापसी को अपना आधिकारिक युद्ध लक्ष्य बना लिया है. साथ ही कहा गया है कि इजराइल इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी कार्रवाई को जारी रखेगा.
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हिजबुल्लाह पर हमला नॉर्थ बॉर्डर पॉलिसी का हिस्सा?
लेबनान में अचानक हुए इन धमाकों को इजराइल की इसी कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है. हिजबुल्लाह के साथ इजराइल की अदावत दशकों पुरानी है लेकिन मौजूदा स्थिति में इजराइल के लिए नॉर्दर्न हिस्से में यहूदियों की सुरक्षित वापसी साख का सवाल बन गई है.
इजराइली सेना के प्रमुख जनरल हर्जी हलेवी ने बुधवार को उत्तरी कमान का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘इजराइली सेना अब भी ऐसी क्षमताओं से लैस है जिसका प्रदर्शन अब तक नहीं किया गया है.’ उन्होंने कहा कि जब इजराइली सेना युद्ध के किसी चरण को अंजाम दे रही होती है तो अगले दो चरणों के लिए तैयारी पहले ही पूरी कर ली जाती है. हलेवी ने कहा है कि युद्ध के हर चरण में हिजबुल्लाह को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी.
IDF चीफ के इन बयानों से साफ है कि इजराइल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ फुलप्रूफ प्लान तैयार कर रखा है. एक-एक कर जब इन योजनाओं को एक्टिवेट किया जाएगा तो लेबनान से तबाही की तस्वीरें सामने आती रहेंगी. अब तक जंग के मैदान में इजराइल को बैकफुट पर खेलते हुए नहीं देखा गया है और हिजबुल्लाह के कम्युनिकेशन सिस्टम में मची तबाही भी इसी का उदाहरण है.
हमास के बाद अब हिजबुल्लाह का हिसाब?
करीब एक साल से जारी इस जंग में एक तरफ हमास की कैद में अब भी करीब 97 इजराइली बंधक हैं तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह की दहशत से खाली हुआ उत्तरी इलाका. यही नहीं यमन के हूती विद्रोहियों की मिसाइल जब तेल अवीव तक पहुंच गई तो इससे इजराइल की ताकत पर सवाल उठने लगे. इन तमाम सवालों के बीच इजराइल ने एक बार फिर आक्रामक अंदाज को तेज कर दिया है. इसी कड़ी में इजराइल ने लेबनान बॉर्डर पर करीब 20 हजार सैनिकों की तैनाती कर दी है. यानि अब वो गाजा की तरह लेबनान में भी सैन्य ऑपरेशन के लिए तैयार है.
इजराइल हिजबुल्लाह के खिलाफ वैसी ही रणनीति अपना रहा है जैसा उसने हमास के खिलाफ अपनाया था.इजराइल ने गाजा में जब जमीनी ऑपरेशन शुरू किया था तो उससे पहले हमलों के जरिए पहले हमास को कमजोर किया जिससे जमीनी ऑपरेशन करने में कम चुनौतियों का सामना करना पड़े, ठीक उसी तरह इजराइल अब हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान चला रहा है. इन धमाकों के जरिए इजराइल ने हिजबुल्लाह पर दोहरा प्रहार किया है, पहला- हिजबुल्लाह के संचार तंत्र को तबाह कर दिया और दूसरा- हिजबुल्लाह के हजारों लड़ाकों के घायल होने से ये संगठन अब कमजोर हो गया है. साफ है इजराइल के लिए लेबनान की सीमा में घुसकर अब हिजबुल्लाह के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन चलाना आसान हो गया है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम

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